नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को उन आईएएस अधिकारियों के नामों का खुलासा करने का निर्देश दिया है, जिनपर 2010 से भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोग चलाने की मंजूरी दी गई है.
केन्द्र सरकार अक्सर ही संसद में सवाल करने पर इस बारे में सदन को जानकारी देती है. सूचना आयुक्त दिव्या प्रकाश सिन्हा ने लखनऊ की कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की याचिका पर आदेश जारी किया.
ठाकुर ने 2010 से 2017 के बीच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी से संबंधित फाइल नोटिंग, संदेश समेत रिकॉर्ड मांगे थे, लेकिन यह सूचना कार्मिक विभाग ने उपलब्ध नहीं कराई.
उन्होंने दलील की सूचना से जनता का बड़ा हित जुड़ा है.
बहरहाल, सीआईसी ने फाइल नोटिंग और अन्य रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया परंतु उन आईएएस अधिकारियों के नाम देने का खुलासा करने निर्देश दिया जिनके खिलाफ अभियोजन चलाने की इजाजत दी गई है.
आदेश में उन अधिकारियों के नाम भी बताने का भी निर्देश दिया गया, जिन पर 2010 से लेकर सूचना के अधिकार कानून के तहत आवेदन करने की तारीख के दौरान मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इंकार किया गया है.
(इनपुट-भाषा).