नई दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि भूकंप के खतरों से निबटना एससीओ देशों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण मुद्दा है. शाह सोमवार को यहां शहरी भूकंप खोज एवं बचाव अभ्यास (एससीओजेटीईएक्स- 2019) पर शंघाई सहयोग संगठन संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
शाह ने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1996 से 2015 तक प्राकृतिक आपदाओं से लगभग 3 लाख की मौत हुई है और लगभग 2 लाख लोगों की मौत भूकंप के कारण हुई है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि एससीओजेटीईएक्स- 2019 भारत की सामूहिक तैयारी में सुधार करने में बहुत उपयोगी होगा.
गृह मंत्री ने कहा कि डेढ़ दशक के ज्यादा समय से भारत शंघाई सहयोग संगठन से जुड़ा हुआ है और 2005 से भारत पर्यवेक्षक देश के रूप में एससीओ में अहम भूमिका निभाता रहा है. उन्होंने कहा
उन्होंने कहा, 'दुनिया की लगभग 40% आबादी एससीओ देशों में रहती है और हम सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं. यदि हम इन आपदाओं को रोकने में कामयाब होते हैं तो विश्वस्तर पर भी इसके बहुत से लाभ होंगे.'
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अमित शाह ने कहा. 'हम आपदाओं से होने वाली मौतों की संख्या में कमी करने और नुकसान को कम करने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं.' इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि देश में पानी चक्रवात के दौरान केवल 64 व्यक्तियों की मौत हुई जबकि वन 1999 मैं आए उड़ीसा सुपर साइक्लोन में लगभग 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
बता दें कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सभी आठ शंघाई सहयोग संगठन देशों के साथ 'शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) संयुक्त शहरी भूकंप खोज एवं बचाव अभ्यास (एससीओजेटीईएक्स- 2019)' की मेजबानी कर रहा है. इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा प्रतिक्रिया पूर्वाभ्यास, ज्ञान, अनुभव तकनीकी को साझा करना और आपसी समन्वय बनाना है.
इस चार दिवसीय अभ्यास में चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सभी 8 सदस्य देश भाग ले रहे हैं.