नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की अर्जी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने स्वीकार कर ली. इस अर्जी में चिदंबरम ने जेल में घर के खाने की मांग की थी. बता दें कोर्ट ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी है.
इससे पहले चिदंबरम (74) ने अपनी जमानत याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चूंकि उन्हें जेल के अंदर मिलने वाले भोजन की आदत नहीं है, इसके चलते उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है और उनका वजन चार किलो तक कम हो गया है.
वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद चिदंबरम की याचिका में कहा गया, 'उनका स्वास्थ्य खराब है. वह जेल में बंद है और उन्हें वह भोजन दिया जा रहा है, जिसकी उन्हें आदत नहीं है. न्यायिक हिरासत में उनका पहले ही चार किलो वजन घट चुका है.'
जमानत याचिका में कहा गया, 'चिदंबरम 42 दिनों से कैद में हैं, जिसमें 15 दिनों की सीबीआई की अधिकतम कस्टडी रिमांड की अवधि शामिल है और इसलिए उनका निरंतर हिरासत में रहना सजा का रूप है क्योंकि उनकी हिरासत न तो ली जा सकती है और न ही जांच के उद्देश्य से आवश्यक है.'
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आईएनएक्स मीडिया मामले में तीन दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पी. चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद आज (गुरुवार को) उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया.
चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन. वी रामना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिका दायर की.
न्यायमूर्ति रामना ने कहा कि पूर्व मंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई तय करेंगे और इस पर विचार के लिए यह उनके पास भेजी जाएगी.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया था.