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तिहाड़ में 4 किलो घटा चिदंबरम का वजन, अब मिलेगा घर का खाना

तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि उन्हें घर का खाना दिया जाए. कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार कर लिया है. अब उन्हें घर का खाना मिलेगा. जानें पूरा विवरण

चिदंबरम
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Published : Oct 3, 2019, 11:58 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की अर्जी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने स्वीकार कर ली. इस अर्जी में चिदंबरम ने जेल में घर के खाने की मांग की थी. बता दें कोर्ट ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है.

इससे पहले चिदंबरम (74) ने अपनी जमानत याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चूंकि उन्हें जेल के अंदर मिलने वाले भोजन की आदत नहीं है, इसके चलते उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनका वजन चार किलो तक कम हो गया है.

वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम की याचिका में कहा गया, 'उनका स्वास्थ्य खराब है. वह जेल में बंद है और उन्हें वह भोजन दिया जा रहा है, जिसकी उन्हें आदत नहीं है. न्यायिक हिरासत में उनका पहले ही चार किलो वजन घट चुका है.'

जमानत याचिका में कहा गया, 'चिदंबरम 42 दिनों से कैद में हैं, जिसमें 15 दिनों की सीबीआई की अधिकतम कस्टडी रिमांड की अवधि शामिल है और इसलिए उनका निरंतर हिरासत में रहना सजा का रूप है क्योंकि उनकी हिरासत न तो ली जा सकती है और न ही जांच के उद्देश्य से आवश्यक है.'

पढ़ें-INX घोटाला: चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

आईएनएक्स मीडिया मामले में तीन दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पी. चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आज (गुरुवार को) उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.

चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन. वी रामना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका दायर की.

न्यायमूर्ति रामना ने कहा कि पूर्व मंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तय करेंगे और इस पर विचार के लिए यह उनके पास भेजी जाएगी.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की अर्जी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने स्वीकार कर ली. इस अर्जी में चिदंबरम ने जेल में घर के खाने की मांग की थी. बता दें कोर्ट ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है.

इससे पहले चिदंबरम (74) ने अपनी जमानत याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चूंकि उन्हें जेल के अंदर मिलने वाले भोजन की आदत नहीं है, इसके चलते उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनका वजन चार किलो तक कम हो गया है.

वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम की याचिका में कहा गया, 'उनका स्वास्थ्य खराब है. वह जेल में बंद है और उन्हें वह भोजन दिया जा रहा है, जिसकी उन्हें आदत नहीं है. न्यायिक हिरासत में उनका पहले ही चार किलो वजन घट चुका है.'

जमानत याचिका में कहा गया, 'चिदंबरम 42 दिनों से कैद में हैं, जिसमें 15 दिनों की सीबीआई की अधिकतम कस्टडी रिमांड की अवधि शामिल है और इसलिए उनका निरंतर हिरासत में रहना सजा का रूप है क्योंकि उनकी हिरासत न तो ली जा सकती है और न ही जांच के उद्देश्य से आवश्यक है.'

पढ़ें-INX घोटाला: चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ाई गई

आईएनएक्स मीडिया मामले में तीन दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पी. चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आज (गुरुवार को) उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.

चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन. वी रामना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका दायर की.

न्यायमूर्ति रामना ने कहा कि पूर्व मंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तय करेंगे और इस पर विचार के लिए यह उनके पास भेजी जाएगी.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था.

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DL-COURT-CHIDAMBARAM-FOOD
'Ghar ka khana' for Chidambaram in Tihar Jail
         New Delhi, Oct 3 (PTI) Former Union finance minister P Chidambaram will now be able to relish home-cooked food in Tihar Jail once daily as a Delhi court allowed his plea in this regard on Thursday after noting his medical condition.
         Senior advocate Kapil Sibal, appearing for Chidambaram, told the court that the 74-year-old Congress leader was suffering from multiple ailments, including dyslipidemia and irritable bowel disease.
         Sibal told the court that there was a noticeable loss in Chidambaram's weight and his health was deteriorating in jail.
         There was an inflammation in his digestive tract and therefore, it was imperative for him to eat home-cooked food.
         Responding to his plea, the superintendent of Tihar Jail submitted that the Delhi Prison Rules prohibited outside food for inmates and if Chidambaram was allowed to have home-cooked food, it would be discriminatory to other prisoners.
         The jail official also told the court that an inmate was allowed to meet visitors only twice a week and if Chidambaram was allowed to have home food, it would require daily contact with visitors, which would not be conducive to his safety and security.
         Solicitor General Tushar Mehta, appearing for the Central Bureau of Investigation (CBI), however, said he had no objection to Chidambaram being provided with home-cooked food.
         The court said in these circumstances, it might be conducive to Chidambaram's health condition that he was provided home-cooked food once a day to avoid any further deterioration in his health condition.
         However, it noted that the order should not be taken as a precedent as the concession for home food was being given considering the peculiar facts and circumstances of the case and keeping Chidambaram's medical condition in mind.
         Allowing the plea, Special judge Ajay Kumar Kuhar said, "From the medical record shown by the applicant (Chidambaram), it is apparent that the applicant is suffering from multiple ailments. He is 74 years of age. He is suffering from inflammation of his digestive tract....
         "In these circumstances, it may be conducive to his health condition that he is provided home cooked food once a day to avoid any further deterioration in his health condition."
         Earlier in the day, Chidambaram moved a bail plea in the Supreme Court, where he said "bail is the rule, jail is the exception" and that courts should frown upon the attempt of the prosecution to use judicial custody as "a kind of pre-trial punishment".
         Citing his "frail" health, the senior Congress leader also said he was not "accustomed" to the food given to him in jail and had lost four kg during his judicial custody. PTI PKS UK
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