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'बाढ़ प्रभावित दक्षिणी एशियाई देशों को 1.65 मिलियन यूरो की मदद'

यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को दक्षिण एशियाई देशों को 1.65 मिलियन यूरो की मानवीय सहायता की घोषणा की है. यह सहायता यूरोपीय संघ द्वारा इस साल की शुरुआत में 1.8 मिलियन यूरो की सहायता राशि की घोषणा के बाद आई है, जिसमें चक्रवात अम्फान सहित कई आपदाओं से प्रभावित परिवारों का समर्थन किया गया है. इसमें मई में भारत और बांग्लादेश को 3.45 मिलियन यूरो की सहायता दी गई थी. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार अरूणिम भूयान की रिपोर्ट

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Published : Aug 11, 2020, 10:55 PM IST

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को कहा कि वह दक्षिण एशिया में बाढ़ से प्रभावित देशों, मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत और नेपाल को मानवीय सहायता के रूप में 16.5 लाख यूरो उपलब्ध करा रहा है.

यूरोपीय नागरिक संरक्षण एवं मानवीय सहायता अभियान (ईसीएचओ) ने एक बयान में कहा यह धन सिलसिलेवार आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिये इस साल की शुरूआत में की गई 10.8 लाख यूरो की घोषणा के अतिरिक्त होगी. उन आपदाओं में चक्रवात अम्फान भी शामिल था, जिसने भारत के कुछ राज्यों में और बांग्लादेश में मई महीने में तबाही मचाई थी, नई घोषणा के साथ ही क्षेत्र में आपदा प्रभावितों के लिये यूरोपीय संघ की सहायता बढ़ कर 34.5 लाख यूरो हो जाएगी.

ताहिर थम्मनगोडा, जो यूरोपीय संघ के मानवतावाद से जुड़े मामलों की देखरेख करते हैंने एक बयान में कहा है कि इस वर्ष पूरे एशिया और प्रशांत में विशेषकर दक्षिण एशिया में मानसून की बारिश विनाशकारी रही है. ऐसे में इस मिला सहायता से हमारे मानवीय साझेदारों को अपने आश्रय, सामान और आजीविका के स्रोतों को खोने के बाद महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम लोगों को इस कठिन समय से बचाने के लिए साधन प्रदान कर रहे हैं, ताकि वह जल्द से जल्द अपने पैरों पर फिर से खड़े हो सकें.

बता दें कि अब तक बाढ़ से लगभग 17.5 मिलियन लोगों को प्रभावित हो चुके हैं. बाढ़ ने घरों, पशुओं और कृषि भूमि जैसी जीविका,और सड़कों, अस्पतालों और स्कूलों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है.

यूरोपीय संघ के बयान के अनुसार, 1.65 मिलियन यूरो में, 1 मिलियन यूरो बांग्लादेश में तत्काल मानवीय जरूरतों को मुहैया करने के लिए दिए जाएंगे, जहां दो मिलियन से अधिक लोगों को भोजन, पानी, स्वच्छता, स्वच्छता और आपातकालीन आश्रय की आवश्यकता होगी.

वहीं, 500,000 यूरो का उपयोग भारत में खाद्य और आजीविका सहायता, आपातकालीन राहत आपूर्ति और पानी और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा.

बयान में कहा गया है कि इस साल अब तक मानसून की बारिश 10.9 मिलियन लोगों पर असर डाला है और लोगों की परेशनियों को बढ़ीया है. यह लोग पहले से कोरोना संक्रमण के कारण जूझ रहे हैं.

इसके अलावा नेपाल में, 150,000 यूरो का उपयोग देश भर में विनाशकारी भूस्खलन के बाद हुई बारिश से हजारों लोगों के विस्थापन के बाद पानी और स्वच्छता, आश्रय और आवश्यक घरेलू वस्तुओं को मुहैया कराने के लिए किया जाएगा.

बता दें कि अपने यूरोपीय नागरिक सुरक्षा और मानवीय सहायता संचालन (ईसीएचओ) के माध्यम से, ईयू हर साल आपदाओं के 120 मिलियन से अधिक पीड़ितों की मदद करता है.

ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में एशिया और प्रशांत के लिए क्षेत्रीय सूचना अधिकारी (ECHO) पीटर बायो के ने ईमेल पर अपना जवाब भेजते हुए कहा कि सहायता के रूप में विस्तारित राशि का उपयोग गैर-सरकारी संगठन (NGO) भागीदारों द्वारा किया जा रहा है.

पढ़ें - असम सहित देश के कई राज्यों में बाढ़ का प्रकोप जारी, बिहार में 24 मौतें

ECHO दुनिया भर में मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए 200 से अधिक साझेदार संगठनों के साथ काम करता है. मानवीय भागीदारों में गैर सरकारी संगठन, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों की विशेष एजेंसियां शामिल हैं.

इस संदर्भ में, चक्रवात अम्फान के बाद में दी गई सहायता का जिक्र करते हुए, बीरो ने कहा कि चक्रवात अम्फान फंड के माध्यम से 51000 लोगों तक पहुंचा और उनको स्वच्छ जल और स्वच्छता के साथ-साथ आश्रय और बस्तियां मुहैयै करवाईं.

मंगलवार को घोषित सहायता यूरोपीय संघ के एक्यूट लार्ज इमरजेंसी रिस्पांस टूल (ALERT) का हिस्सा है.

यूरोपीय संघ के बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के सभी उपायों को प्रोग्रामिंग में शामिल किया जाएगा.

