नई दिल्ली : हमीरपुर हत्या केस में 22 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया. 1997 के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी रघुबीर सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी. बता दें कि 26 जनवरी, 1997 को पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी.
रघुबीर सिंह शराब माफिया है और उस पर राजनीतिक रंजिश में पांच लोगों की हत्या का आरोप है. इस मामले में कुल 11 लोगों पर दोष सिद्ध हुआ है. इनमें से एक की मौत हो गई है. अन्य 10 दोषी जेल में सजा काट रहे हैं.
इस केस के एक अन्य दोषी अशोक चंदेल चार बार MLA और एक बार सांसद रह चुके हैं.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वकील राजीव शुक्ला ने बताया, 'हम 22 साल से संघर्ष कर रहे हैं. इन लोगों ने पहले ट्रायल कोर्ट से जमानत ली थी और हमारे खिलाफ बम प्लांट किया था. वे हमें खत्म करना चाहते थे ताकि हम अदालत में अपील न करें.'
राजीव शुक्ला बताते हैं कि वे इस हत्याकांड के चश्मदीद भी हैं. उन्होंने बताया कि उनके परिवार को परेशान किया गया और झूठे मामलों में फंसाया गया, हाईकोर्ट में अधिवक्ता के खिलाफ हत्या का प्रयास किया गया और मामले के गवाहों को धमकी दी गई.
हमीरपुर हत्याकांड के एक अन्य चश्मदीद वकील विपुल शुक्ला ने बताया, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रघुबीर सिंह की चिकित्सा स्थिति की जांच करने के लिए 8 डॉक्टरों के एक मेडिकल पैनल का गठन किया गया था. रघुबीर मेडिकल कारणों के आधार पर जमानत मांग रहा था.'
बकौल विपुल शुक्ला, 'डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं है और सिर्फ टाइप 2 मधुमेह (diabetes) है.'