नई दिल्ली/मुंबई/पटना : अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की सीबीआई जांच कराये जाने पर उच्चतम न्यायालय के आदेश की सराहना करते हुए बुधवार को भाजपा और सहयोगी दलों ने 'न्याय की जीत' बताया. साथ ही, उन्होंने भरोसा जताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी सच्चाई को सामने लाएगी.
वहीं, महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस और शिवसेना ने मुंबई पुलिस का बचाव किया तथा आरोप लगाया कि नीतीश कुमार नीत बिहार सरकार आगामी (बिहार) विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है. महाराष्ट्र सरकार ने बिहार पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और इस सनसनीखेज मामले की सीबीआई जांच का विरोध किया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को मीडिया को दिए अपने बयान में, सुशांत के पिता कृष्ण कुमार सिंह ने कहा, 'यह घोषित किया जाता है कि मैं दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत का कानूनी वारिस हूं और इस क्षमता के साथ, सुशांत के रहते हुए वकील, सीए और अन्य पेशेवरों के साथ उसके जो भी संबंध थे, वह उसकी मौत के बाद समाप्त होते हैं.'
सुशांत के पिता ने कहा कि अब बिना मेरी अनुमति के कोई वकील, सीए और कोई भी व्यक्ति सुशांत की जायदाद का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा.'
गौरतलब है कि कुछ वकील मीडिया के सामने आए थे और खुद को सुशांत का वकील बताया था, जिसके बाद उनके पिता ने यह बयान जारी किया है.
उन्होंने कहा, 'वकीलों ने मीडिया के सामने खुद के और सुशांत के बीच बातचीत के बारे में बताया. भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के अनुच्छेद 126 और बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स (रूल 17, पार्ट 6, चैप्टर 2) के तहत इस तरह के खुलासों पर पाबंदी है. मैं सुशांत की जायदाद का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं और मैंने किसी को भी सुशांत का प्रतिनिधित्व करने या साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रतिबंधित सूचना के खुलासे की अनुमति नहीं दी है.'
उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि मेरे परिवार समेत, मैं और मेरी बेटी और हम मिस्टर वरूण सिंह (एसकेवी लॉ आफिसेस, कॉमर्शियल) को हमारा अधिवक्ता और उनके जरिए विकास सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता को हमारे परिवार का प्रतिनिधित्व करने के लिए अधिकृत करते हैं.'
शीर्ष न्यायालय का आदेश आने के शीघ्र बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, 'न्याय की जीत हुई. सुशांत सिंह राजपूत की आत्मा को अब संतोष मिलेगा कि उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के कारणों की सीबीआई द्वारा निष्पक्ष और त्वरित जांच होगी, जिसके लिए पटना में दायर बिहार पुलिस की प्राथमिकी को उच्चतम न्यायालय ने वैधानिक मानते हुए सीबीआई जांच के लिए स्थानांतरित किया है.'
उन्होंने इस मामले को आगे ले जाने के लिए दिवंगत अभिनेता के परिजन के साहस का अभिनंदन करते हुए कहा कि पूरा देश आज सुशांत को न्याय मिले, इस भावना के साथ खड़ा है.
कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने भाजपा एवं जद (यू) के नेताओं पर बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति करने का आरोप लगाया.
गोहिल ने दावा किया, 'राजनीतिक फायदे और बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा एवं जद (यू) के नेता बयानबाजी करते हैं. इससे इस मामले में न्याय नहीं होगा.' उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'हमारी शुरू से मांग थी कि इस मामले की जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त से सजा हो. कांग्रेस के विधायक अवधेश सिंह ने बिहार विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा था कि सुशांत मामले की सीबीआई जांच हो.'
उच्चतम न्यायालय ने सुशांत की अस्वाभाविक मृत्यु के सिलसिले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में चल रही सीबीआई जांच को मंजूरी देते हुये बुधवार को कहा कि इस मामले में दर्ज किसी भी अन्य प्रकरण की जांच भी यही एजेंसी करेगी.
न्यायालय ने कहा कि अभिनेता के पिता की शिकायत पर रिया चक्रवर्ती और छह अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके पटना पुलिस ने कुछ भी गैरकानूनी नहीं किया है. अभिनेता के पिता ने इन सभी पर अपने 34 साल के बेटे को आत्महत्या के लिये बाध्य करने का आरोप लगाया है.
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि बिहार सरकार मामले को जांच के लिये सीबीआई को सौंपने में सक्षम है.
गौरतलब है कि सुशांत का शव 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में उनके आवास पर फंदे से लटका हुए मिला था.
अभिनेता की मौत से बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में हलचल तेज कर दी. मुख्य विपक्षी राजद सहित लगभग सभी पार्टियों ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी.
हालांकि, भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में लाने की कोशिश की.
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'अब सीबीआई जांच करेगी..अब इस मुद्दे पर पूरे न्याय की उम्मीद है.'
