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तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 13 गिरफ्तार - आंध्र प्रदेश में तेल चोरी

पेट्रोल पंप पर तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न पेट्रोल स्टेशनों पर सक्रिय था.

गिरोह का भंडाफोड़
गिरोह का भंडाफोड़
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Published : Sep 5, 2020, 10:17 PM IST

Updated : Sep 6, 2020, 2:41 PM IST

हैदराबाद : पेट्रोल पंप पर तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न पेट्रोल स्टेशनों पर एक मशीन सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया.

हैरान करने वाली बात यह है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कुछ पेट्रोल स्टेशन मालिक भी शामिल हैं.

सॉफ्टवेयर के माध्य से पेट्रोल विक्रेता ग्राहकों को प्रति लीटर 30 एमएल ईंधन कम देता था.

तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

मुख्य आरोपी एस के बाशा ने चालाकी से चिप्स और सॉफ्टवेयर खरीदे और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में ईंधन स्टेशन मालिकों के साथ अलग-अलग मध्यस्थों के माध्यम से प्रोग्रामिंग और स्थापना शुरू की और इस तरह दोनों राज्यों में उपभोक्ताओं को ठगा.

पढ़ें - गुजरात से झारखंड की 25 महिलाओं समेत 5 नाबालिग को कराया गया मुक्त

बताया जा रहा है कि इस सॉफ्टवेयर को किंगपिन स्थापित करता था. यह सॉफ्टवेयर वाहनों के टैंक भरने के लिए उपयोग किए जाने वाले ईंधन वितरण मशीनों में केवल एक हेरफेर करने के लिए इनस्टॉल किए गए थे.

अन्य पंपों का उपयोग बोतलों और अन्य कंटेनरों को भरने के लिए किया जाता था ताकि जनता को धोखाधड़ी के बारे में पता न चले.

हैदराबाद : पेट्रोल पंप पर तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न पेट्रोल स्टेशनों पर एक मशीन सॉफ्टवेयर के माध्यम से उपभोक्ताओं को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया.

हैरान करने वाली बात यह है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कुछ पेट्रोल स्टेशन मालिक भी शामिल हैं.

सॉफ्टवेयर के माध्य से पेट्रोल विक्रेता ग्राहकों को प्रति लीटर 30 एमएल ईंधन कम देता था.

तेल चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

मुख्य आरोपी एस के बाशा ने चालाकी से चिप्स और सॉफ्टवेयर खरीदे और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में ईंधन स्टेशन मालिकों के साथ अलग-अलग मध्यस्थों के माध्यम से प्रोग्रामिंग और स्थापना शुरू की और इस तरह दोनों राज्यों में उपभोक्ताओं को ठगा.

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बताया जा रहा है कि इस सॉफ्टवेयर को किंगपिन स्थापित करता था. यह सॉफ्टवेयर वाहनों के टैंक भरने के लिए उपयोग किए जाने वाले ईंधन वितरण मशीनों में केवल एक हेरफेर करने के लिए इनस्टॉल किए गए थे.

अन्य पंपों का उपयोग बोतलों और अन्य कंटेनरों को भरने के लिए किया जाता था ताकि जनता को धोखाधड़ी के बारे में पता न चले.

Last Updated : Sep 6, 2020, 2:41 PM IST
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