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'मैथिली और भोजपुरी भाषा' पर राजनीति शुरू, AAP पर बरसे बीजेपी-कांग्रेस

दिल्ली प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के प्रभारी दिनेश प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने ही मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल कराया था. केजरीवाल सरकार सिर्फ वादे करना जानती है. पढ़ें पूरी खबर....

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Published : Jul 18, 2019, 5:36 PM IST

बीजेपी-कांग्रेस का AAP पर वार

नई दिल्ली: मैथिली-भोजपुरी से जुड़ी केजरीवाल सरकार की घोषणा पर राजनीतिक सियासत तेज होती नजर आ रही है. एक तरफ आम आदमी पार्टी इस फैसले को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं भाजपा और कांग्रेस किसी न किसी बहाने से आम आदमी पार्टी को घेर रही है.

दिल्ली सचिवालय में मनीष सिसोदिया द्वारा की गई घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के बुराड़ी से विधायक संजीव झा और किराड़ी से विधायक ऋतुराज ने पार्टी मुख्यालय में इस फैसले की सराहना की.

मामले की जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

एक तरफ संजीव झा ने इसे पूर्वांचली अस्मिता और संस्कृति से जोड़ा तो वहीं ऋतुराज ने कहा कि आजादी के बाद के 70 साल में किसी भी सरकार ने पूर्वांचलियों के हित में ऐसा कोई बड़ा काम नहीं किया जो केजरीवाल सरकार ने किया है.

बीजेपी ने लगाए आरोपः
दिल्ली सरकार की इस घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी तथ्यों के साथ आम आदमी पार्टी को घेरने में लगी हुई है. दिल्ली प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के प्रभारी दिनेश प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने ही मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल कराया था. केजरीवाल सरकार सिर्फ वादे करना जानती है.

मनीष सिसोदिया पर वार करते हुए दिनेश प्रताप ने कहा कि भले ही वे प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हों, लेकिन भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लगातार हमारे सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी प्रयास कर रहे हैं.

पढे़ंः BJP और AAP कर रही है धार्मिक माहौल खराब- कांग्रेस

हालांकि दिनेश प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि भले ही उन्होंने घोषणा की हो, लेकिन अगले 6 महीने बाद जब हमारी सरकार बनेगी तब इसे भी लागू हम ही करेंगे.

कांग्रेस ने भी किया वारः
कांग्रेस पार्टी भी इस घोषणा को पूरी तरह से सियासी नजरिए से देख रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचर का कहना है कि अभी चुनाव आ रहा है, इसीलिए ऐसी घोषणा आम आदमी पार्टी ने की है.

उन्होंने यह भी कहा कि आज एक भाषा के लिए मांग की गई है, आने वाले दिनों में अन्य भाषाओं के लिए मांग होगी.

नई दिल्ली: मैथिली-भोजपुरी से जुड़ी केजरीवाल सरकार की घोषणा पर राजनीतिक सियासत तेज होती नजर आ रही है. एक तरफ आम आदमी पार्टी इस फैसले को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं भाजपा और कांग्रेस किसी न किसी बहाने से आम आदमी पार्टी को घेर रही है.

दिल्ली सचिवालय में मनीष सिसोदिया द्वारा की गई घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के बुराड़ी से विधायक संजीव झा और किराड़ी से विधायक ऋतुराज ने पार्टी मुख्यालय में इस फैसले की सराहना की.

मामले की जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता

एक तरफ संजीव झा ने इसे पूर्वांचली अस्मिता और संस्कृति से जोड़ा तो वहीं ऋतुराज ने कहा कि आजादी के बाद के 70 साल में किसी भी सरकार ने पूर्वांचलियों के हित में ऐसा कोई बड़ा काम नहीं किया जो केजरीवाल सरकार ने किया है.

बीजेपी ने लगाए आरोपः
दिल्ली सरकार की इस घोषणा पर भारतीय जनता पार्टी तथ्यों के साथ आम आदमी पार्टी को घेरने में लगी हुई है. दिल्ली प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के प्रभारी दिनेश प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने ही मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल कराया था. केजरीवाल सरकार सिर्फ वादे करना जानती है.