ALERT का उपयोग बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का जवाब देने के लिए किया जाता है जहां 100,000 से अधिक लोग या 50 प्रतिशत से अधिक आबादी प्रभावित होती है.

(अरुणिम भुयान)

नई दिल्ली : यूरोपीय संघ (ईयू) ने मंगलवार को कहा कि वह दक्षिण एशिया में बाढ़ से प्रभावित देशों, मुख्य रूप से बांग्लादेश, भारत और नेपाल को मानवीय सहायता के रूप में 16.5 लाख यूरो उपलब्ध करा रहा है.

यूरोपीय नागरिक संरक्षण एवं मानवीय सहायता अभियान (ईसीएचओ) ने एक बयान में कहा यह धन सिलसिलेवार आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिये इस साल की शुरूआत में की गई 10.8 लाख यूरो की घोषणा के अतिरिक्त होगी. उन आपदाओं में चक्रवात अम्फान भी शामिल था, जिसने भारत के कुछ राज्यों में और बांग्लादेश में मई महीने में तबाही मचाई थी, नई घोषणा के साथ ही क्षेत्र में आपदा प्रभावितों के लिये यूरोपीय संघ की सहायता बढ़ कर 34.5 लाख यूरो हो जाएगी.

ताहिर थम्मनगोडा, जो यूरोपीय संघ के मानवतावाद से जुड़े मामलों की देखरेख करते हैंने एक बयान में कहा है कि इस वर्ष पूरे एशिया और प्रशांत में विशेषकर दक्षिण एशिया में मानसून की बारिश विनाशकारी रही है. ऐसे में इस मिला सहायता से हमारे मानवीय साझेदारों को अपने आश्रय, सामान और आजीविका के स्रोतों को खोने के बाद महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, हम लोगों को इस कठिन समय से बचाने के लिए साधन प्रदान कर रहे हैं, ताकि वह जल्द से जल्द अपने पैरों पर फिर से खड़े हो सकें.

बता दें कि अब तक बाढ़ से लगभग 17.5 मिलियन लोगों को प्रभावित हो चुके हैं. बाढ़ ने घरों, पशुओं और कृषि भूमि जैसी जीविका,और सड़कों, अस्पतालों और स्कूलों सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है.

यूरोपीय संघ के बयान के अनुसार, 1.65 मिलियन यूरो में, 1 मिलियन यूरो बांग्लादेश में तत्काल मानवीय जरूरतों को मुहैया करने के लिए दिए जाएंगे, जहां दो मिलियन से अधिक लोगों को भोजन, पानी, स्वच्छता, स्वच्छता और आपातकालीन आश्रय की आवश्यकता होगी.

वहीं, 500,000 यूरो का उपयोग भारत में खाद्य और आजीविका सहायता, आपातकालीन राहत आपूर्ति और पानी और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा.

बयान में कहा गया है कि इस साल अब तक मानसून की बारिश 10.9 मिलियन लोगों पर असर डाला है और लोगों की परेशनियों को बढ़ीया है. यह लोग पहले से कोरोना संक्रमण के कारण जूझ रहे हैं.

इसके अलावा नेपाल में, 150,000 यूरो का उपयोग देश भर में विनाशकारी भूस्खलन के बाद हुई बारिश से हजारों लोगों के विस्थापन के बाद पानी और स्वच्छता, आश्रय और आवश्यक घरेलू वस्तुओं को मुहैया कराने के लिए किया जाएगा.

बता दें कि अपने यूरोपीय नागरिक सुरक्षा और मानवीय सहायता संचालन (ईसीएचओ) के माध्यम से, ईयू हर साल आपदाओं के 120 मिलियन से अधिक पीड़ितों की मदद करता है.

ईटीवी भारत के सवाल के जवाब में एशिया और प्रशांत के लिए क्षेत्रीय सूचना अधिकारी (ECHO) पीटर बायो के ने ईमेल पर अपना जवाब भेजते हुए कहा कि सहायता के रूप में विस्तारित राशि का उपयोग गैर-सरकारी संगठन (NGO) भागीदारों द्वारा किया जा रहा है.

पढ़ें - असम सहित देश के कई राज्यों में बाढ़ का प्रकोप जारी, बिहार में 24 मौतें

ECHO दुनिया भर में मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए 200 से अधिक साझेदार संगठनों के साथ काम करता है. मानवीय भागीदारों में गैर सरकारी संगठन, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और यूरोपीय संघ के सदस्य राज्यों की विशेष एजेंसियां शामिल हैं.

इस संदर्भ में, चक्रवात अम्फान के बाद में दी गई सहायता का जिक्र करते हुए, बीरो ने कहा कि चक्रवात अम्फान फंड के माध्यम से 51000 लोगों तक पहुंचा और उनको स्वच्छ जल और स्वच्छता के साथ-साथ आश्रय और बस्तियां मुहैयै करवाईं.

मंगलवार को घोषित सहायता यूरोपीय संघ के एक्यूट लार्ज इमरजेंसी रिस्पांस टूल (ALERT) का हिस्सा है.

यूरोपीय संघ के बयान में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के सभी उपायों को प्रोग्रामिंग में शामिल किया जाएगा.

ALERT का उपयोग बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का जवाब देने के लिए किया जाता है जहां 100,000 से अधिक लोग या 50 प्रतिशत से अधिक आबादी प्रभावित होती है.

(अरुणिम भुयान)

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