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भाजपा का मिशन बंगाल : लेफ्ट और टीएमसी के गढ़ में 'कमल' की सेंधमारी

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Published : Nov 5, 2020, 9:05 PM IST

पश्चिम बंगाल को लेकर भारतीय जनता पार्टी जी जान से जुटी है. वहीं, गृह मंत्री अमित शाह भी दो दिन के दौरे पर गए हैं. अमित शाह बीजेपी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनका उत्साहवर्धन कर रहे हैं. देखना होगा कि गृह मंत्री अमित शाह का मिशन बंगाल अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाता है.

amit shah two days visit of west benga
बीजेपी के लिए नाक का सवाल बनेगा विधानसभा चुनाव

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में गढ़ बनाने के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मिशन पश्चिम बंगाल और दक्षिण पश्चिम बंगाल की तरफ रुख किया है. गृह मंत्री अमित शाह का मिशन बंगाल वैसे तो काफी पहले से ही शुरू हो चुका है, लेकिन अब बिहार के चुनाव जैसे-जैसे खत्म हो रहे हैं, वैसे-वैसे बीजेपी मिशन बंगाल को गति देने में जुट गई है. गृह मंत्री अमित शाह ने अब दक्षिण बंगाल के उस इलाके में पैठ जमाने की की कोशिश की है जो लेफ्ट और टीएमसी का गढ़ रहा है. इन इलाकों में बीजेपी अभी तक कुछ ज्यादा नहीं कर पाई है.

कोविड-19 के बाद शाह का किसी राज्य का पहला दौरा

कोविड-19 से उबरने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का किसी राज्य का यह पहला दौरा है और अपने दो दिवसीय दौरे में अमित शाह पश्चिम बंगाल के बांकुरा, कोलकाता और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनके उत्साहवर्धन कर रहे हैं. बृहस्पतिवार को गृह मंत्री ने बांकुरा इलाके के चतुरधि गांव की एक आदिवासी परिवार के साथ भोजन भी किया. गृह मंत्री को यह मालूम है कि दक्षिण बंगाल की सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की पकड़ अभी तक बहुत मजबूत नहीं बन पाई है, जबकि नार्थ बंगाल में लगभग 9 से भी ज्यादा सीटें पाकर भारतीय जनता पार्टी ने वहां पर अपनी बड़ी बढ़त बनाई थी और पिछले 2019 के चुनाव में कुछ गलत उम्मीदवारों के चयन की वजह से कोलकाता और उसके आस-पास के इलाकों की सीटों से भारतीय जनता पार्टी को हाथ धोना पड़ा था. यही वजह है कि इस बार 2021 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. सूत्रों की मानें तो पिछली बार पार्टी उम्मीदवारों का चयन केंद्रीय कार्यालय में बैठकर किया गया था, लेकिन इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह निर्णय किया है कि असेंबली चुनाव के लिए उन्हीं उम्मीदवारों का चयन अंतिम होगा. जिसमें स्थानीय नेताओं के साथ कई दौर की बैठक के बाद मुहर लगाई जाएगी.

फूंक-फूंक कर कदम रख रहे सीनियर लीडर

पिछली बार विद्यासागर की मूर्ति पर काली स्याही फेंकने की घटना ने कोलकाता और दक्षिण कोलकाता के आस-पास के वोटरों को स्तब्ध कर दिया था. इस इलाके के कुछ गलत उम्मीदवारों के चयन की वजह से भी भारतीय जनता पार्टी इन इलाकों में अच्छी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. पार्टी के वरिष्ठ नेता ऐसी गलतियां दोबारा ना हो इसके लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. एक तरह से देखा जाए, तो गृह मंत्री का दौरा बुधवार की रात से ही शुरू हुआ था. बुधवार को एयरपोर्ट पहुंचने के बाद ही अमित शाह ने हाल ही में पुलिस की हिरासत में मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ता मदन गोराई के परिवारवालों से मुलाकात की. वहीं टीएमसी नार्थ बंगाल में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

