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MI-17 मामला : वायुसेना अधिकारी पर चलेगा गैर इरादतन हत्या का मुकदमा

एमआई -17 हेलीकॉप्टर हादसे की कोर्ट ऑफ इनक्वायरी की जांच के बीच ही कमांडिंग अधिकारी का तबादला कर दिया गया है. इस मामले में भारतीय वायुसेना का एक अधिकारी जिम्मेदार पाया गया है. उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा.

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Published : May 22, 2019, 11:40 AM IST

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: वायुसेना ने 27 फरवरी को भारतीय और पाकिस्तानी वायुसेनाओं के बीच जबर्दस्त टकराव के बीच बडगाम में (भारतीय वायुसेना की ही) संदिग्ध फायरिंग में एमआई -17 हेलीकॉप्टर के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. ऐसा होने के बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में तोजी के बीच श्रीनगर वायुसेना अड्डे के एयर ऑफिसर कमांडिंग का तबादला कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की है.

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच सेना के एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनावश गिरने के लिए भारतीय वायुसेना का एक अधिकारी जिम्मेदार पाया गया है. उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा.

खबरों के अनुसार, इस मामले में तीन अन्य लोगों को भी अभियुक्त बनाया जाएगा.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सैन्य कानून के प्रावधानों के तहत सख्ता सजा मिलेगी. सूत्रों के अनुसार इस हादसे की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए इस रणनीतिक वायुसेना अड्डे के वरिष्ठतम अधिकारी को हटा दिया गया है.

वायुसेना ने 27 फरवरी को एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों को अभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है. इसी दिन पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने की कोशिश की थी, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार यह विमान भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की ही एक रक्षक मिसाइल के हमले में धोखे में गिर गया था.

27 फरवरी को जब भारतीय और पाकिस्तानी के लड़ाकू विमान भीषण लड़ाई में उलझे थे, तब यह हेलीकॉप्टर बडगाम में हादसे का शिकार हो गया था. इससे एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्म्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था.

घटना की जांच अभी पूरी नहीं हुई है. घटना में विमान में सवार सभी छह लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्तानी वायुसेना ने 27 फरवरी को कश्मीर में भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की असफल कोशिश की थी.

सूत्रों ने बताया कि कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के तहत खासकर कई लोगों की भूमिका की जांच हो रही है, जिनमें वे लोग भी हैं जिनके हाथों में वायु रक्षा तंत्र का नियंत्रण था. हेलीकॉप्टर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का निशाना बना था.

सूत्रों ने बताया कि वायुसेना कोर्ट ऑफ इनक्वायरी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी, जिसमें दोषी को गैर इरादतन हत्या का आरोपी बनाया जाना शामिल हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि कोर्ट ऑफ इनक्वायरी में इसकी भी जांच की जा रही है कि हेलीकॉप्टर पर आइडेंटिफिकेशन ऑफ फ्रेंड और फो (आईएफएफ) तंत्र बंद तो नहीं था.

आईएफएफ वायुसेना के रडारों को इसकी पहचान में मदद करता है कि कोई विमान या हेलीकॉप्टर मित्रवत है या दुश्मन.

यह घटना जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर उस समय हुई थी, जब आईएएफ के विमान पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर भारत की एयरस्ट्राइक के बाद अगले दिन भारत में घुसपैठ का प्रयास कर रहे पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों से भिड़ गए थे.

नई दिल्ली: वायुसेना ने 27 फरवरी को भारतीय और पाकिस्तानी वायुसेनाओं के बीच जबर्दस्त टकराव के बीच बडगाम में (भारतीय वायुसेना की ही) संदिग्ध फायरिंग में एमआई -17 हेलीकॉप्टर के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. ऐसा होने के बाद कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में तोजी के बीच श्रीनगर वायुसेना अड्डे के एयर ऑफिसर कमांडिंग का तबादला कर दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी साझा की है.

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच सेना के एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनावश गिरने के लिए भारतीय वायुसेना का एक अधिकारी जिम्मेदार पाया गया है. उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाएगा.

खबरों के अनुसार, इस मामले में तीन अन्य लोगों को भी अभियुक्त बनाया जाएगा.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सैन्य कानून के प्रावधानों के तहत सख्ता सजा मिलेगी. सूत्रों के अनुसार इस हादसे की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए इस रणनीतिक वायुसेना अड्डे के वरिष्ठतम अधिकारी को हटा दिया गया है.

वायुसेना ने 27 फरवरी को एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों को अभी आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया है. इसी दिन पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने की कोशिश की थी, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार यह विमान भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की ही एक रक्षक मिसाइल के हमले में धोखे में गिर गया था.

27 फरवरी को जब भारतीय और पाकिस्तानी के लड़ाकू विमान भीषण लड़ाई में उलझे थे, तब यह हेलीकॉप्टर बडगाम में हादसे का शिकार हो गया था. इससे एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्म्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था.

घटना की जांच अभी पूरी नहीं हुई है. घटना में विमान में सवार सभी छह लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्तानी वायुसेना ने 27 फरवरी को कश्मीर में भारतीय सेना के प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की असफल कोशिश की थी.

सूत्रों ने बताया कि कोर्ट ऑफ इनक्वायरी के तहत खासकर कई लोगों की भूमिका की जांच हो रही है, जिनमें वे लोग भी हैं जिनके हाथों में वायु रक्षा तंत्र का नियंत्रण था. हेलीकॉप्टर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का निशाना बना था.

सूत्रों ने बताया कि वायुसेना कोर्ट ऑफ इनक्वायरी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी, जिसमें दोषी को गैर इरादतन हत्या का आरोपी बनाया जाना शामिल हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि कोर्ट ऑफ इनक्वायरी में इसकी भी जांच की जा रही है कि हेलीकॉप्टर पर आइडेंटिफिकेशन ऑफ फ्रेंड और फो (आईएफएफ) तंत्र बंद तो नहीं था.

आईएफएफ वायुसेना के रडारों को इसकी पहचान में मदद करता है कि कोई विमान या हेलीकॉप्टर मित्रवत है या दुश्मन.

यह घटना जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर उस समय हुई थी, जब आईएएफ के विमान पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर भारत की एयरस्ट्राइक के बाद अगले दिन भारत में घुसपैठ का प्रयास कर रहे पाकिस्तानी वायुसेना के विमानों से भिड़ गए थे.

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