नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए पूरे भारत में मानव दूध बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को बताया कि ब्रिक्स देशों ने मानव दूध बैंक के निर्माण के लिए सभी तकनीकी और वैज्ञानिक स्तर पर भारत की मदद करने को तैयार है.
स्वास्थ्य मंत्री हाल ही में ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील में थे. ब्राजील के पास पहले से ही मानव दूध बैंक हैं और शेष तीन देश रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका ऐसे मानव दूध बैंक को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
चौबे ने कहा, 'इस तरह का बैंक हमारे देश के लिए बहुत आवश्यक है. क्योंकि भारत में नवजात शिशु के लिए स्तनपान बहुत कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप शिशु मृत्यु दर काफी ज्यादा है.'
गौरतलब है कि भारत में शिशु मृत्यु दर (IMR) वैश्विक औसत से अधिक है, हालांकि भारत ने IMR को 11 वर्षों में 42 प्रतिशत तक घटा दिया है.
वर्ष 2006 में शिशु मृत्यु दर 57 प्रति 1000 से घटकर 2017 में 33 रह गई है. हालांकि, अब भी भारत का IMR वैश्विक दर 29.4 प्रतिशत की तुलना में अधिक है.
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रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 50 प्रतिशत से भी कम शिशु उनके जन्म के पहले महीने में स्तनपान कर पाते हैं. चौबे ने कहा, 'हमें 2025 तक स्तनपान को 70 प्रतिशत तक बढ़ाना है.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तमाम ब्रिक्स देश तपेदिक के उन्मूलन में एक-दूसरे की मदद करने के लिए भी संकल्पित हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का फैसला किया है.
भारत में तपेदिक के उन्मूलन में जर्मनी से मदद ली जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री ने जर्मनी का दौरा भी किया इस दौरान उन्होंने टीबी के खिलाफ जर्मनी के इलाज प्रणाली का मुआयना भी किया. इस बारे में उन्होंने कहा, 'हमने जर्मनी से एक टीम को आमंत्रित किया है ताकि वह अपनी सर्वश्रेष्ठ तकनीक को दिखा सके और हम इसे भारत में लागू कर सकते हैं.'
चौबे ने कहा कि जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने जर्मनी के हीडलबर्ग विश्वविद्यालय का दौरा भी किया.
उन्होंने कहा, 'हीडलबर्ग विश्वविद्यालय में, वे कैंसर को जड़ से खत्म करने के लिए 'आयोन बिम थेरेपी' का अभ्यास करते हैं, जो काफी असरदार तरीका है. मैंने हीडलबर्ग विश्वविद्यालय से एक टीम को भारत आने के लिए बात भी की है.'