ETV Bharat / bharat

लोक सभा से तीन बिल पारित, प्रवासी मजदूरों का बनेगा डेटा बैंक

लोक सभा ने मंगलवार को श्रम संहिताओं से संबंधित विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इनमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा व अन्य कई प्रावधान किए गए हैं. साथ ही प्रवासी मजदूरों का डेटा बैंक तैयार करने का प्रावधान किया जा रहा है.

Santosh Kumar Gangwar
श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार
author img

By

Published : Sep 22, 2020, 8:47 PM IST

नई दिल्ली : लोक सभा ने मंगलवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दे दी.

इनमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिक विवादों की जांच एवं निर्धारण तथा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान किए गए हैं.

लोक सभा (निचले सदन) में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर काफी संवेदनशील है. अब प्रवासी मजदूरों का डेटा बैंक तैयार करने का प्रावधान किया जा रहा है.

लोक सभा में बयान देते हुए श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार

उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था की जा रही है कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल निवास स्थान पर जाने के लिए नियोक्ता द्वारा साल में एक बार यात्रा भत्ता दिया जाए.

श्रम मंत्री ने कहा कि वर्तमान कानून में दुर्घटना होने की स्थिति में जुर्माने की राशि पूरी तरह से सरकार के खाते में जाती थी, लेकिन नए कानून में जुर्माने की राशि का 50 प्रतिशत पीड़ित को देने की बात कही गई है.

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने तीनों श्रम संहिताओं से संबंधित विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

इससे पहले, गंगवार ने कहा कि कई ऐसे कानून थे, जो 50 साल पुराने हो गए थे और उनमें बदलाव जरूरी था. नए संशोधनों से श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

उन्होंने कहा कि आजाद भारत की 73 वर्षों की यात्रा में आज के समय में कामकाज के वातावरण में अप्रत्याशित परिवर्तन हो गया है. बदले हुए कार्य जगत में दुनिया के कई देशों ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है.

उन्होंने कहा अगर हम श्रम कानूनों में समय रहते बदलाव नहीं करते हैं तो श्रमिकों के कल्याण और विकास के उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएंगे.

यह भी पढ़ें- उपसभापति ने 13 बार वोटों के विभाजन की अनुमति देने को कहा : सभापति

गंगवार ने सदस्यों से इन संहिताओं को पारित कराने की अपील करते हुए कहा कि जरूरी सेवाओं से जुड़े श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 44 कानूनों के संबंध में श्रम संहिताएं बनाने की प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि इसके तहत नौ त्रिपक्षीय वार्ताएं हुईं, 10 बार क्षेत्रीय विचार-विमर्श हुए, 10 बार अंतर-मंत्रालयी परामर्श हुआ, चार बार उपसमिति स्तर की चर्चा हुई.

नई दिल्ली : लोक सभा ने मंगलवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दे दी.

इनमें किसी प्रतिष्ठान में आजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा को विनियमित करने, औद्योगिक विवादों की जांच एवं निर्धारण तथा कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान किए गए हैं.

लोक सभा (निचले सदन) में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर काफी संवेदनशील है. अब प्रवासी मजदूरों का डेटा बैंक तैयार करने का प्रावधान किया जा रहा है.

लोक सभा में बयान देते हुए श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार

उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था की जा रही है कि प्रवासी मजदूरों को उनके मूल निवास स्थान पर जाने के लिए नियोक्ता द्वारा साल में एक बार यात्रा भत्ता दिया जाए.

श्रम मंत्री ने कहा कि वर्तमान कानून में दुर्घटना होने की स्थिति में जुर्माने की राशि पूरी तरह से सरकार के खाते में जाती थी, लेकिन नए कानून में जुर्माने की राशि का 50 प्रतिशत पीड़ित को देने की बात कही गई है.

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने तीनों श्रम संहिताओं से संबंधित विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया.

इससे पहले, गंगवार ने कहा कि कई ऐसे कानून थे, जो 50 साल पुराने हो गए थे और उनमें बदलाव जरूरी था. नए संशोधनों से श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

उन्होंने कहा कि आजाद भारत की 73 वर्षों की यात्रा में आज के समय में कामकाज के वातावरण में अप्रत्याशित परिवर्तन हो गया है. बदले हुए कार्य जगत में दुनिया के कई देशों ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है.

उन्होंने कहा अगर हम श्रम कानूनों में समय रहते बदलाव नहीं करते हैं तो श्रमिकों के कल्याण और विकास के उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएंगे.

यह भी पढ़ें- उपसभापति ने 13 बार वोटों के विभाजन की अनुमति देने को कहा : सभापति

गंगवार ने सदस्यों से इन संहिताओं को पारित कराने की अपील करते हुए कहा कि जरूरी सेवाओं से जुड़े श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 44 कानूनों के संबंध में श्रम संहिताएं बनाने की प्रक्रिया में व्यापक स्तर पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि इसके तहत नौ त्रिपक्षीय वार्ताएं हुईं, 10 बार क्षेत्रीय विचार-विमर्श हुए, 10 बार अंतर-मंत्रालयी परामर्श हुआ, चार बार उपसमिति स्तर की चर्चा हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.