जनाधार बढ़ाने में जुटी बीजेपी

वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी कोलकाता और दक्षिण बंगाल में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी क्रम में अमित शाह के इस दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यही नहीं पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि बंगाल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का दौरा अब पश्चिम बंगाल के 2021 चुनाव तक लगा रहेगा. इसी क्रम में गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सुबह मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर के दर्शन करेंगे. इसके अलावा रिफ्यूजी समुदाय के परिवार के साथ भोजन करने का भी गृह मंत्री का कार्यक्रम है.

पढ़ें: लोगों में ममता के खिलाफ गुस्सा, मोदी के नेतृत्व में ही आएगा बदलाव : शाह

अमित शाह का पश्चिम बंगाल दौरा माना जा रहा महत्वपूर्ण

पूरे बिहार चुनाव में अगर देखा जाए, तो अमित शाह प्रचार करते नजर नहीं आए, लेकिन पश्चिम बंगाल की लड़ाई अमित शाह के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है. पश्चिम बंगाल को जीतने और वहां सत्ता स्थापित करने का दावा वह तब से करते आ रहे हैं, जबसे शाह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर विराजमान हुए थे. अब अध्यक्ष पद से हटने के बाद भी शाह के लिए यह स्वाभिमान की लड़ाई बनी हुई है. यही वजह है कि हाल में जब पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री से दिल्ली आकर मुलाकात की थी उसके बाद गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पश्चिम बंगाल के पेंडिंग केसेस को लेकर सख्त होने का निर्देश दिया था. जिसके बाद एनआईए जैसी संस्था कई पेंडिंग केसेस में तेजी लाई थी, जिसका असर भी अगले दिन से दिखने लगा था. ऐसे में जब हाल ही में एक के बाद एक भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के बाद और पुलिस हिरासत में हुई हाल ही में एक व्यक्ति की मौत के बाद पश्चिम बंगाल का माहौल पूरी तरह से राजनीतिक तौर पर गरमाया हुआ है. गृह मंत्री का दौरा अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल पहुंचकर अमित शाह ने एक बार फिर 2021 में ममता बनर्जी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दावा किया.

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में गढ़ बनाने के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मिशन पश्चिम बंगाल और दक्षिण पश्चिम बंगाल की तरफ रुख किया है. गृह मंत्री अमित शाह का मिशन बंगाल वैसे तो काफी पहले से ही शुरू हो चुका है, लेकिन अब बिहार के चुनाव जैसे-जैसे खत्म हो रहे हैं, वैसे-वैसे बीजेपी मिशन बंगाल को गति देने में जुट गई है. गृह मंत्री अमित शाह ने अब दक्षिण बंगाल के उस इलाके में पैठ जमाने की की कोशिश की है जो लेफ्ट और टीएमसी का गढ़ रहा है. इन इलाकों में बीजेपी अभी तक कुछ ज्यादा नहीं कर पाई है.

कोविड-19 के बाद शाह का किसी राज्य का पहला दौरा

कोविड-19 से उबरने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का किसी राज्य का यह पहला दौरा है और अपने दो दिवसीय दौरे में अमित शाह पश्चिम बंगाल के बांकुरा, कोलकाता और इसके आस-पास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनके उत्साहवर्धन कर रहे हैं. बृहस्पतिवार को गृह मंत्री ने बांकुरा इलाके के चतुरधि गांव की एक आदिवासी परिवार के साथ भोजन भी किया. गृह मंत्री को यह मालूम है कि दक्षिण बंगाल की सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की पकड़ अभी तक बहुत मजबूत नहीं बन पाई है, जबकि नार्थ बंगाल में लगभग 9 से भी ज्यादा सीटें पाकर भारतीय जनता पार्टी ने वहां पर अपनी बड़ी बढ़त बनाई थी और पिछले 2019 के चुनाव में कुछ गलत उम्मीदवारों के चयन की वजह से कोलकाता और उसके आस-पास के इलाकों की सीटों से भारतीय जनता पार्टी को हाथ धोना पड़ा था. यही वजह है कि इस बार 2021 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. सूत्रों की मानें तो पिछली बार पार्टी उम्मीदवारों का चयन केंद्रीय कार्यालय में बैठकर किया गया था, लेकिन इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह निर्णय किया है कि असेंबली चुनाव के लिए उन्हीं उम्मीदवारों का चयन अंतिम होगा. जिसमें स्थानीय नेताओं के साथ कई दौर की बैठक के बाद मुहर लगाई जाएगी.

