सोनीपत : राजनीतिक दलों से गठजोड़ के आरोप के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी को संयुक्त किसान मोर्चे की कमेटी से सस्पेंड कर दिया गया है. जिसके बाद चढ़ूनी अब 19 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में भी शामिल नहीं हो पाएंगे. ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. साथ ही शिवकुमार कक्का को आरएसएस का आदमी बताया है.
चढूनी ने कहा कि उन्हें अबतक सस्पेंड होने का नोटिस नहीं मिला है और ना ही किसी की ओर से फोन किया गया है. अगर ऐसा है तो बेहद गलत किया गया है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जो आरोप उनपर लगे हैं वो बिलकुल निराधार हैं. शिवकुमार कक्का हैं, जो उनपर ये बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. कक्का खुद राष्ट्रीय सेवक संघ के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष रह चुके हैं.
इसके साथ ही गुरनाम सिंह चढूनी ने ये भी कहा कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा की ओरे से उन्होंने बातचीत के लिए बुलाया जाता है तो वो जरूर जाएंगे, ताकि बातों को साफ किया जा सके. उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसान आंदोलन को कमजोर करने के लिए ये जाल बुन रहे हैं.
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गौरतलब है कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी को राजनीतिक दलों से गठजोड़ के आरोप में संयुक्त किसान मोर्चा की कमेटी से सस्पेंड किया गया है. जिसके बाद मंगलवार को सरकार के साथ किसान संगठनों की होने वाली बैठक में चढ़ूनी अब हिस्सा नहीं ले पाएंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कमेटी बनाई
आरोप है कि गुरनाम सिंह चढ़ूनी कई राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे. उन पर कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी के नेताओं से मुलाकात करने का आरोप लगा है. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने चढ़ूनी पर ये कार्रवाई की है. संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 सदस्यीय कमेटी भी बनाई है. जिसके सामने चढ़ूनी अब अपना पक्ष रखेंगे.