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भारत में नकली नोटों का चलन सरकार के लिए बना सिर दर्द

नकली नोटों को रोकना भारत सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नकली नोटों की जब्ती 2018 की तुलना में 2019 में 11.7 प्रतिशत बढ़ी है. बांग्लादेश स्थित गिरोह असम और पश्चिम बंगाल के रास्ते में भारत में नकली नोटों की सप्लाई करते हैं.

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Published : Oct 22, 2020, 8:20 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय जांच एजेंसियों ने नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए कठोर मानदंड निर्धारित किए हैं. फिर भी, फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) का प्रचलन जारी है. जाली नोटों के चलन को रोकना केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए चुनौती होता जा रहा है.

असम पुलिस ने बुधवार को बड़े नकली मुद्रा गिरोह के दो सदस्यों को डारंग जिले के फकीरपारा इलाके से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से 500 रुपये के छह सौ नकली नोट बरामद हुए हैं.

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य सीमा पार से नकली भारतीय नोट देश में सप्लाई करते थे. अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है.

बांग्लादेश से नकली भारतीय मुद्रा की सप्लाई भारत के लिए हमेशा चिंता का विषय रही है. भारत और बांग्लादेश ने नकली नोटों की तस्करी और चलन को रोकने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नकली नोटों की जब्ती 2018 की तुलना में 2019 में 11.7 प्रतिशत बढ़ी है. आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 25.39 करोड़ रुपये मूल्य की नकली नोट जब्त किए गए, जबकि 2018 में 17.95 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.

नकली नोटों का चलन केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी का एक उद्देश्य नकली नोटों के प्रचलन को रोकना था. पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के बाद सरकार ने दावा किया था कि नए 2000 रुपये के नोट में कई उच्च सुरक्षा विशेषताएं हैं.

साल 2019 में 2000 रुपये के 90,566 नकली नोट जब्त किए गए हैं. कर्नाटक (23,599), गुजरात (14,494) और पश्चिम बंगाल (13,637) से सबसे अधिक 2000 के नकली नोट बरामद किए गए हैं.

साल 2019 में 100 रुपये के कुल 71,817 नकली नोट जब्त किए गए हैं. दिल्ली में सबसे अधिक 31,671 नकली नोट जब्त किए गए. इसके बाद गुजरात (16,159) और उत्तर प्रदेश (6,129) का नंबर आता है.

दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष शाखा टेरर फंडिंग और फेक करेंसी सेल (TFFC) नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) से जुड़े कई मामलों की जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें- भारत सरकार ने चुनिंदा श्रेणियों को छोड़ सभी वीजा को बहाल किया

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी की एक टीम ने हाल ही में नकली मुद्रा की तस्करी के संबंध में बांग्लादेश का दौरा किया था. एनआईए द्वारा अगस्त में एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किए जाने के बाद जांच एजेंसी की टीम ने बांग्लादेश का दौरा किया था.

सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी को कुछ महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि नकली भारतीय नोट का एक बड़ा गिरोह बांग्लादेश में अब भी सक्रिय है.

सूत्रों का कहना है कि गिरोह के सदस्य बांग्लादेश में नकली भारतीय नोट छापते हैं और मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और असम सीमा के माध्यम से भारत में सप्लाई करते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, एनआईए भारत में नकली नोट सप्लाई करने के लिए अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय गिरोहों के शामिल होने की संभावनाओं की भी जांच कर रही है.

नई दिल्ली: भारतीय जांच एजेंसियों ने नकली नोटों पर लगाम लगाने के लिए कठोर मानदंड निर्धारित किए हैं. फिर भी, फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) का प्रचलन जारी है. जाली नोटों के चलन को रोकना केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए चुनौती होता जा रहा है.

असम पुलिस ने बुधवार को बड़े नकली मुद्रा गिरोह के दो सदस्यों को डारंग जिले के फकीरपारा इलाके से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से 500 रुपये के छह सौ नकली नोट बरामद हुए हैं.

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य सीमा पार से नकली भारतीय नोट देश में सप्लाई करते थे. अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है.

बांग्लादेश से नकली भारतीय मुद्रा की सप्लाई भारत के लिए हमेशा चिंता का विषय रही है. भारत और बांग्लादेश ने नकली नोटों की तस्करी और चलन को रोकने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में नकली नोटों की जब्ती 2018 की तुलना में 2019 में 11.7 प्रतिशत बढ़ी है. आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 25.39 करोड़ रुपये मूल्य की नकली नोट जब्त किए गए, जबकि 2018 में 17.95 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.

नकली नोटों का चलन केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती है, क्योंकि नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी का एक उद्देश्य नकली नोटों के प्रचलन को रोकना था. पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के बाद सरकार ने दावा किया था कि नए 2000 रुपये के नोट में कई उच्च सुरक्षा विशेषताएं हैं.

साल 2019 में 2000 रुपये के 90,566 नकली नोट जब्त किए गए हैं. कर्नाटक (23,599), गुजरात (14,494) और पश्चिम बंगाल (13,637) से सबसे अधिक 2000 के नकली नोट बरामद किए गए हैं.

साल 2019 में 100 रुपये के कुल 71,817 नकली नोट जब्त किए गए हैं. दिल्ली में सबसे अधिक 31,671 नकली नोट जब्त किए गए. इसके बाद गुजरात (16,159) और उत्तर प्रदेश (6,129) का नंबर आता है.

दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष शाखा टेरर फंडिंग और फेक करेंसी सेल (TFFC) नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) से जुड़े कई मामलों की जांच कर रही है.

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एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी की एक टीम ने हाल ही में नकली मुद्रा की तस्करी के संबंध में बांग्लादेश का दौरा किया था. एनआईए द्वारा अगस्त में एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किए जाने के बाद जांच एजेंसी की टीम ने बांग्लादेश का दौरा किया था.

सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी को कुछ महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि नकली भारतीय नोट का एक बड़ा गिरोह बांग्लादेश में अब भी सक्रिय है.

सूत्रों का कहना है कि गिरोह के सदस्य बांग्लादेश में नकली भारतीय नोट छापते हैं और मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल और असम सीमा के माध्यम से भारत में सप्लाई करते हैं.

सूत्रों के मुताबिक, एनआईए भारत में नकली नोट सप्लाई करने के लिए अन्य देशों के अंतरराष्ट्रीय गिरोहों के शामिल होने की संभावनाओं की भी जांच कर रही है.

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