नई दिल्ली: कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने NYAY योजना का एलान किया है. ईटीवी भारत ने इस विषय पर वित्तीय विशेषज्ञ कुणाल सरावगी से बात की. उन्होंने कहा कि अभी तो ये योजना देखने की ही लगती है. अभी इसके विवरण आने बाकी हैं. ऐसी योजनाओं को लागू करना बड़ी चुनौती होती है.
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की बात को खारिज करते हुए कहा कि दुनियाभर में कोई न कोई कल्याणकारी योजनाओं का भार वहन करता है. ये हमेशा करदाता होते हैं. उन्होंने कहा कि यदि वास्तविक रूप में इसे लागू किया गया, तो इसका भार करदाताओं पर पड़ेगा.
बता दें कि चिदंबरम ने कहा था कि मध्यम वर्ग पर NYAY योजना का बोझ नहीं पड़ेगा. सरावगी ने कहा कि इस तरह की योजना राजकोषीय घाटे को बढ़ाती है. इससे महंगाई दर बढ़ सकती है, क्योंकि लोगों के पास ढेर सारा पैसा होगा.
सरावगी ने कहा कि इस समय NYAY अच्छे से प्लान की गई योजना नहीं लगती. इसमें कई तकनीकी और कानूनी अड़चनें हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी चुनौती चुनाव जीतना है.
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कांग्रेस के जीएसटी 2.0 के विचार पर सरावगी ने कहा कि अब जीएसटी का लाभ दिखने लगा है. इसे तर्कसंगत बनाए जाने की जरूरत थी. अब व्यवस्थित रुप से ये हो रहा है. उन्होंने कहा 'जीएसटी का मकसद 'एक राष्ट्र, एक कर' का विचार है. मुझे लगता है जीएसटी 2.0 में कांग्रेस इसी विचार के बारे में बात कर रही थी.'