नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने मंत्रालय को कोविड केयर फंड के रूप में अब तक कुल 620 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है. साथ ही रेलवे कोविड 19 के मद्देनजर स्पेशल ट्रेनों की तादाद बढ़ाने की योजना बना रहा है.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि रेलवे आइसोलेशन कोच के रख-रखाव और भोजन के लिए प्रति कोच दो लाख रुपये की अनुमानित लागत खर्च कर रहा है.
उन्होंने उल्लेख किया कि यह 5,213 आइसोलेशन डिब्बों के संशोधन के लिए रेलवे का बजटीय अनुमान था, जो पहले ही केंद्र से प्राप्त हो चुका है.
यादव ने यह भी घोषणा की कि रेलवे राज्यों से अधिभोग और मांगों के आधार पर अधिक स्पेशल ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रहा है. 230 विशेष ट्रेनों में से 78 ट्रेनें 26 जून तक 100 प्रतिशत चल रही हैं.
उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि उत्तर प्रदेश, बिहार, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से उल्टी दिशा में मूवमेंट शुरू हो गया है और प्रवासी मजदूर काम पर वापस लौट आए हैं.
चेयरमैन रेलवे बोर्ड ने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात में वापस आने वाले लोगों का रुझान बहुत उत्साहजनक है. पूरी सामार्थ्य से ट्रेन चलाना उचित नहीं हो सकता है. हम विशेष ट्रेनों के अधिभोग पर नजर रख रहे हैं.
बहुत जल्द हम राज्यों में अधिभोग और कोविड-19 स्थिति की मांग के आधार पर और अधिक ट्रेनों की शुरुआत करेंगे. यादव ने यह भी बताया कि रेलवे ने वापस से लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए 160 परियोजनाओं की पहचान की है, जो गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत छह राज्यों में लगभग नौ लाख लोगों को काम देंगी.
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उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और झारखंड इन छह राज्यों में प्रवासी मजदूर 116 जिलों में अपने घरों में लौट आए हैं.
उन्हें 160 रेलवे विकास कार्यों में रोजगार मिलेगा. उन्हें 125 दिनों के लिए काम दिया जाएगा. उन्होंने उल्लेख किया कि यह 1,888 करोड़ रुपये की परियोजना है.
निजी ऑपरेटरों पर एक सवाल का जवाब देते हुए यादव ने कहा कि योग्यता के सभी अनुरोध जुलाई के पहले सप्ताह तक मांगे जाएंगे.