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पूंजीपति मित्रों के हित साधने का काम कर रही है मोदी सरकार : कांग्रेस - लार्सन एंडटुब्रो लिमिटेड

राफेल सौदे के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार को पनडुब्बी परियोजना पर सवाल उठाया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने मोदी को अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस कंपनी को इस क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है उसे ही इस परियोजना को देने की कोशिश कर रहे हैं.

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रणदीप सुरजेवाला
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Published : Jan 16, 2020, 12:12 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार 45 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट 75-आई (पनडुब्बी परियोजना) में एक निजी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रियाओं (डीपीपी) का उल्लंघन कर रही है.

बुधवार को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि अगले कुछ दिनों के भीतर इस परियोजना के लिए आवेदन करने वाली चार कंपनियों में से एक के चुनाव पर निर्णय होना है और ऐसे में कांग्रेस राष्ट्रीय हित के ध्यान में रखते हुए इस विषय को उठा रही है.

रणदीप सुरजेवाला

दूसरी तरफ, सरकार अथवा रक्षा मंत्रालय या संबंधित निजी समूह की तरफ से कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

रणदीप सुरजेवाला

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, '45,000 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट 75-आई पनडुब्बी खरीद परियोजना में मोदी सरकार पर पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने, पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने, 'डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीज़र, 2016' (डीपीपी-2016) का उल्लंघन करने तथा भारतीय नौसेना एवं उसकी 'एम्पॉवर्ड कमिटी' को तथाकथित रूप से नजरंदाज करने का आरोप है. संदेह के दायरे में घिरकर पूरी पनडुब्बी खरीद परियोजना पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है.'

यह भी पढ़ें-दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को लेकर कांग्रेस का AAP पर हमला, कहा- सुविधाएं कम हुईं

उन्होंने सवाल किया, 'क्या मोदी सरकार 45,000 करोड़ रु. की पनडुब्बी खरीद परियोजना में अडानी डिफेंस जेवी को प्राथमिकता दे फायदा पहुंचा रही है? क्या मोदी सरकार डीपीपी 2016 एवं उसमें दी गई पात्रता के मापदंडों का उल्लंघन कर अपने पूजीपति मित्रों के हितों को साधने का काम कर रही है? क्या मोदी सरकार अडानी डिफेंस जे.वी की पात्रता न होने के मामले में भारतीय नौसेना एवं इसकी 'एम्पॉवर्ड कमिटी' के निर्णय को खारिज कर रही है?'

नई दिल्ली : कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार 45 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट 75-आई (पनडुब्बी परियोजना) में एक निजी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रियाओं (डीपीपी) का उल्लंघन कर रही है.

बुधवार को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि अगले कुछ दिनों के भीतर इस परियोजना के लिए आवेदन करने वाली चार कंपनियों में से एक के चुनाव पर निर्णय होना है और ऐसे में कांग्रेस राष्ट्रीय हित के ध्यान में रखते हुए इस विषय को उठा रही है.

रणदीप सुरजेवाला

दूसरी तरफ, सरकार अथवा रक्षा मंत्रालय या संबंधित निजी समूह की तरफ से कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

रणदीप सुरजेवाला

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, '45,000 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट 75-आई पनडुब्बी खरीद परियोजना में मोदी सरकार पर पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने, पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने, 'डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीज़र, 2016' (डीपीपी-2016) का उल्लंघन करने तथा भारतीय नौसेना एवं उसकी 'एम्पॉवर्ड कमिटी' को तथाकथित रूप से नजरंदाज करने का आरोप है. संदेह के दायरे में घिरकर पूरी पनडुब्बी खरीद परियोजना पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है.'

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उन्होंने सवाल किया, 'क्या मोदी सरकार 45,000 करोड़ रु. की पनडुब्बी खरीद परियोजना में अडानी डिफेंस जेवी को प्राथमिकता दे फायदा पहुंचा रही है? क्या मोदी सरकार डीपीपी 2016 एवं उसमें दी गई पात्रता के मापदंडों का उल्लंघन कर अपने पूजीपति मित्रों के हितों को साधने का काम कर रही है? क्या मोदी सरकार अडानी डिफेंस जे.वी की पात्रता न होने के मामले में भारतीय नौसेना एवं इसकी 'एम्पॉवर्ड कमिटी' के निर्णय को खारिज कर रही है?'

Intro:New Delhi: Taking the 45,000 crore Submarine Project 75-I under a cloud of suspicion, Congress put allegations of "favoritism, crony capitalism, and violations of Defence Procurement Procedure 2016 (DPP-2016)" over Modi Government for allegedly trying to allocate this project to Adani Defence joint venture.


Body:Congress spokesperson Randeep Singh Surjewala asked, "Is Modi government favouring Adani defence joint venture in the 45 thousand crore summary in project? Is Modi government promoting financial interest of its crony capitalism friends by violating the dpp 2016 and eligibility conditions contained therein? Is Modi government overruling Indian Navy and its empowered committee in the matter of in Eligibility of Adani Defence joint venture?"

As the official documents, a 'Request for Expressions of Interest' was issued in April 2019, to build six conventional diesel electric submarines for Indian Navy under Strategic Partnership Model, with an estimated cost of Rs 45000 crore. For this project, an 'Empowered Committe' was constituted inherited by navy's controller of Warship Production and Acquisition.

Five responses were received for this project including Larsen and Toubro Limited, Mazagaon Dock Shipbuilders Limited, Reliance Naval & Engineering Limited, Hindustan Shipyard Limited and Adani Defence+ Hindustan Shipyard Limited.

"Adani defence has zero experience of making ships or submarines it seeks to manufacture submarines based on a clause where an experience of setting up and running a power plant is counted," said Surjewala.

Congress also claimed that the empowered committee of Indian Navy shortlisted two entities, Government owned Mazagaon Dock Shipbuilders Limited and Larsen and Toubro, on examination of manufacturing facilities financial records and other criteria.

"Defence Ministry is required to mandatory approve the Special Purpose Vehicle and scrutinize thoroughly. Adani defence or HSL had not constituted any such SPV after the last date of submission of request for EOI, i.e. 11th Sept, 2019. They hadn't got any such SPV approved of scrutinized from defence ministry up till the last date. GoI and Defense Ministry now seek to overrule the Empowered Committee of Indian Navy by directing consideration of Adani Defence JV," claimed Congress.

As per DPP 2016, 'Assessment of Capacity of Ship Building Entities' requires that 'Credit Rating' of every entity bidding for Contract above than Rs 1000 crore should be categorized as 'A', but while showing the expression of interest defence ministry decided to dilute this rating to 'BBB'.

"Incidentally, Adani Power has a credit rating of 'BB+' and all Adani power subsidiary companies have mostly credit rating of 'BBB' with the exception of Adani Power Maharashtra Limited," alleged the party.


Conclusion:Congress party demanded the Prime Minister
and Defense Minister to come forward and answer that "fairness not foul play, nationalism not crony capitalism, will be the yard sticks for decision on India's prestigious submarine project."
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