ETV Bharat / bharat

किसानों को विश्वास में लेने के लिए भाजपा ने बनाई नई रणनीति - bjp making programme

किसान बिल के लगातार विरोध को रोकने और किसानों को विश्वास में लेने के लिए भाजपा अब किसान बहुल राज्यों में कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. बता दें कि अलग-अलग जगहों पर होने जा रहे यह कार्यक्रम वर्चुअल वार्ता, वाद-विवाद, कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित होंगे. इस संबंध में भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने जानकारी दी.

bjp-making-programme-on-farm-bill-for-agriculture-dominant-states
किसानों को विश्वास में लेने की भाजपा की कवायद जारी
author img

By

Published : Oct 14, 2020, 5:51 PM IST

नई दिल्ली : कृषि कानून को लेकर विपक्षी पार्टियां देश भर प्रदर्शन कर रही हैं और केंद्र सरकार और इस बिल को किसानों के खिलाफ बता रही हैं. लगातार विरोध और बिहार विधान सभा चुनावों को देखते हुए भाजपा नीत राजग सरकार और खुद पीएम मोदी ने किसानों को विश्वास में लेने का बीड़ा उठाया है.

इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी सभी कृषि बहुल राज्यों में किसान कानूनों को लेकर किसानों, पत्रकारों और कृषि विशेषज्ञों के बीच वर्चुअल प्रेस वार्ता और वाद-विवाद आयोजित करेगी. इसकी शुरुआत पंजाब से की गई है, जहां कृषि विधेयक को लेकर किसानों के बीच नाराजगी और केंद्र सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा धरना प्रदर्शन हो रहे हैं.

पंजाब के लिए सात दिवसीय कार्यक्रम
पंजाब के लिए बीजेपी ने सात दिवसीय कार्यकम तैयार किया है, जिसकी शुरुआत मंगलवार से कर दी गई है. सात दिनों में केंद्र सरकार के सात मंत्री पंजाब में प्रेस वार्ता के माध्यम से पत्रकारों, कृषि विशेषज्ञों और किसानों से जुड़ रहे हैं.

मंगलवार को इस क्रम में केंद्र की तरफ से सबसे पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह की वर्चुअल प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें अमृतसर और तरनतारन के पत्रकारों, कृषि विशेषज्ञों और किसानों को संबोधित करते हुए कहा गया कि कुछ लोग इस बिल के बारे में झूठा प्रचार कर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं.

वहीं बुधवार को कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने संगरूर और बरनाला के पत्रकारों समेत कृषि विशेषज्ञों को वर्चुअल माध्यम से शामिल किया गया.

इसी तरह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी फरीदकोट के पत्रकारों और कृषि विशेषज्ञों को डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगीं. वहीं मंत्री अनुराग ठाकुर मोगा और लुधियाना के पत्रकारों को संबोधित करेंगे. केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. कॉमर्स और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश गुरुदासपुर और पठानकोट, गजेंद्र सिंह शेखावत, अबोहर और फिरोजपुर तथा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मोहाली में डिजिटल प्रेस वार्ता कर किसान विधेयक के संबंध में फैलाए जा रहे विपक्षियों के दुष्प्रचार का जवाब देंगे.

केंद्र द्वारा पारित कराए गए कृषि संबंधी इन तीनों बिलों को लेकर सरकार खासा चिंतित है. इस बिल को लेकर ही एनडीए के सालों पुराने गठबंधन में दरार आ गई है.

यह विरोध किसानों का नहीं- मनोज तिवारी
इस संबंध में भाजपा सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि किसान विरोध ही नहीं कर रहे हैं. अगर किसान विरोध करते, तो यह विरोध यूपी और बिहार में भी होता. तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार झूठ फैला रही है. एमएसपी से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. बल्कि इससे किसानों को फायदा मिलने वाला है. मनोज तिवारी ने कहा कि अगर दिल्ली में किसी किसान को कोई शंका है, तो उसे दूर करने के लिए मैं तैयार हूं.

