भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार मुश्किल में घिरती दिख रही है. मध्य प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त की चर्चाओं के बीच कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है, डंग ने अपना इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है. इसके अलावा तीन अन्य विधायक विसाहू लाल साहू ,रघुराज कंसाना, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र शेरा आज इस्तीफा दे सकते हैं.
दूसरी ओर विधायक बिसाहू लाल सिंह के लापता होने की परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पिछले दिनों राज्य के 10 विधायक गायब हो गए थे, कांग्रेस ने भाजपा पर इन विधायकों को बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया था. इनमें से छह विधायक वापस भोपाल लौट आए थे, चार विधायक अब भी भोपाल नहीं लौटे है. डंग ने गुरुवार की रात को विधानसभाध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा भेज दिया है.
डंग का आरोप है कि वे मंदसौर जिले के सुवासरा से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं, मगर उनकी बात कोई मंत्री और अधिकारी नहीं सुन रहा है. इससे परेशान होकर वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
दूसरी ओर कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह के पुत्र तेजभान सिंह ने टीटी नगर थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई है. दर्ज कराई गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बिसाहू लाल सिंह दो मार्च की शाम को पांच बजे रायपुर के लिए निकले थे, वे अब तक रायपुर नहीं पहुंचे हैं, करीबी रिश्तेदारों से पता किया मगर कुछ पता नहीं चला. इस रिपोर्ट पर पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि उनसे मिलने का बाद वे कोई भी टिप्पणी करेंगे. दूसरी तरफ खबर यह भी है कि बीजेपी के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. हालांकि इस खबर की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बारे में जानकारी मिली है. मुझे अभी तक उनसे कोई पत्र नहीं मिला है और न ही इस मामले पर चर्चा की गई है, जब तक मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलूंगा, तब तक इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा कि मुझे हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबर मिली. उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा नहीं दिया है. जब वे अपना इस्तीफा मुझे सौंपेंगे, तो मैं इस पर नियमानुसार विचार करूंगा और जरूरी कार्रवाई करूंगा.
वहीं दूसरी तरफ भाजपा प्रमुख वीडी. शर्मा ने डंग के इस्तीफे पर कहा कि इससे यह मालूम होता है कि किस प्रकार से राज्य में कांग्रेस सरकार में उनके के विधायक ही पीड़ित और प्रताड़ित हैं. यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. ये अंतरविरोध और अंतरकलह से ग्रस्त सरकार है, जिसका अंत आज दिखाई दे रहा है.
इधर सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. अगर सूत्रों की माने तो बीजेपी विधायक संजय पाठक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. सीएम हाउस में कमलनाथ से मुलाकात से पहले कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शरद कौल, नारायण त्रिपाठी भी कांग्रेस खेमे में आने की तैयारी कर रहे हैं.
बता दें कि इस बीच कांग्रेस के एक विधायक लापता होने की खबर मिली है. परिजनों ने इसको लेकर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है.
जानकारी के मुताबिक भोपाल के टीटी नगर थाने में कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल साहू के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है.
कांग्रेस ने भाजपा पर प्रदेश सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है. वहीं आरोपों से इंकार करते हुए भाजपा ने इसे कांग्रेस की अंदरुनी कलह बताया और कहा है कि उसका इन सब से कोई लेना-देना नहीं है.
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने गुरुवार को भोपाल के मास्टर प्लान 2031 का अनावरण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'हम अपने चार विधायकों के संपर्क में हैं और वे जल्द ही घर लौट आयेंगे.'
वे कब लौटेगें, यह पूछने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्द्धन ने कहा कि यह उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वह कब लौटेंगे.
इस बीच प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि प्रदेश सरकार पर संकट बुधवार को ही खत्म हो गया था और अब प्रदेश में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है.
उन्होंने कहा, 'कमल (मुख्यमंत्री कमलनाथ) ने कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) पर जीत हासिल की.' उन्होंने इस बात से इंकार किया कि बेंगलुरु गए चार विधायक कांग्रेस के रघुराज सिंह कंसाना, हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा प्रदेश की कांग्रेस सरकार से असंतुष्ट हैं.'
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से संबंध तोड़ लिये थे, जिस वजह से महाराष्ट्र में भाजपा सरकार नहीं बना सकी थी.