कांग्रेस के बिहार प्रभारी गोहिल ने कहा, 'न्यायालय के फैसले में कहा गया है कि मुंबई पुलिस कुछ भी गलत नहीं कर रही थी. ऐसे में मैं मांग करता हूं कि भाजपा के बयानबाज नेता माफी मांगें. बिना सबूत के पुलिस को हतोत्साहित करने का अधिकार किसी को नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'अब सीबीआई अपना फर्ज निभाए, अपना धर्म निभाए और इस मामले में सही जांच जल्द से जल्द करे.'
मामले की सीबीआई से जांच कराये जाने पर जोर दे रहे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को इस बारे में आत्मावलोकन करने की जरूरत है.
वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र न्याय और सच्चाई के लिए लड़ने में हमेशा आगे रहा है.
राउत ने आरोप लगाया कि नेताओं ने मुंबई पुलिस का नाम खराब किया. उन्होंने कहा,' मुंबई पुलिस की सत्यनिष्ठा पर संदेह करना 'साजिश' थी.' हालांकि, इसमें उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने पूरी सच्चाई के साथ जांच की है.
उन्होंने कहा,' कानून से ऊपर कोई नहीं है. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद इस पर राजनीतिक टिप्पणी करना उचित नहीं है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या यह शिवसेना नीत महाराष्ट्र सरकार के लिए किसी प्रकार का झटका है, राउत ने कहा,' कानूनी लड़ाई में ऐसी बातें होती हैं.'
क्या राज्य सरकार इस फैसले को चुनौती देगी? यह पूछे जाने पर राउत ने कहा कि आदेश की प्रति मिलने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. शिवसेना नेता एवं राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे पर इस मामले में आरोपों पर उन्होंने कहा,' कोई आरोप नहीं हैं.'
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी का पूरा सहयोग करेगी.
उन्होंने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि कुछ दलों के नेताओं ने इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मौत के मुद्दे का राजनीतिकरण कर दिया.
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान ने उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करते हुए कहा कि उसके आदेश से करोड़ों लोगों की भावनाओं का सम्मान हुआ है.
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, 'न सिर्फ सच्चाई सामने आएगी बल्कि वो नाम भी सामने आएंगे जिन्होंने कहीं न कहीं इस केस को भटकाने का प्रयास किया. इसकी दिशा मोड़ने का प्रयास किया. उम्मीद करता हूं कि परिवार को भी इस आदेश से सुकून मिला होगा. सच्चाई जल्द से जल्द सामने आएगी.'
जनता दल यूनाइडेट (जद-यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा पटना में दर्ज कराए गए मामले पर बिहार पुलिस की कार्रवाई एवं बिहार सरकार के इस मामले को सीबीआई को सौंपने के निर्णय को विधि सम्मत एवं उचित ठहराया है.'
सुशांत के मामले का पूरा घटनाक्रम :
- 14 जून : राजपूत (34 वर्ष) का शव मुंबई के बांद्रा स्थित उनके अपार्टमेंट में छत के पंखे से लटका मिला. मुंबई पुलिस ने आकस्मिक मौत का कारण पता करने के लिये सीआरपीसी के तहत जांच शुरू की.
- 18 जून : राजपूत की महिला मित्र तथा अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती ने मुंबई पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया.
- 6 जुलाई : फिल्मकार संजय लीला भंसाली ने इस मामले में बयान दर्ज कराया.
- 18 जुलाई : फिल्मकार और यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) के अध्यक्ष आदित्य चोपड़ा ने मुंबई पुलिस के समक्ष बयान दर्ज कराया.
- 25 जुलाई : राजपूत के पिता के के सिंह ने अपने बेटे को आत्महत्या के लिये उकसाने समेत कई आरोपों के तहत पटना में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
- 27 जुलाई : मुंबई पुलिस ने फिल्मकार महेश भट्ट का बयान दर्ज किया.
- 29 जुलाई : रिया चक्रवर्ती प्राथमिकी को पटना से मुंबई स्थानांतरित कराने के लिये उच्चतम न्यायालय पहुंचीं.
- 31 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने इस प्रकरण में धनशोधन का मामला दर्ज किया है.
- 4 अगस्त : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करती है. मुंबई पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस मामले में कुल 54 लोगों ने बयान दर्ज कराए हैं.
- 6 अगस्त : सीबीआई ने कहा कि उसने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है.
- 7 अगस्त : केन्द्र सरकार ने रिया की याचिका में खुद को एक पक्ष बनाए जाने के लिये उच्चतम न्यायालय का रुख किया.
- 8 अगस्त : राजपूत के पिता के के सिंह ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल कर रिया की अपील का विरोध किया.
- 10 अगस्त : रिया ने मीडिया ट्रायल का आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय में नई याचिका दायर की.
- 11 अगस्त : महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि बिहार पुलिस ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है. उच्चतम न्यायालय ने रिया की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा.
- 19 अगस्त : उच्चतम न्यायालय ने पटना में दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई को स्थानांतरित करने का फैसला बरकरार रखा.