जयपुर : राजस्थान शिक्षा विभाग ने सरकारी बालिका स्कूलों से 50 साल से कम उम्र के शिक्षकों को हटाने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि स्कूलों में छात्राओं के साथ हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है.
टदरअसल, ये फैसला विभाग को तब लेना पड़ा, जब हाल ही में झुंझुनूं के उदयपुरवाटी के सरकारी स्कूल में विधिक चेतना शिविर कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के सम्मान की बातें की जा रही थीं. कार्यक्रम के दौरान 12वीं कक्षा की एक छात्रा खड़ी हुई और जज के सामने उसने कहा, 'आप सम्मान की बातें कर रहे हैं, लेकिन हमारे शिक्षक ही बैड टच करते हैं और गलत बातें करते हैं.'
50 साल से कम उम्र के 3400 शिक्षक
प्रदेश में 65 हजार सरकारी स्कूल हैं, जिनमें लगभग पौने चार लाख शिक्षक पढ़ा रहे हैं. महिला शिक्षिकाओं की बात करें तो प्रदेश में एक लाख महिला शिक्षिकाएं हैं. वहीं, शाला दर्पण के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 3400 शिक्षक ऐसे हैं, जो 50 साल से कम उम्र के हैं और गर्ल्स स्कूलों में पढ़ा रहे हैं.
बालिका छेड़छाड़ में सीकर पहले पायदान पर
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले हमेशा देखने को मिले हैं. छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के मामले में सीकर पहले पायदान पर है वहीं, जयपुर और जोधपुर दूसरे पायदान पर है. इस साल की बात करें तो प्रदेशभर के स्कूलों में एक दर्जन से ज्यादा छेड़छाड़ की घटनाएं हुई हैं.
शिक्षक अंजनी शर्मा ने कहा कि इस तरह का आदेश शिक्षकों पर सवालिया निशान खड़े करता है. उन्होंने कहा कि गुरु, गुरु ही होता है, चाहे वो 20 साल का हो या 60 साल का. शर्मा ने कहा कि विभाग को गर्ल्स स्कूल में पूरी तरह से महिला शिक्षिकाओं का सेटअप रखना चाहिए और सह शिक्षा स्कूलों में से महिला शिक्षिकाओं को हटाया जाना चाहिए. ऐसी स्थिति में ही ये व्यवस्था कारगर हो सकती है.
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ये कहना है मंत्री का
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गर्ल्स स्कूलों में 50 साल से कम उम्र के शिक्षकों को हटाने के लिए डेटा तैयार किया गया है. 3400 शिक्षक ऐसे हैं, जो 50 साल से कम उम्र के है. अब इन सभी शिक्षकों को सह शिक्षा स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि सह शिक्षा में तो सह शिक्षकों का स्टाफ ही रहेगा, लेकिन गर्ल्स स्कूल में अगर छात्राएं चाहती हैं कि महिला शिक्षिकाएं ही काम करें या 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष शिक्षक ही पढ़ाएं तो इस दिशा में सरकार काम करेगी.