ETV Bharat / bharat

गंडक बैराज से छोड़ा गया 4 लाख क्यूसेक पानी, आसपास के गांव जलमग्न

वाल्मीकि नगर गंडक बैराज से रिकार्ड 4 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसके कारण बैराज के आसपास के गांव जलमग्न हो गए हैं. वहीं, इस कारण तराई क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं.

गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव जलमग्न
गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव जलमग्न
author img

By

Published : Jul 21, 2020, 12:00 PM IST

बेतिया (पश्चिम चंपारण) : इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकि नगर गंडक बैराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जो इस वर्ष का अब तक का सर्वाधिक जलस्तर है. गंडक नदी में रिकॉर्ड जलस्तर वृद्धि से गंडक बैराज के बाएं लवकुश घाट में पानी घुस गया है. वहीं झंडू टोला के एसएसबी कैम्प सहित अन्य गांवों में 5 फीट से ज्यादा पानी चल रहा है.

बता दें कि महानंदा, कमला बलान, कोसी और बागमती नदियां उफान पर बह रही हैं. वहीं कुछ नदियां खतरे के निशान से ही काफी नीचे बह रही हैं. साथ ही गंगा के बढ़ते जलस्तर से भी लोगों में डर समाया हुआ है.

गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव जलमग्न

गंडक बैराज से छोड़ा गया 4 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी
बाढ़ का पहला पानी अभी निकला ही नहीं कि गंडक बैराज से छोड़े गए चार लाख 16 हजार क्यूसेक पानी से लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं. अब तक तो फसलें पूरी तरह जलमग्न थी. वहीं अब पानी आने से फसल डूब चुकी है. इसको देख किसानों में डर है कि ऐसे रहा तो फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएगी.

गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव जलमग्न
गंडक बैराज से छोड़ा गया 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी.

तटबंध पर हुए बड़े-बड़े रेन कट
पिपरा पिपरासी तटबंध पर भारी बारिश के कारण बड़े-बड़े रेन कट हो गए हैं. इससे बांध को काफी क्षति हुई है. वहीं जलस्तर में लगातार हो रही जलवृद्धि से बांध के पास बसे लोगों में भय व्याप्त है. इसका कारण यह है कि अब तक सिंचाई विभाग के किसी भी अभियंता ने इसकी खबर नहीं ली है. लोगों ने प्रशासन से त्राहिमाम संदेश भेज कर तटबंध बचाने की अपील की है.

बेतिया (पश्चिम चंपारण) : इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत वाल्मीकि नगर गंडक बैराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जो इस वर्ष का अब तक का सर्वाधिक जलस्तर है. गंडक नदी में रिकॉर्ड जलस्तर वृद्धि से गंडक बैराज के बाएं लवकुश घाट में पानी घुस गया है. वहीं झंडू टोला के एसएसबी कैम्प सहित अन्य गांवों में 5 फीट से ज्यादा पानी चल रहा है.

बता दें कि महानंदा, कमला बलान, कोसी और बागमती नदियां उफान पर बह रही हैं. वहीं कुछ नदियां खतरे के निशान से ही काफी नीचे बह रही हैं. साथ ही गंगा के बढ़ते जलस्तर से भी लोगों में डर समाया हुआ है.

गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव जलमग्न

गंडक बैराज से छोड़ा गया 4 लाख 16 हजार क्यूसेक पानी
बाढ़ का पहला पानी अभी निकला ही नहीं कि गंडक बैराज से छोड़े गए चार लाख 16 हजार क्यूसेक पानी से लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं. अब तक तो फसलें पूरी तरह जलमग्न थी. वहीं अब पानी आने से फसल डूब चुकी है. इसको देख किसानों में डर है कि ऐसे रहा तो फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएगी.

गंडक नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव जलमग्न
गंडक बैराज से छोड़ा गया 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी.

तटबंध पर हुए बड़े-बड़े रेन कट
पिपरा पिपरासी तटबंध पर भारी बारिश के कारण बड़े-बड़े रेन कट हो गए हैं. इससे बांध को काफी क्षति हुई है. वहीं जलस्तर में लगातार हो रही जलवृद्धि से बांध के पास बसे लोगों में भय व्याप्त है. इसका कारण यह है कि अब तक सिंचाई विभाग के किसी भी अभियंता ने इसकी खबर नहीं ली है. लोगों ने प्रशासन से त्राहिमाम संदेश भेज कर तटबंध बचाने की अपील की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.