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डीआरडीओ ने बनाया अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाद्य पदार्थ

अंतरिक्ष जाने वाले यात्रियों को अब खाने की समस्या नहीं होगी, क्योंकि डीआरडीओ ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाना बना लिया है. पढ़ें पूरी खबर.

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वैज्ञानिक जगन्नाथन
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Published : Jan 3, 2020, 11:27 PM IST

बेंगलुरु : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाद्य पदार्थ तैयार किया है. वैज्ञानिक जगन्नाथन ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री जो पदार्थ यहां खाते हैं, वहीं खाना वहां भी खाएंगे. बस इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया है. यह खाद्य पदार्थ डीआरडीओ का मैसूर स्थित खाद्य विभाग ने बनाया है.

खाद्य पदार्थों में सूजी का हलवा, चिकन राजमा करी जैसे लाजवाब व्यंजन बनाए गए है, जिन्हें अंतरिक्ष में उबले पानी में आसानी से बनाकर खा सकते हैं.

ईटीवी भारत ने की डीआरडीओ वैज्ञानिक से बात.

उन्होंने कहा कि यह अंतरिक्ष के लिए चुनौती है क्योंकि वहां पर गुरुत्वाकर्षण बल नहीं होता है. जिस तरह से हम जैसे पृथ्वी पर खा लेते हैं वहां पर उस तरह से नहीं खा सकते हैं. यहां पर जो पदार्थ शोध कर बनाए बनाए गए है. उन्हें आसानी से वहां बिना गुरुत्वाकर्षण बल के भी खाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि हमने इसरो की मदद से शून्य गुरुत्वाकर्षण बल में इन पदार्थों की जांच की है.

हाल ही में भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान और गगनयान दोनों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को इसरो ने पहले ही तैयार कर लिया था. अंतरिक्ष विज्ञान के जरिए हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की है.

पढ़ें : चंद्रयान 3 को मिली अनुमति, बताया गगनयान का पूरा प्लान

इसरो ने एक जनवरी 2020 को कहा कि महत्वाकांक्षी 'गगनयान' मिशन के लिए अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण देने की शुरुआत रूस में जनवरी के तीसरे सप्ताह से की जाएगी. इस मिशन के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों को चुना गया है और उनका प्रशिक्षण इस महीने के तीसरे सप्ताह से रूस में शुरू होगा.

बेंगलुरु : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाद्य पदार्थ तैयार किया है. वैज्ञानिक जगन्नाथन ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री जो पदार्थ यहां खाते हैं, वहीं खाना वहां भी खाएंगे. बस इसमें थोड़ा सा बदलाव किया गया है. यह खाद्य पदार्थ डीआरडीओ का मैसूर स्थित खाद्य विभाग ने बनाया है.

खाद्य पदार्थों में सूजी का हलवा, चिकन राजमा करी जैसे लाजवाब व्यंजन बनाए गए है, जिन्हें अंतरिक्ष में उबले पानी में आसानी से बनाकर खा सकते हैं.

ईटीवी भारत ने की डीआरडीओ वैज्ञानिक से बात.

उन्होंने कहा कि यह अंतरिक्ष के लिए चुनौती है क्योंकि वहां पर गुरुत्वाकर्षण बल नहीं होता है. जिस तरह से हम जैसे पृथ्वी पर खा लेते हैं वहां पर उस तरह से नहीं खा सकते हैं. यहां पर जो पदार्थ शोध कर बनाए बनाए गए है. उन्हें आसानी से वहां बिना गुरुत्वाकर्षण बल के भी खाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि हमने इसरो की मदद से शून्य गुरुत्वाकर्षण बल में इन पदार्थों की जांच की है.

हाल ही में भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान और गगनयान दोनों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को इसरो ने पहले ही तैयार कर लिया था. अंतरिक्ष विज्ञान के जरिए हमारी कोशिश देशवासियों के जीवन को और बेहतर बनाने की है.

पढ़ें : चंद्रयान 3 को मिली अनुमति, बताया गगनयान का पूरा प्लान

इसरो ने एक जनवरी 2020 को कहा कि महत्वाकांक्षी 'गगनयान' मिशन के लिए अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण देने की शुरुआत रूस में जनवरी के तीसरे सप्ताह से की जाएगी. इस मिशन के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों को चुना गया है और उनका प्रशिक्षण इस महीने के तीसरे सप्ताह से रूस में शुरू होगा.

Intro:


Body:DRDO has prepared food for Gaganyaan Astronauts

Bengaluru:DRDO has researched food for astronaut during space travel. After a year long research Mysore DRDO food Dept.




Conclusion:
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