पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 1463 उम्मीदवार मैदान में डटे हैं. दूसरे चरण की 94 सीटों पर 1463 उम्मीदवारों में से 502 प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है. इनमें से 389 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की भी जानकारी दी है. ये गंभीर मामले गैर जमानती अपराध हैं और इसमें पांच साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है.
क्या कहती है एडीआर रिपोर्ट
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी के 56 उम्मीदवारों में से 64 प्रतिशत यानी 36 उम्मीदवारों ने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है और 28 उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले बताए हैं. वहीं बीजेपी के 46 उम्मीदवारों में से 29 ने आपराधिक मामले की जानकारी दी है. रिपोर्ट के अनुसार 20 प्रत्याशियों ने गंभीर आपराधिक मामले अपने हलफनामे में उजागर किए हैं.
इन पर भी डालिए एक नजर
इधर, एलजेपी के 52 उम्मीदवारों में से 28 ने आपराधिक मामले, जबकि 24 ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है. कांग्रेस की बात की जाए, तो 24 उम्मीदवारों में से 14, बीएसपी के 33 में से 16, जेडीयू के 43 में से 20 उम्मीदवारों ने अपने-अपने हलफनामे में आपराधिक मामलों की घोषणा की है. रिपोर्ट के अनुसार, बीएसपी के 14, कांग्रेस के 10 और जेडीयू के 15 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.
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इनके खिलाफ चल रहे हैं बलात्कार के मामले
रिपोर्ट के अनुसार, 49 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की घोषणा की है, जबकि इनमें से 4 ने कहा कि उनके खिलाफ बलात्कार से संबंधित मामले चल रहे हैं. हलफनामे से मिली जानकारी के अनुसार 32 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और 143 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले लंबित हैं.
94 सीटों में से 84 सीट 'रेड अलर्ट'
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे चरण की 94 सीटों में से 84 सीटों को 'रेड अलर्ट' निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया गया है. दरअसल, रेड अलर्ट उन निर्वाचन क्षेत्र को घोषित किया जाता है, जहां से तीन या उससे अधिक ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में होते हैं जो अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा करते हैं.