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असम : सड़क दुर्घटना से जानवरों को बचाने के लिए लागू होंगे नए नियम

असम के अधिकतर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. ऐसे में सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि जानवर भी परेशान हैं. एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है. ऐसे में ऊंची जमीन की तलाश में इधर-उधर भटकते जानवर तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ रहे हैं. इन वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन सख्त रुख अपना रहा है.

Animals fleeing from Kaziranga
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के जानवरों को बचाने के लिए टाइम कार्ड सिस्टम
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Published : Jun 30, 2020, 6:23 PM IST

गुवाहाटी : काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 60 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हुआ है. ऐसे में जानवर ऊंची जमीन की तलाश में सड़क पार कर रहे हैं. इस दौरान वहां से गुजरने वाले वाहनों की चपेट में आने से कई जानवरों की मौत हुई है. वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन टाइम कार्ड सिस्टम को अमल में लाने पर विचार कर रहा है.

पार्क प्राधिकरण ने गति सीमा का उल्लंघन करने वालों के लिए 5000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया है. प्रशासन का कहना है कि बाढ़ के चलते ऊंची जमीन की तलाश में भटकते जानवर तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ रहे हैं, जिसके चलते वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करना जरूरी है.

काजीरंगा के जानवरों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हुआ प्रशासन

गौरतलब है कि सोमवार को पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य (Pobitora Wildlife Sanctuary) में एक गैंडे (Rhino) का शव बरामद किया गया था, जिसके बाद बाढ़ के कारण किसी भी अन्य जानवर को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वन विभाग हर संभव उपाय कर रहा है.

आपको बता दें कि असम का काजीरंगा राष्ट्रीय उद्दान एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है. असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी बाढ़ से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट, तेजपुर, गुवाहाटी, गोलपारा और ढुबरी जिलों सहित विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

गौर हो कि असम के करीब 25 जिले बारिश के कारण बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं, जिससे राज्य के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. सोमवार शाम तक बाढ़ से 24 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. वहीं करीब 13 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

गुवाहाटी : काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 60 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हुआ है. ऐसे में जानवर ऊंची जमीन की तलाश में सड़क पार कर रहे हैं. इस दौरान वहां से गुजरने वाले वाहनों की चपेट में आने से कई जानवरों की मौत हुई है. वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन टाइम कार्ड सिस्टम को अमल में लाने पर विचार कर रहा है.

पार्क प्राधिकरण ने गति सीमा का उल्लंघन करने वालों के लिए 5000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया है. प्रशासन का कहना है कि बाढ़ के चलते ऊंची जमीन की तलाश में भटकते जानवर तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आ रहे हैं, जिसके चलते वाहनों की रफ्तार को नियंत्रित करना जरूरी है.

काजीरंगा के जानवरों की सुरक्षा को लेकर तत्पर हुआ प्रशासन

गौरतलब है कि सोमवार को पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य (Pobitora Wildlife Sanctuary) में एक गैंडे (Rhino) का शव बरामद किया गया था, जिसके बाद बाढ़ के कारण किसी भी अन्य जानवर को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वन विभाग हर संभव उपाय कर रहा है.

आपको बता दें कि असम का काजीरंगा राष्ट्रीय उद्दान एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है. असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी बाढ़ से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र नदी जोरहाट, तेजपुर, गुवाहाटी, गोलपारा और ढुबरी जिलों सहित विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

गौर हो कि असम के करीब 25 जिले बारिश के कारण बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं, जिससे राज्य के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. सोमवार शाम तक बाढ़ से 24 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. वहीं करीब 13 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

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