फूंक-फूंक कर कदम रख रहे सीनियर लीडर

पिछली बार विद्यासागर की मूर्ति पर काली स्याही फेंकने की घटना ने कोलकाता और दक्षिण कोलकाता के आस-पास के वोटरों को स्तब्ध कर दिया था. इस इलाके के कुछ गलत उम्मीदवारों के चयन की वजह से भी भारतीय जनता पार्टी इन इलाकों में अच्छी जीत दर्ज नहीं कर पाई थी. पार्टी के वरिष्ठ नेता ऐसी गलतियां दोबारा ना हो इसके लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. एक तरह से देखा जाए, तो गृह मंत्री का दौरा बुधवार की रात से ही शुरू हुआ था. बुधवार को एयरपोर्ट पहुंचने के बाद ही अमित शाह ने हाल ही में पुलिस की हिरासत में मारे गए बीजेपी के कार्यकर्ता मदन गोराई के परिवारवालों से मुलाकात की. वहीं टीएमसी नार्थ बंगाल में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

जनाधार बढ़ाने में जुटी बीजेपी

वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी कोलकाता और दक्षिण बंगाल में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी क्रम में अमित शाह के इस दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यही नहीं पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि बंगाल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का दौरा अब पश्चिम बंगाल के 2021 चुनाव तक लगा रहेगा. इसी क्रम में गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सुबह मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर के दर्शन करेंगे. इसके अलावा रिफ्यूजी समुदाय के परिवार के साथ भोजन करने का भी गृह मंत्री का कार्यक्रम है.

पढ़ें: लोगों में ममता के खिलाफ गुस्सा, मोदी के नेतृत्व में ही आएगा बदलाव : शाह

अमित शाह का पश्चिम बंगाल दौरा माना जा रहा महत्वपूर्ण

पूरे बिहार चुनाव में अगर देखा जाए, तो अमित शाह प्रचार करते नजर नहीं आए, लेकिन पश्चिम बंगाल की लड़ाई अमित शाह के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है. पश्चिम बंगाल को जीतने और वहां सत्ता स्थापित करने का दावा वह तब से करते आ रहे हैं, जबसे शाह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर विराजमान हुए थे. अब अध्यक्ष पद से हटने के बाद भी शाह के लिए यह स्वाभिमान की लड़ाई बनी हुई है. यही वजह है कि हाल में जब पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने गृह मंत्री से दिल्ली आकर मुलाकात की थी उसके बाद गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पश्चिम बंगाल के पेंडिंग केसेस को लेकर सख्त होने का निर्देश दिया था. जिसके बाद एनआईए जैसी संस्था कई पेंडिंग केसेस में तेजी लाई थी, जिसका असर भी अगले दिन से दिखने लगा था. ऐसे में जब हाल ही में एक के बाद एक भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के बाद और पुलिस हिरासत में हुई हाल ही में एक व्यक्ति की मौत के बाद पश्चिम बंगाल का माहौल पूरी तरह से राजनीतिक तौर पर गरमाया हुआ है. गृह मंत्री का दौरा अपने आप में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पश्चिम बंगाल पहुंचकर अमित शाह ने एक बार फिर 2021 में ममता बनर्जी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दावा किया.

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