कृषि कानून के विरोध में भाजपा सांसद की प्रतिक्रिया

आपको बता दें कि मानसून सत्र से पहले पार्टी ने सभी सांसदों को किसान बिल से संबंधित सभी मसौदे और जानकारी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करवाई थी, ताकि सत्र के दौरान इस बिल पर समुचित जवाब रखा जाए और बाद में भी वे अपने-अपने क्षेत्र के किसानों के बीच जाकर उनके भ्रम दूर करें.

नई दिल्ली : कृषि कानून को लेकर विपक्षी पार्टियां देश भर प्रदर्शन कर रही हैं और केंद्र सरकार और इस बिल को किसानों के खिलाफ बता रही हैं. लगातार विरोध और बिहार विधान सभा चुनावों को देखते हुए भाजपा नीत राजग सरकार और खुद पीएम मोदी ने किसानों को विश्वास में लेने का बीड़ा उठाया है.

इस क्रम में भारतीय जनता पार्टी सभी कृषि बहुल राज्यों में किसान कानूनों को लेकर किसानों, पत्रकारों और कृषि विशेषज्ञों के बीच वर्चुअल प्रेस वार्ता और वाद-विवाद आयोजित करेगी. इसकी शुरुआत पंजाब से की गई है, जहां कृषि विधेयक को लेकर किसानों के बीच नाराजगी और केंद्र सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा धरना प्रदर्शन हो रहे हैं.

पंजाब के लिए सात दिवसीय कार्यक्रम
पंजाब के लिए बीजेपी ने सात दिवसीय कार्यकम तैयार किया है, जिसकी शुरुआत मंगलवार से कर दी गई है. सात दिनों में केंद्र सरकार के सात मंत्री पंजाब में प्रेस वार्ता के माध्यम से पत्रकारों, कृषि विशेषज्ञों और किसानों से जुड़ रहे हैं.

मंगलवार को इस क्रम में केंद्र की तरफ से सबसे पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह की वर्चुअल प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें अमृतसर और तरनतारन के पत्रकारों, कृषि विशेषज्ञों और किसानों को संबोधित करते हुए कहा गया कि कुछ लोग इस बिल के बारे में झूठा प्रचार कर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं.

वहीं बुधवार को कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने संगरूर और बरनाला के पत्रकारों समेत कृषि विशेषज्ञों को वर्चुअल माध्यम से शामिल किया गया.

इसी तरह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी फरीदकोट के पत्रकारों और कृषि विशेषज्ञों को डिजिटल माध्यम से संबोधित करेंगीं. वहीं मंत्री अनुराग ठाकुर मोगा और लुधियाना के पत्रकारों को संबोधित करेंगे. केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. कॉमर्स और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश गुरुदासपुर और पठानकोट, गजेंद्र सिंह शेखावत, अबोहर और फिरोजपुर तथा केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मोहाली में डिजिटल प्रेस वार्ता कर किसान विधेयक के संबंध में फैलाए जा रहे विपक्षियों के दुष्प्रचार का जवाब देंगे.

केंद्र द्वारा पारित कराए गए कृषि संबंधी इन तीनों बिलों को लेकर सरकार खासा चिंतित है. इस बिल को लेकर ही एनडीए के सालों पुराने गठबंधन में दरार आ गई है.

यह विरोध किसानों का नहीं- मनोज तिवारी
इस संबंध में भाजपा सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि किसान विरोध ही नहीं कर रहे हैं. अगर किसान विरोध करते, तो यह विरोध यूपी और बिहार में भी होता. तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार झूठ फैला रही है. एमएसपी से किसी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. बल्कि इससे किसानों को फायदा मिलने वाला है. मनोज तिवारी ने कहा कि अगर दिल्ली में किसी किसान को कोई शंका है, तो उसे दूर करने के लिए मैं तैयार हूं.

कृषि कानून के विरोध में भाजपा सांसद की प्रतिक्रिया

आपको बता दें कि मानसून सत्र से पहले पार्टी ने सभी सांसदों को किसान बिल से संबंधित सभी मसौदे और जानकारी डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करवाई थी, ताकि सत्र के दौरान इस बिल पर समुचित जवाब रखा जाए और बाद में भी वे अपने-अपने क्षेत्र के किसानों के बीच जाकर उनके भ्रम दूर करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.