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बेंगलुरु : निजी अस्पताल ने कोरोना मरीज को थमाया पांच लाख रुपये का बिल

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Published : Jul 30, 2020, 3:40 PM IST

बेंगलुरु में एक निजी अस्पताल ने कोरोना मरीज को पांच लाख रुपये का बिल थमा दिया. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

अस्पताल की मनमानी
अस्पताल की मनमानी

बेंगलुरु : एक निजी अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस के मरीज से कथित तौर पर पांच लाख रुपये की फीस लेने का मामला सामने आया है. कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए बुधवार को कहा कि वह अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.

राज्य में कोविड-19 प्रबंधन के प्रभारी डॉ. सुधाकर ने अपने टि्वटर हैंडल पर अपोलो अस्पतालों के बिल पोस्ट किए और कहा कि अस्पताल सरकार के दिशानिर्देशों और चेतावनियों की कथित तौर पर अवहेलना कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'मुझे मालूम हुआ है कि अपोलो अस्पतालों में मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. मैंने कई बार इसे आगाह किया है.'

सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले कोविड-19 मरीजों के लिए एक दिन में 5,000 रुपये से 15,000 रुपये का शुल्क तय किया है.

अपोलो अस्पताल से संपर्क करने पर उसने कहा, 'मंत्री के साथ संवाद में कुछ गलती हो गई है. हमारे प्रबंधन ने उन्हें जानकारी दे दी है.'

अस्पताल के एक कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि बीमा शुल्क के अनुसार बिल बनाया गया. उन्होंने बताया कि 64 वर्षीय मरीज को तीन जुलाई को आईसीयू में भर्ती कराया गया और वह आईसीयू में हैं.

पढ़ें : 'कोरोना कवच' या 'कोरोना रक्षक': आपको किस बीमा पॉलिसी का विकल्प चुनना चाहिए?

उन्होंने कहा, 'मरीज के परिवार को बिल से कोई दिक्कत नहीं है. बल्कि मरीज का बेटा भी चिकित्सा क्षेत्र में है और वह स्थिति को बहुत अच्छी तरह से समझता है.'

यह भी पढ़ें - यहां पढ़ें, देशभर की कोविड-19 से जुड़ी बड़ी खबरें

जब मरीज के बेटे से संपर्क किया गया तो उसने कहा कि वह कोई टिप्पणी नहीं करेगा क्योंकि मरीज अब भी अस्पताल में है.

मरीज के बेटे ने कहा, 'हमारी प्राथमिकता पिता के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से बाहर लाना है. इस समय मैं मामले पर टिप्पणी कर इसे और उलझाना नहीं चाहता.'

बेंगलुरु : एक निजी अस्पताल द्वारा कोरोना वायरस के मरीज से कथित तौर पर पांच लाख रुपये की फीस लेने का मामला सामने आया है. कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के सुधाकर ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए बुधवार को कहा कि वह अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.

राज्य में कोविड-19 प्रबंधन के प्रभारी डॉ. सुधाकर ने अपने टि्वटर हैंडल पर अपोलो अस्पतालों के बिल पोस्ट किए और कहा कि अस्पताल सरकार के दिशानिर्देशों और चेतावनियों की कथित तौर पर अवहेलना कर रहा है.

उन्होंने कहा, 'मुझे मालूम हुआ है कि अपोलो अस्पतालों में मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. मैंने कई बार इसे आगाह किया है.'

सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले कोविड-19 मरीजों के लिए एक दिन में 5,000 रुपये से 15,000 रुपये का शुल्क तय किया है.

अपोलो अस्पताल से संपर्क करने पर उसने कहा, 'मंत्री के साथ संवाद में कुछ गलती हो गई है. हमारे प्रबंधन ने उन्हें जानकारी दे दी है.'

अस्पताल के एक कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि बीमा शुल्क के अनुसार बिल बनाया गया. उन्होंने बताया कि 64 वर्षीय मरीज को तीन जुलाई को आईसीयू में भर्ती कराया गया और वह आईसीयू में हैं.

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उन्होंने कहा, 'मरीज के परिवार को बिल से कोई दिक्कत नहीं है. बल्कि मरीज का बेटा भी चिकित्सा क्षेत्र में है और वह स्थिति को बहुत अच्छी तरह से समझता है.'

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जब मरीज के बेटे से संपर्क किया गया तो उसने कहा कि वह कोई टिप्पणी नहीं करेगा क्योंकि मरीज अब भी अस्पताल में है.

मरीज के बेटे ने कहा, 'हमारी प्राथमिकता पिता के पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से बाहर लाना है. इस समय मैं मामले पर टिप्पणी कर इसे और उलझाना नहीं चाहता.'

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