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कोरोना इलाज के दौरान प्रमाणित पीपीई किट का ही करें इस्तेमाल, यह है पहचान

कोरोना महामारी की लड़ाई में सबसे ज्यादा पीपीई किट उपयोगी हो रही है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने कि बताया कि अस्पताल में सभी डॉक्टर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित पीपीई किट का ही उपयोग करते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

corona treatment
पीएमसीएच प्राचार्य
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Published : Jun 8, 2020, 2:36 AM IST

पटना : कोरोना संक्रमण के दौरान पीपीई किट की बढ़ती मांग और इसकी खराब गुणवत्ता की खबरों को ध्यान में देखते हुए अब कई निजी कंपनियां भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी हैं. बिहार की राजधानी पटना में कई बुटीक संचालिका भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी हैं. बाजार में 500 से लेकर 6000 तक के बीच में पीपीई किट मौजूद हैं. अब ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि सभी प्रकार के पीपीई किट स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

पटना में पीपीई किट का निर्माण कर रही बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी बताती हैं कि पीपीई किट बनाने के लिए दो प्रकार के कपड़े मिलते हैं. एक सफेद रंग का जो 85 एमएम का होता है और दूसरा नीले रंग का जो 95 एमएम का होता है. उन्होंने बताया कि एक पीपीई किट का पूरा सेट तैयार करने में उन्हें 650 रुपये के करीब लागत आती है, जिसमें वह फेस शिल्ड और सेनेटाइजर भी रखती हैं.

Use only certified kit
पीपीटई किट का हो रहा निर्माण

क्या है PPE किट की कीमत?
वहीं, पूरे विश्व में स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाली संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के इंडिया हेड प्रिंस मैथ्यू ने बताया कि सभी प्रकार की पीपीई कीट जो बाजार में मिल रहे हैं, कोरोना वायरस के संक्रमण काल में वह स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी नहीं है.

उन्होंने बताया कि वह अपने यहां वही पीपीई किट इस्तेमाल करते हैं जो डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित होता है. एक पीपीई किट की कीमत लगभग 3000 के करीब होती है. इस पीपीई किट में ट्रांसपेरेंट स्पेक्टकल्स भी मौजूद रहता है. बाजार में जो सस्ते पीपीई किट मिल रहे हैं, उनमें शीर्ष से शील्ड का गुणवत्ता स्तर की है. जो संक्रमण रोकने में कोई काम नहीं करती है. उन्होंने बताया कि स्पेक्टकल्स और एन-95 मास्क के बाद ही फेस शिल्ड का उपयोग करना कारगर होता है.

ईटीवी भारत की पीपीई किट पर रिपोर्ट

PPE किट के संबंध में डॉक्टर की राय
वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किस प्रकार की पीपीई किट उपयोगी है, इसकी जानकारी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने दी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लोगों को पीपीई किट का महत्व समझ में आया है. उन्होंने बताया कि पीपीई किट वायरस को शरीर के कांटेक्ट में आने से रोकता है. यह जरूर है कि बाजार में अब बहुत सारे पीपीई किट बनने लगे हैं और कुछ ऐसे भी पीपीई किट मिल रहे हैं जिस को छूने से फट जा रहा है और उसमें कई प्रकार के छेद मिल रहे

प्राचार्य ने कहा कि कोरोना के दौरान सैंपल एकत्रित करने में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए गुणवत्तापूर्ण पीपीई किट पहनना अनिवार्य है.

पढ़ें : बिहार की वर्चुअल रैली में बोले शाह- चुनाव नहीं, आत्मनिर्भर भारत की है तैयारी

उन्होंने कहा कि पीएमसीएच सरकारी अस्पताल है, इसलिए यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की ओर से सर्टिफाइड पीपीई कीट की आपूर्ति होती है. जोकि बीएमएसआईसीएल नामक संस्था उपलब्ध कराती है.

पटना : कोरोना संक्रमण के दौरान पीपीई किट की बढ़ती मांग और इसकी खराब गुणवत्ता की खबरों को ध्यान में देखते हुए अब कई निजी कंपनियां भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी हैं. बिहार की राजधानी पटना में कई बुटीक संचालिका भी पीपीई किट बनाना शुरू कर दी हैं. बाजार में 500 से लेकर 6000 तक के बीच में पीपीई किट मौजूद हैं. अब ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि सभी प्रकार के पीपीई किट स्वास्थ्यकर्मी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.

पटना में पीपीई किट का निर्माण कर रही बुटीक संचालिका श्वेता कुमारी बताती हैं कि पीपीई किट बनाने के लिए दो प्रकार के कपड़े मिलते हैं. एक सफेद रंग का जो 85 एमएम का होता है और दूसरा नीले रंग का जो 95 एमएम का होता है. उन्होंने बताया कि एक पीपीई किट का पूरा सेट तैयार करने में उन्हें 650 रुपये के करीब लागत आती है, जिसमें वह फेस शिल्ड और सेनेटाइजर भी रखती हैं.

Use only certified kit
पीपीटई किट का हो रहा निर्माण

क्या है PPE किट की कीमत?
वहीं, पूरे विश्व में स्वास्थ्य सेवा में काम करने वाली संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के इंडिया हेड प्रिंस मैथ्यू ने बताया कि सभी प्रकार की पीपीई कीट जो बाजार में मिल रहे हैं, कोरोना वायरस के संक्रमण काल में वह स्वास्थ्य कर्मियों के लिए उपयोगी नहीं है.

उन्होंने बताया कि वह अपने यहां वही पीपीई किट इस्तेमाल करते हैं जो डब्ल्यूएचओ से प्रमाणित होता है. एक पीपीई किट की कीमत लगभग 3000 के करीब होती है. इस पीपीई किट में ट्रांसपेरेंट स्पेक्टकल्स भी मौजूद रहता है. बाजार में जो सस्ते पीपीई किट मिल रहे हैं, उनमें शीर्ष से शील्ड का गुणवत्ता स्तर की है. जो संक्रमण रोकने में कोई काम नहीं करती है. उन्होंने बताया कि स्पेक्टकल्स और एन-95 मास्क के बाद ही फेस शिल्ड का उपयोग करना कारगर होता है.

ईटीवी भारत की पीपीई किट पर रिपोर्ट

PPE किट के संबंध में डॉक्टर की राय
वहीं, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए किस प्रकार की पीपीई किट उपयोगी है, इसकी जानकारी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने दी. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद लोगों को पीपीई किट का महत्व समझ में आया है. उन्होंने बताया कि पीपीई किट वायरस को शरीर के कांटेक्ट में आने से रोकता है. यह जरूर है कि बाजार में अब बहुत सारे पीपीई किट बनने लगे हैं और कुछ ऐसे भी पीपीई किट मिल रहे हैं जिस को छूने से फट जा रहा है और उसमें कई प्रकार के छेद मिल रहे

प्राचार्य ने कहा कि कोरोना के दौरान सैंपल एकत्रित करने में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए गुणवत्तापूर्ण पीपीई किट पहनना अनिवार्य है.

पढ़ें : बिहार की वर्चुअल रैली में बोले शाह- चुनाव नहीं, आत्मनिर्भर भारत की है तैयारी

उन्होंने कहा कि पीएमसीएच सरकारी अस्पताल है, इसलिए यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की ओर से सर्टिफाइड पीपीई कीट की आपूर्ति होती है. जोकि बीएमएसआईसीएल नामक संस्था उपलब्ध कराती है.

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