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मां गंगा अब नहीं रहेंगी नहर, राज्य सरकार ने बदला हरीश रावत का आदेश - हरीश रावत का शासनादेश

बीते 22 नवंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संत समाज के साथ एक बैठक के दौरान 2016 के गंगा को स्केप चैनल वाले आदेश को निरस्त करने की मौखिक घोषणा की थी, जिसके बाद से शासन के आदेश का इंतजार किया जा रहा था. अब सरकार ने पूर्व के शासनादेश के निरस्तीकरण से जुड़ा आदेश जारी कर दिया है.

2016 ganga escape channel order cancel
वापस मिली खोई हुई पहचान
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Published : Dec 3, 2020, 7:49 AM IST

Updated : Dec 3, 2020, 8:23 AM IST

देहरादून: धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर मां गंगा को खोई हुई पहचान वापस मिल गई. हिंदुओं की आस्था के केंद्र को साल 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार नें गंगा को स्केप चैनल यानी एक नहर का दर्जा दे दिया गया था, जिसे मौखिक आदेश के 10 दिन बाद अब त्रिवेंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर पुराने शासनादेश को निरस्त कर दिया है.

उत्तराखंड की राजनीति में पिछले चार सालों से समय-समय पर मां गंगा के नाम पर उठने वाले विवाद पर अब विराम लग गया है. उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने बुधवार को साल 2016 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें हरकी पैड़ी पर मां गंगा को स्कैप चैनल के रूप में दर्शाया गया था.

ganga escape channel news
पढ़ें आदेश

पढ़ें: उत्तर प्रदेश : रूढ़ियां तोड़ गंगा में उतरी जमुना, ताकि पढ़ सकें पीढ़ियां

अगले साल लगने वाला है महाकुंभ
2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ से पहले संत समाज भी इसको लेकर अपनी मांग उठा रहा था और साल 2016 में हुई गलती को सुधारने की मांग की जा रही थी.

उधर, भाजपा चुनाव से पहले इस भूल को सुधारने का वादा भी जनता से करती रही है. ऐसे में भाजपा की सरकार के करीब चार साल पूरा करने के बाद आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार ने स्कैप चैनल के आदेश को निरस्त कर दिया है.

सचिव ने जारी किया आदेश
सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी किए गए आदेश में साल 2016 में जारी किए गए शासनादेश को निरस्त करने की राज्यपाल द्वारा सहर्ष स्वीकृति दिए जाने का आदेश जारी किया गया है.

बता दें कि बीते 22 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संत समाज के साथ मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक के दौरान 2016 के इस निर्णय को निरस्त करने की मौखिक घोषणा की थी, जिसके बाद से शासन के आदेश का इंतजार किया जा रहा था लेकिन अब इंतजार को खत्म करते हुए सरकार ने पूर्व के शासनादेश के निरस्तीकरण से जुड़ा आदेश जारी कर दिया है.

देहरादून: धर्मनगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर मां गंगा को खोई हुई पहचान वापस मिल गई. हिंदुओं की आस्था के केंद्र को साल 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार नें गंगा को स्केप चैनल यानी एक नहर का दर्जा दे दिया गया था, जिसे मौखिक आदेश के 10 दिन बाद अब त्रिवेंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर पुराने शासनादेश को निरस्त कर दिया है.

उत्तराखंड की राजनीति में पिछले चार सालों से समय-समय पर मां गंगा के नाम पर उठने वाले विवाद पर अब विराम लग गया है. उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार ने बुधवार को साल 2016 के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें हरकी पैड़ी पर मां गंगा को स्कैप चैनल के रूप में दर्शाया गया था.

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अगले साल लगने वाला है महाकुंभ
2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ से पहले संत समाज भी इसको लेकर अपनी मांग उठा रहा था और साल 2016 में हुई गलती को सुधारने की मांग की जा रही थी.

उधर, भाजपा चुनाव से पहले इस भूल को सुधारने का वादा भी जनता से करती रही है. ऐसे में भाजपा की सरकार के करीब चार साल पूरा करने के बाद आखिरकार त्रिवेंद्र सरकार ने स्कैप चैनल के आदेश को निरस्त कर दिया है.

सचिव ने जारी किया आदेश
सचिव शैलेश बगोली द्वारा जारी किए गए आदेश में साल 2016 में जारी किए गए शासनादेश को निरस्त करने की राज्यपाल द्वारा सहर्ष स्वीकृति दिए जाने का आदेश जारी किया गया है.

बता दें कि बीते 22 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संत समाज के साथ मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक के दौरान 2016 के इस निर्णय को निरस्त करने की मौखिक घोषणा की थी, जिसके बाद से शासन के आदेश का इंतजार किया जा रहा था लेकिन अब इंतजार को खत्म करते हुए सरकार ने पूर्व के शासनादेश के निरस्तीकरण से जुड़ा आदेश जारी कर दिया है.

Last Updated : Dec 3, 2020, 8:23 AM IST
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