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नागरिकता कानून के विरोध में जामा मस्जिद पहुंचे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर - चंद्रशेखर आजाद तिहाड़ जेल से रिहा

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने जामा मस्जिद पहुंचे हैं. गुरुवार को अदालत ने आजाद को जमानत देते हुए कहा था कि वह वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे.

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चंद्रशेखर.
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Published : Jan 17, 2020, 1:58 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 2:27 PM IST

नई दिल्ली : भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर जामा मस्जिद में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की एकता और भाईचारे से बड़ा कुछ भी नहीं है. चंद्रशेखर आजाद को गुरुवार की रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था.

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ राहत दी थी.

आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे.

जामा मस्जिद के बाहर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर

अदालत ने यह भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कहीं भी जाना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी. न्यायाधीश ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है.

चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.

निर्भया केस : राष्ट्रपति ने खारिज की दोषी मुकेश की दया याचिका, 'फंदे के और करीब' पहुंचे चारों दोषी

आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था. भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

नई दिल्ली : भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर जामा मस्जिद में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की एकता और भाईचारे से बड़ा कुछ भी नहीं है. चंद्रशेखर आजाद को गुरुवार की रात तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था.

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को जमानत दी थी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ राहत दी थी.

आजाद को जमानत देते हुए अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक कोई धरना आयोजित नहीं करेंगे.

जामा मस्जिद के बाहर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर

अदालत ने यह भी कहा था कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद जामा मस्जिद समेत दिल्ली में कहीं भी जाना चाहते हैं, तो पुलिस उन्हें एस्कॉर्ट करेगी. न्यायाधीश ने कहा था कि विशेष परिस्थितियों में विशेष शर्तों की जरूरत होती है.

चंद्रशेखर को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.

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आजाद के संगठन ने पुलिस की अनुमति के बगैर 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था. भीम आर्मी प्रमुख को 21 दिसंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

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Last Updated : Jan 17, 2020, 2:27 PM IST
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