मनीष सिसोदिया पर वार करते हुए दिनेश प्रताप ने कहा कि भले ही वे प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हों, लेकिन भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लगातार हमारे सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी प्रयास कर रहे हैं.

पढे़ंः BJP और AAP कर रही है धार्मिक माहौल खराब- कांग्रेस

हालांकि दिनेश प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि भले ही उन्होंने घोषणा की हो, लेकिन अगले 6 महीने बाद जब हमारी सरकार बनेगी तब इसे भी लागू हम ही करेंगे.

कांग्रेस ने भी किया वारः
कांग्रेस पार्टी भी इस घोषणा को पूरी तरह से सियासी नजरिए से देख रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचर का कहना है कि अभी चुनाव आ रहा है, इसीलिए ऐसी घोषणा आम आदमी पार्टी ने की है.

उन्होंने यह भी कहा कि आज एक भाषा के लिए मांग की गई है, आने वाले दिनों में अन्य भाषाओं के लिए मांग होगी.

Intro:मैथिली भोजपुरी को लेकर की गई दिल्ली सरकार की घोषणा के बाद दिल्ली की सियासत भाषाई राजनीति के नए दौर में घिरती रही है. एक तरफ आम आदमी पार्टी इस फैसले को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं भाजपा और कांग्रेस किसी न किसी बहाने से इसे लेकर आम आदमी पार्टी को घेर रही हैं.


Body:नई दिल्ली: दिल्ली सचिवालय में मनीष सिसोदिया द्वारा की गई इस घोषणा के बाद अगले दिन ही आम आदमी पार्टी के दो प्रमुख पूर्वांचली विधायक बुराड़ी से विधायक संजीव झा और किराड़ी से विधायक ऋतुराज पार्टी मुख्यालय में इस फैसले को लेकर अपनी सरकार की पीठ थपथपाने सामने आ गए. एक तरफ संजीव झा ने इसे पूर्वांचली अस्मिता और संस्कृति से जोड़ा, वहीं ऋतुराज ने कहा कि आजादी के बाद के 70 साल में किसी भी सरकार ने पूर्वांचलियों के हित में ऐसा कोई बड़ा काम नहीं किया, जो केजरीवाल सरकार ने किया है.

दिल्ली सरकार की घोषणा और उस पर आम आदमी पार्टी की पॉलीटिकल माइलेज लेने की कोशिश पर भाजपा भी भला कैसे चुप बैठती. पूर्वांचली प्रदेश अध्यक्ष वाली भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर अपनी तथ्यों के साथ आम आदमी पार्टी को घेरने लगी. इसे लेकर जब हमने दिल्ली प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के प्रभारी दिनेश प्रताप सिंह से बात की, तो उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी ने ही मैथिली को आठवीं अनुसूची में शामिल कराया था. केजरीवाल सरकार सिर्फ वादे करना जानती है.

मनीष सिसोदिया के लिए उन्होंने कहा कि भले ही वे प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख रहे हों, लेकिन भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए लगातार हमारे सांसद और प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी प्रयास कर रहे हैं. हालांकि दिनेश प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि भले ही उन्होंने घोषणा की हो, लेकिन अगले 6 महीने बाद जब हमारी सरकार बनेगी, तब इसे भी लागू हम ही करेंगे.

भाजपा भले ही इसका सियासी तरीके से विरोध कर रही हो, पर वह इस मुद्दे के पक्ष में खड़ी नजर आती है. लेकिन कांग्रेस पार्टी इसे पूरी तरह से सियासी नजरिए से देखती है. इसे लेकर जब हमने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचर से बात की, तो उनका कहना था कि अभी चुनाव आ रहा है, इसीलिए ऐसी घोषणा आम आदमी पार्टी ने की है. उन्होंने यह भी कहा कि आज एक भाषा के लिए मांग की गई है, आने वाले दिनों में अन्य भाषाओं के लिए ऐसी मांग होगी.


Conclusion:कुल मिलाकर, इसे लेकर सभी पार्टियों के अपने तथ्य हैं, अपने दावे हैं और इस बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर दिल्ली को भाषाई राजनीति के नए दलदल में ले जा रहा है.
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