विशाखापट्टनम : आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में विशाखा उक्कू- आंध्रुल हक्कुग स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले को लेकर आंदोलन ने तेजी पकड़ ली है. बता दें, विशाखापट्टनम स्टील फैक्ट्री के निजीकरण के केंद्र के फैसले से मजदूर परेशान हैं. निजीकरण की प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग को लेकर शहर में एक विशाल रैली निकाली. इसके साथ-साथ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की.
स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले के खिलाफ आज विशाखापट्टनम में 'विशाखा उक्कू अकिलापक्षशाला समवेसम' (ऑल पार्टी प्रदर्शन) किया गया. ट्रेड यूनियनों का कहा कि वे स्टील कंपनी को बचाने के लिए अपने जीवन को बलिदान कर देंगे. वहीं, दूसरी ओर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी नेताओं ने घोषणा की है कि वे इस्तीफा देकर भी आंध्र के अधिकारों की रक्षा करेंगे.
सांसद विजयसराय ने इस मामले पर कहा कि विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र, जो लाभ में था, उसको एक साजिश के चलते घाटे में झोंक दिया गया. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी नेताओं ने स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले का विरोध किया हैं. विशाखापट्टनम में आयोजित स्टील प्लांट वर्कर्स की सार्वजनिक बैठक में सांसद विजयशेरेडी, मंत्री अवंती श्रीनिवास और सांसद एवीवी सत्यनारायण, विधायक अमरनाथ और टीपाला नागिरेड्डी ने भाग लिया.
यूनियनों ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सांसद विजयसारेड्डी ने निजीकरण के फैसले के खिलाफ अपने इस्तीफे की घोषणा नहीं की, यह निराशाजनक था. विधायकों और सांसदों को इस्तीफा देकर केंद्र पर दबाव बनाना होगा. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार को विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करना होगा और इसे केंद्र को भेजना होगा.
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पुनर्वासकर्ताओं ने मांग करते हुए कहा कि सरकार स्टील कंपनी चलाना चाहती है. राजनीतिक दलों और लोगों को आंध्र के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए. ट्रेड यूनियन के नेताओं और पुनर्वासकर्ताओं ने बुलाया है.