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बच्चों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना होगा: जावड़ेकर

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Published : Sep 7, 2019, 10:43 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 8:11 PM IST

देहरादून के डीम्ड विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री जावेड़कर ने कहा कि मैंने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि 'पंचतत्व' (जल, वायु, मिट्टी, अग्नि, आकाश) का संरक्षण करना है. यही मेरा और मेरे मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य है. जानें क्या कुछ कहा...

प्रकाश जावड़ेकर

देहरादूनः केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बच्चों को वृक्षारोपण को लेकर प्रोत्साहित करना होगा. क्योंकि वानिकी लक्ष्य तब तक हासिल नहीं किये जा सकते जब तक वृक्षारोपण युवा पीढ़ी की मूल्य प्रणाली का हिस्सा नहीं बनेंगे.

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जावड़ेकर ने यहां वन अनुसंधान संस्थान (एफआरई) डीम्ड विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह में गए थे.

समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मंत्रालय ने स्कूल नर्सरियों की 'सुंदर अवधारणा' पेश की है. जो युवा मन में,पर्यावरण संरक्षण के मूल्य को बढ़ाने की दिशा में एक 'अच्छा कदम' हो सकता है.

जावड़ेकर ने कहा, 'अवधारणा के तहत पर्याप्त जगह वाले स्कूल में छात्रों की मदद से स्कूल परिसरों में नर्सरी बनाएंगे.'

उन्होंने आगे कहा, 'जब तक वृक्षारोपण हमारे मूल्य प्रणाली का हिस्सा नहीं बन जाता है तब तक हम अपने वानिकी लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते.'

पढ़ेंः कश्मीर मुद्दे पर माफी मांगें राहुल गांधी और कांग्रेस : BJP

हालांकि उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के 24 प्रतिशत वन आवरण का हिस्सा है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चंदन की लकड़ी के लिए भारत अद्वितीय था, लेकिन अब देश इसे ऑस्ट्रेलिया से आयात करने के लिए मजबूर है.

देहरादूनः केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बच्चों को वृक्षारोपण को लेकर प्रोत्साहित करना होगा. क्योंकि वानिकी लक्ष्य तब तक हासिल नहीं किये जा सकते जब तक वृक्षारोपण युवा पीढ़ी की मूल्य प्रणाली का हिस्सा नहीं बनेंगे.

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जावड़ेकर ने यहां वन अनुसंधान संस्थान (एफआरई) डीम्ड विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह में गए थे.

समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मंत्रालय ने स्कूल नर्सरियों की 'सुंदर अवधारणा' पेश की है. जो युवा मन में,पर्यावरण संरक्षण के मूल्य को बढ़ाने की दिशा में एक 'अच्छा कदम' हो सकता है.

जावड़ेकर ने कहा, 'अवधारणा के तहत पर्याप्त जगह वाले स्कूल में छात्रों की मदद से स्कूल परिसरों में नर्सरी बनाएंगे.'

उन्होंने आगे कहा, 'जब तक वृक्षारोपण हमारे मूल्य प्रणाली का हिस्सा नहीं बन जाता है तब तक हम अपने वानिकी लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते.'

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हालांकि उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के 24 प्रतिशत वन आवरण का हिस्सा है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि चंदन की लकड़ी के लिए भारत अद्वितीय था, लेकिन अब देश इसे ऑस्ट्रेलिया से आयात करने के लिए मजबूर है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 20:19 HRS IST




             
  • बच्चों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना होगा: जावड़ेकर



देहरादून, सात सितंबर (भाषा) केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि बच्चों को वृक्षारोपण को लेकर प्रोत्साहित करना होगा क्योंकि वानिकी लक्ष्य तब तक हासिल नहीं किये जा सकते जब तक वृक्षारोपण युवा पीढ़ी की मूल्य प्रणाली का हिस्सा नहीं बनेंगे।



केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जावड़ेकर ने यहां वन अनुसंधान संस्थान (एफआरई) डीम्ड विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मंत्रालय ने स्कूल नर्सरियों की "सुंदर अवधारणा" पेश की है जो युवा मन में, संरक्षण के मूल्य को बढ़ाने की दिशा में एक "अच्छा कदम" हो सकता है।



जावड़ेकर ने कहा, "अवधारणा के तहत पर्याप्त जगह वाले स्कूल छात्रों की मदद से अपने परिसरों में नर्सरी बनाएंगे।"



उन्होंने कहा, "जब तक वृक्षारोपण हमारे मूल्य प्रणाली का हिस्सा नहीं बन जाता है तब तक हम अपने वानिकी लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते।"


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Last Updated : Sep 29, 2019, 8:11 PM IST
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