कोलकाता : कोरोना वायरस महामारी की वजह से लागू लाकडाउन के तीसरे चरण में कुछ निश्चित दुकानों और सेवाओं को खोलने की रियायत दी गई है. इसके बावजूद पश्चिम बंगाल में ज्यादातर दुकानें बंद हैं. राज्य की ममता सरकार केंद्र सरकार के द्वारा जारी आदेशों का अनदेखी कर रही है. बता दें कि राज्य में अब तक ग्रीन और ऑरेज जोन में रियायत के संबंध में निर्णय नहीं लिया है.
राज्य के ज्यादातर हिस्सों में सुबह भी जरूरी सामानों की आपूर्ति करने वाले दुकानों को छोड़ बाकी सभी दुकाने बंद हैं और सड़कों से वाहन नदारद हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि दोपहर में मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के नेतृत्व में एक कार्य बल रियायत के संबंध में फैसला लेगा कि इस दो जोनों (ऑरेंज और ग्रीन) में किस तरह की दुकान और प्रतिष्ठान खोले जाएंगे.
उन्होंने कहा, 'हालांकि संक्रमण की अधिकता वाले इलाके में बंद बरकरार है.' राज्य में चार रेड, आठ ग्रीन और 11 ऑरेंज जोन हैं.
पश्चिम बंगाल कारोबार परिसंघ के अध्यक्ष सुशील पोद्दार ने कहा, 'हम कारोबारी प्रतिष्ठानों को खोलने से पहले राज्य सरकार की अधिसूचना की प्रतिक्षा कर रहे हैं.' राज्य में इस परिसंघ के 10 लाख सदस्य हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह कुछ रियायतों की घोषणा की थी और ग्रीन तथा ऑरेंज जोन में अंतर-जिला बसों में प्रत्येक बस में अधिकतम 20 यात्रियों के यात्रा करने को मंजूरी दी थी, लेकिन बस संचालकों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि सिर्फ 20 यात्रियों के साथ सेवा दे पाना उनके लिए आर्थिक रूप से सही नहीं है. बस संचालकों के संगठनों की मांग है कि राज्य सरकार उन्हें इसके लिए सब्सिडी मुहैया कराए.
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अधिकारियों ने बताया कि इसी बीच ग्रीन जोन में शराब दुकानों को सोमवार से खोले जाने की अनुमति है. राज्य में शराब की दुकानें 25 मार्च से ही बंद है, हालांकि बंद में रेड जोन में शराब दुकानों के खोले जाने की इजाजत नहीं है और ऑरेंज जोन में इस संबंध में राज्य सरकार ने अभी निर्णय नहीं लिया गया है.