बोंगाईगांव : लॉकडाउन के दौरान पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है. इस वक्त असम में 'असम बोट क्लिनिक' बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है.
यह बोट क्लिनिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत चलाए जा रहे हैं, जिसका मुख्य लक्ष्य नदी के किनारे रहने वाले लोगों की चिकित्सा आवश्यकताओं की पूर्ती करना हैैं. यह बोट विभिन्न नदी जिलों में घूमती रहती है और जरूरतमंदों को चिकित्सा आवश्यकताओं की पूर्ति करती रहती है.
इस बोट क्लिनिक में 13 सदस्य होते है जो सातो दिन और 24 घंटा खुली रहती है. इस में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला तकनीशियन, नर्स और कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहते हैं.
कोरोना वायरस का संक्रमण धीरे धीरे फैलता जा रहा है. बोट क्लिनिक भी बोट पर इलाज कराने आए सभी मरीजों को इलाज के साथ साथ कोरोना वायरस के फैलाव के कारणों की जानकारी दे रहा है.और साथ ही कोरोना वायरस से लोगों के बीच जागरुकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका बी निभा रहा है.
वहीं बोट क्लिनिक के डॉक्टर दिप्रजन दास ने कहा हम बोट क्लिनिक के स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. अभी लॉकडाउन चल रहा है. हम बड़ी संख्या लोगों को एक जगह जमा नही कर सकते हैं. लेकिन हमने अपने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर -घर भेजकर लोगों को कोरोना वायरस के बारे में जागरुकता फैला रहे हैं. लोगों को हाथ धोना और बुनियादी स्वाच्छता बनाए रखने के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
दास ने बताया कि बोट क्लिनिक का मूल उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और शिशुओं और छोटे बच्चों के टीकाकरण की जरुरतों को पूरा करना है. हम आम तौर पर हर रोज 40 से 50 मरीज रोज देख रहे हैं.