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भारत में ब्रिक्स देशों की मदद से स्थापित होगा मानव दूध बैंक : अश्विनी कुमार चौबे - war against cancer

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि भारत में मानव दूध बैंक की आवश्यकता बहुत अधिक है क्योंकि देश में शिशु मृत्यु दर काफी अधिक है. वहीं जर्मनी ने कैंसर के इलाज में भारत की मदद करने का वादा किया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे
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Published : Oct 29, 2019, 9:36 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए पूरे भारत में मानव दूध बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को बताया कि ब्रिक्स देशों ने मानव दूध बैंक के निर्माण के लिए सभी तकनीकी और वैज्ञानिक स्तर पर भारत की मदद करने को तैयार है.

स्वास्थ्य मंत्री हाल ही में ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील में थे. ब्राजील के पास पहले से ही मानव दूध बैंक हैं और शेष तीन देश रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका ऐसे मानव दूध बैंक को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

मीडिया से बात करते अश्विनी कुमार चौबे.

चौबे ने कहा, 'इस तरह का बैंक हमारे देश के लिए बहुत आवश्यक है. क्योंकि भारत में नवजात शिशु के लिए स्तनपान बहुत कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप शिशु मृत्यु दर काफी ज्यादा है.'

गौरतलब है कि भारत में शिशु मृत्यु दर (IMR) वैश्विक औसत से अधिक है, हालांकि भारत ने IMR को 11 वर्षों में 42 प्रतिशत तक घटा दिया है.

वर्ष 2006 में शिशु मृत्यु दर 57 प्रति 1000 से घटकर 2017 में 33 रह गई है. हालांकि, अब भी भारत का IMR वैश्विक दर 29.4 प्रतिशत की तुलना में अधिक है.

पढ़ें - वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता जरूरी: मोदी

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 50 प्रतिशत से भी कम शिशु उनके जन्म के पहले महीने में स्तनपान कर पाते हैं. चौबे ने कहा, 'हमें 2025 तक स्तनपान को 70 प्रतिशत तक बढ़ाना है.'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमाम ब्रिक्स देश तपेदिक के उन्मूलन में एक-दूसरे की मदद करने के लिए भी संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का फैसला किया है.

भारत में तपेदिक के उन्मूलन में जर्मनी से मदद ली जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री ने जर्मनी का दौरा भी किया इस दौरान उन्होंने टीबी के खिलाफ जर्मनी के इलाज प्रणाली का मुआयना भी किया. इस बारे में उन्होंने कहा, 'हमने जर्मनी से एक टीम को आमंत्रित किया है ताकि वह अपनी सर्वश्रेष्ठ तकनीक को दिखा सके और हम इसे भारत में लागू कर सकते हैं.'

चौबे ने कहा कि जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने जर्मनी के हीडलबर्ग विश्वविद्यालय का दौरा भी किया.

उन्होंने कहा, 'हीडलबर्ग विश्वविद्यालय में, वे कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए 'आयोन बिम थेरेपी' का अभ्यास करते हैं, जो काफी असरदार तरीका है. मैंने हीडलबर्ग विश्वविद्यालय से एक टीम को भारत आने के लिए बात भी की है.'

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए पूरे भारत में मानव दूध बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को बताया कि ब्रिक्स देशों ने मानव दूध बैंक के निर्माण के लिए सभी तकनीकी और वैज्ञानिक स्तर पर भारत की मदद करने को तैयार है.

स्वास्थ्य मंत्री हाल ही में ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील में थे. ब्राजील के पास पहले से ही मानव दूध बैंक हैं और शेष तीन देश रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका ऐसे मानव दूध बैंक को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.

मीडिया से बात करते अश्विनी कुमार चौबे.

चौबे ने कहा, 'इस तरह का बैंक हमारे देश के लिए बहुत आवश्यक है. क्योंकि भारत में नवजात शिशु के लिए स्तनपान बहुत कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप शिशु मृत्यु दर काफी ज्यादा है.'

गौरतलब है कि भारत में शिशु मृत्यु दर (IMR) वैश्विक औसत से अधिक है, हालांकि भारत ने IMR को 11 वर्षों में 42 प्रतिशत तक घटा दिया है.

वर्ष 2006 में शिशु मृत्यु दर 57 प्रति 1000 से घटकर 2017 में 33 रह गई है. हालांकि, अब भी भारत का IMR वैश्विक दर 29.4 प्रतिशत की तुलना में अधिक है.

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रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 50 प्रतिशत से भी कम शिशु उनके जन्म के पहले महीने में स्तनपान कर पाते हैं. चौबे ने कहा, 'हमें 2025 तक स्तनपान को 70 प्रतिशत तक बढ़ाना है.'

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमाम ब्रिक्स देश तपेदिक के उन्मूलन में एक-दूसरे की मदद करने के लिए भी संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का फैसला किया है.

भारत में तपेदिक के उन्मूलन में जर्मनी से मदद ली जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री ने जर्मनी का दौरा भी किया इस दौरान उन्होंने टीबी के खिलाफ जर्मनी के इलाज प्रणाली का मुआयना भी किया. इस बारे में उन्होंने कहा, 'हमने जर्मनी से एक टीम को आमंत्रित किया है ताकि वह अपनी सर्वश्रेष्ठ तकनीक को दिखा सके और हम इसे भारत में लागू कर सकते हैं.'

चौबे ने कहा कि जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने जर्मनी के हीडलबर्ग विश्वविद्यालय का दौरा भी किया.

उन्होंने कहा, 'हीडलबर्ग विश्वविद्यालय में, वे कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए 'आयोन बिम थेरेपी' का अभ्यास करते हैं, जो काफी असरदार तरीका है. मैंने हीडलबर्ग विश्वविद्यालय से एक टीम को भारत आने के लिए बात भी की है.'

Intro:New Delhi: The Union Ministry of Health and Family Welfare has decided to setup human milk bank across India to end infant mortality.


Body:"The BRICS countries have vouched to help India with the knowledge and all other technalities for building human milk bank," informed Minister of State for Health Ashwini Kumar Chaubey.

The Health Minister had recently been in Brazil to attend the BRICS health ministers conference.

Brazil already has human milk bank and the remaining three countries including Russia, China and South Africa have been trying to setup such human milk bank.

"This kind of bank is very necessary for our country where breast feeding for newborn is very poor resulting into the higher peecentage of infant mortality rate," said Chaubey.

Infant mortality rate (IMR) in India is higher than global average though India has reduced IMR by 42 percent over 11 years, from 57 per 1000 live births in 2006 to 33 in 2017. However, despite reductions, India's IMR remained higher than the global 29.4 percent.

According to reports, less than 50 percent infants in India get breast feed in first one month of their birth.

"We should increase the breast feed percentage upto 70 by 2025," said Chaubey.

The minister has said that all the BRICS countries have also vouched to help each other in eradicating tuberculosis. "India has decided to make the country free from TB by 2025," said Chaubey.


Conclusion:The Health Minister also made a whirlwind tour to Germany to get first hand knowledge over Germany's fight against TB.

"We have invited a team from Germany so that they can show their best practices and we can implement it in India," Chaubey said. During his visit to Germany, Chaubey visited Heidelberg University of Germany.

"In Heidelberg University, they practice Aayon Bim Therapy to eradicate cancer...I have incited a team from Hedalburg University to visit India," said Chaubey.

end.
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