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निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञ बनाए गए संयुक्त सचिव, पूर्व IAS बोले- 'समय अवधि तय करें'

निजी क्षेत्रों के नौ विशेषज्ञ जॉइंट सेक्रेटरी बनाये गये हैं. हालांकि, यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षामें चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिवों के पद पर तैनात किया जाता है.

यूपीएससी (फाइल फोटो)
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Published : Apr 13, 2019, 9:56 PM IST

Updated : Apr 13, 2019, 10:18 PM IST

नई दिल्ली: देश में पहली बार निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर तैनाती के लिए चुना गया है. आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.

निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी शंकर अग्रवाल ने कहा है कि सरकार इस बात का ख्याल रखे कि विशेषज्ञों को सीमित अवधि के लिए ही नियुक्त किया जाए.

1980 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अग्रवाल ने कहा कि हमें शुरूआती दौर में बेहतर विशेषज्ञ को लेने की जरूरत है.

निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल करने से पहले सरकार को उनकी एसडीएम, कलेक्टर, मजिस्ट्रेट या आयुक्त के रुप में प्रतिनियुक्ति करनी चाहिए थी.

ईटीवी भारत से बात करते शंकर अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा कि अगर आप सीधे निजी पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों को नियुक्त करेंगे तो यह ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा.

पढ़ें- USA बोला, 'मिशन शक्ति' भारत की जरूरत

शुक्रवार को यूपीएससी द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार 9 प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञ जिन्हें संयुक्त सचिव के लिए चुना गया है उनके नाम हैं- अंबर दुबे (सिविल एविएशन), अरुण गोयल (कॉमर्स), राजीव सक्सेना (आर्थिक मामले), सुजीत कुमार बाजपेयी (पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन), सौरभ मिश्रा (वित्तीय सेवाएं) और दिनेश जगदाले (नई और नवकरणीय ऊर्जा). इसके अलावा सुमन प्रसाद सिंह को सड़क परिवहन और हाइवे मिनिस्ट्री में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया है. वहीं, शिपिंग में भूषण कुमार और कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण के लिए कोकली घोष को चुना गया है.

इन पदों के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जुलाई 2018 थी. इससे संबंधित सरकारी विज्ञापन सामने आने के बाद कुल 6,077 लोगों ने आवेदन किये थे. शुक्रवार को उन विशेषज्ञों की लिस्ट जारी की जो कृषि, नागरिक उड्डयन, वित्त, ट्रांसपोर्ट और शिपिंग जैसे विभागों में शामिल होंगे. वे कॉन्ट्रेक्ट आधार पर अपने संबंधित विभागों में शामिल होंगे.

नई दिल्ली: देश में पहली बार निजी क्षेत्र के 9 विशेषज्ञों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव के पदों पर तैनाती के लिए चुना गया है. आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है.

निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी शंकर अग्रवाल ने कहा है कि सरकार इस बात का ख्याल रखे कि विशेषज्ञों को सीमित अवधि के लिए ही नियुक्त किया जाए.

1980 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अग्रवाल ने कहा कि हमें शुरूआती दौर में बेहतर विशेषज्ञ को लेने की जरूरत है.

निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल करने से पहले सरकार को उनकी एसडीएम, कलेक्टर, मजिस्ट्रेट या आयुक्त के रुप में प्रतिनियुक्ति करनी चाहिए थी.

ईटीवी भारत से बात करते शंकर अग्रवाल

अग्रवाल ने कहा कि अगर आप सीधे निजी पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों को नियुक्त करेंगे तो यह ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा.

पढ़ें- USA बोला, 'मिशन शक्ति' भारत की जरूरत

शुक्रवार को यूपीएससी द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार 9 प्राइवेट सेक्टर के विशेषज्ञ जिन्हें संयुक्त सचिव के लिए चुना गया है उनके नाम हैं- अंबर दुबे (सिविल एविएशन), अरुण गोयल (कॉमर्स), राजीव सक्सेना (आर्थिक मामले), सुजीत कुमार बाजपेयी (पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन), सौरभ मिश्रा (वित्तीय सेवाएं) और दिनेश जगदाले (नई और नवकरणीय ऊर्जा). इसके अलावा सुमन प्रसाद सिंह को सड़क परिवहन और हाइवे मिनिस्ट्री में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया है. वहीं, शिपिंग में भूषण कुमार और कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण के लिए कोकली घोष को चुना गया है.

इन पदों के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जुलाई 2018 थी. इससे संबंधित सरकारी विज्ञापन सामने आने के बाद कुल 6,077 लोगों ने आवेदन किये थे. शुक्रवार को उन विशेषज्ञों की लिस्ट जारी की जो कृषि, नागरिक उड्डयन, वित्त, ट्रांसपोर्ट और शिपिंग जैसे विभागों में शामिल होंगे. वे कॉन्ट्रेक्ट आधार पर अपने संबंधित विभागों में शामिल होंगे.

Intro:New Delhi: A day after the Centre selected nine professionals from private sector as joint secretary in the Governmnet of India, former bureaucrat Shankar Agarwal has expressed reservation over such move.


Body:Agarwal said that such private expertise should be deputed at the ground level first "before they get inducted at the top level of the government of India".

"We have to look into such exercise. The experts should be inducted for a limited period. We need to take the bright guy at the initial level. They should be deputed as the SDM, collector, magistrate or commissioner level before they get inducted into the Governmnet of India. Then only they can get the real issues," said Agarwal, a 1980 batch retired IAS officer.

Agarwal has retired from the post of secretary in the Ministry of Housing and Urban Affairs.

"If you directly induct the fresh blood at the top level from the private background, they may not be able to deliver," said Agarwal.

The IAS officer of Uttar Pradesh cadre gave this statement a day after central government has inducted nine professional, largely from the private sector as joint secretaries in the various departments of the Governmnet of India.

Friday's induction, however, is a major development as such a large group of experts with domain knowledge will enter the government directly through lateral entry process. Normally, procedure is people who clear the civil service examination they join at the joint secretary level after thorough process.

Among nine people includes Amber Dubey, head of aerospace and defence at KPMG, joining at the civil aviation ministry, Suji Kumar Bajpayee, working with state-run NHPC, joining in the environment ministry. Dinesh Dayanand Jagdale, CEO of Panama Renewable Energy group, joining in the ministry of new and renewable energy, Suman Prasad Singh into the Ministry of Road Transport among others.


Conclusion:Significantly, on earlier occasion, the Narendra Modi regime had also initiated the processes of inducting IPS officer at the Joint Secretary level.

The inducted officials would be governed by central government administrative rules and they will enjoy the pay and parks of a joint secretary.

end.
Last Updated : Apr 13, 2019, 10:18 PM IST
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