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गृहमंत्री से मिले बंगाल के राज्यपाल धनखड़, राज्य की कानून व्यवस्था पर की चर्चा - पश्चिम बंगाल के राज्यपाल

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर भी शिकायत की है. उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है.

गृहमंत्री से मिले राज्यपाल धनखड़
गृहमंत्री से मिले राज्यपाल धनखड़
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Published : Jul 20, 2020, 10:20 PM IST

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य में कोरोना स्थिति के प्रबंधन में राज्य सरकार की विफलता को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर भी शिकायत की है. उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है.

बैठक के दौरान धनखड़ ने राज्य पुलिस बलों द्वारा निभाई जा रही पक्षपातपूर्ण भूमिका की भी शिकायत की.

एक साल पूरे होने के मौके पर, राज्यपाल धनखड़ ने गृह मंत्री शाह को नई दिल्ली में अपने निवास पर बुलाया और एक घंटे तक राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.

राज्यपाल ने गृहमंत्री के साथ अपनी चिंताओं को साझा करते हुए कहा कि कोविड 19 के मामले और मौतें की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो कि चिंताजनक है. इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव भी है.

उन्होंने कहा कि न तो, कोरोना संक्रमित और न अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का राज्य में इलाज हो रहा है.

एक पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने की राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए, राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य के उन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए, जो आचरण नियमों की अवहेलना करते हैं.

बैठक के दौरान, राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में उच्च शिक्षा के राजनीतिकरण का मुद्दा और कुलपति की भूमिका पर सवाल उठाए.

बैठक से पहले, राज्यपाल धनखड़ ने ट्वीट किया है कि संविधान के आर्टिकेल 159 के तहत, एक राज्यपाल के रूप में वह संविधान को संरक्षित और उसको बचाने का प्रयास करेंगे.

उन्होंने कहा, 'राज्य में शासन एक साल से चिंता कारण है. सरकार का गैर-संवेदनशील रुख सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है.'

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में, राज्यपाल धनखड़ ने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की शिकायत गृह मंत्री शाह से की थी.

पढ़ें - पश्चिम बंगाल में एक जून से खोले जाएंगे धार्मिक स्थल : ममता

दिलचस्प बात यह है कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को उखाड़ फेंकने का लक्ष्य बना रही है.

बता दें, राज्य में मौजूदा स्थिति के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराना राज्यपाल का अधिकार है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ और स्वतंत्र पत्रकार गौतम लाहिड़ी ने कहा कि राज्यपाल धनखड़ वहीं कर रहे हैं, जो राज्यपाल का अधिकार है. लेकिन वे अतिरिक्त मुखर हैं और उनके कार्य राज्य सरकार के विपरीत भी हैं. उन्होंने कहा कि यह पश्चिम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच के खुले मतभेद हैं.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य में कोरोना स्थिति के प्रबंधन में राज्य सरकार की विफलता को लेकर औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर भी शिकायत की है. उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है.

बैठक के दौरान धनखड़ ने राज्य पुलिस बलों द्वारा निभाई जा रही पक्षपातपूर्ण भूमिका की भी शिकायत की.

एक साल पूरे होने के मौके पर, राज्यपाल धनखड़ ने गृह मंत्री शाह को नई दिल्ली में अपने निवास पर बुलाया और एक घंटे तक राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की.

राज्यपाल ने गृहमंत्री के साथ अपनी चिंताओं को साझा करते हुए कहा कि कोविड 19 के मामले और मौतें की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो कि चिंताजनक है. इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव भी है.

उन्होंने कहा कि न तो, कोरोना संक्रमित और न अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का राज्य में इलाज हो रहा है.

एक पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने की राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए, राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य के उन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए, जो आचरण नियमों की अवहेलना करते हैं.

बैठक के दौरान, राज्यपाल धनखड़ ने राज्य में उच्च शिक्षा के राजनीतिकरण का मुद्दा और कुलपति की भूमिका पर सवाल उठाए.

बैठक से पहले, राज्यपाल धनखड़ ने ट्वीट किया है कि संविधान के आर्टिकेल 159 के तहत, एक राज्यपाल के रूप में वह संविधान को संरक्षित और उसको बचाने का प्रयास करेंगे.

उन्होंने कहा, 'राज्य में शासन एक साल से चिंता कारण है. सरकार का गैर-संवेदनशील रुख सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है.'

गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में, राज्यपाल धनखड़ ने राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की शिकायत गृह मंत्री शाह से की थी.

पढ़ें - पश्चिम बंगाल में एक जून से खोले जाएंगे धार्मिक स्थल : ममता

दिलचस्प बात यह है कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को उखाड़ फेंकने का लक्ष्य बना रही है.

बता दें, राज्य में मौजूदा स्थिति के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराना राज्यपाल का अधिकार है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए वरिष्ठ और स्वतंत्र पत्रकार गौतम लाहिड़ी ने कहा कि राज्यपाल धनखड़ वहीं कर रहे हैं, जो राज्यपाल का अधिकार है. लेकिन वे अतिरिक्त मुखर हैं और उनके कार्य राज्य सरकार के विपरीत भी हैं. उन्होंने कहा कि यह पश्चिम में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच के खुले मतभेद हैं.

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