नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने आज बालाकोट हवाई हमले के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक सामंत गोयल को भारत रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का प्रमुख नियुक्त किया.
सामंत गोयल बालाकोट हमले के प्रमुख योजनाकारों में से एक थे.
साथ ही 1987 के बैच को आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) का निदेशक नियुक्त किया गया है.
आपको बता दें राजीव जैन माओवादी और कश्मीर विशेषज्ञ हैं.
इससे पहले राजीव जैन IB के निदेशक रहे हैं. और उनका कार्यकाल 29 जून को समाप्त हो रहा है.
यह नियुक्तियां मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के द्वारा की गई.
बता दें पीएम मोदी अपॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (ACC) के अध्यक्ष हैं, जिसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं.
गोयल और कुमार 30 जून को पद संभालेंगे, जब IB प्रमुख राजीव जैन और और RAW के सचिव अनिल धस्माना का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.
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आपको बता दें कि सामंत गोयल पंजाब जबकि कुमार असम कैडर से हैं, और दोनों ही 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
59 वर्षीय आईपीएस अधिकारी कुमार फिल्हाल आईबी में विशेष निदेशक हैं. वे 1991 से खूफिया ब्यूरो के साथ काम कर रहे हैं. साथ ही वे मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में भी सेवा दे चुके हैं. कुमार आईबी में जैन के बाद दूसरे वरिष्ठतम अधिकारी हैं.
वहीं दूसरी ओर गोयल पंजाब कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, वे अभी रॉ के सचिव हैं.
गोयल को इंटेलीजेंस एवं रॉ में काफी अनुभव भी है. उन्हें पंजाब में आतंकवाद और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे का विशेषज्ञ भी माना जाता है.
1990 के दशक में उन्होंने पंजाब में आतंकवाद को रोकने में भी अहम भूमिका निभाई थी.
बता दें सीबीआई के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों, तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप-प्रत्यारोप की एक (सीबीआई) जांच में उनका नाम आया था.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए गए एक हलफनामे में सीबीआई के पूर्व डीआईजी एम.के. सिन्हा ने कहा था कि प्रसाद से पूछताछ के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(एनएसए) अजीत डोभाल और गोयल का नाम सामने आया था.
बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक दोनों ही भारत की पाकिस्तान पर बड़ी उपलब्धि रही हैं, और भारत की इन दोनों उपलब्धियों की योजना बनाने में सामंत गोयल की अहम भूमिका रही.
यदि अरविंद कुमार की बात करें तो वे कश्मीर और नक्सल मुद्दों के विशेषज्ञ माने जाते हैं.