कोलकाता: पश्चिम बंगाल के अलीपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी.
CBI ने अदालत से कहा कि सारदा चिटफंड घोटाला मामले में समन से बचकर कुमार कानून तोड़ रहे हैं जिसके बाद उनकी अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी गई है.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) के पद पर आसीन कुमार ने शुक्रवार को इस अदालत में जमानत याचिका दायर की थी.
उससे एक दिन पहले शहर की एक अदालत ने कहा था कि सीबीआई को सारदा मामले में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए वारंट की जरूरत नहीं है.
जिला सत्र न्यायाधीश प्रभारी सुजॉय सेनगुप्ता ने शनिवार को कुमार की अर्जी खारिज कर दी.
हालांकि आईपीएस अधिकारी के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल का नाम सीबीआई की तरफ से दायर आरोपपत्र में नहीं है.
विधाननगर पुलिस आयुक्तालय के पूर्व पुलिस आयुक्त कुमार की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील के सी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई की थी और सारदा घोटाला जांच में कई निर्णय किए थे.
उन्होंने कहा, ' इसमें कई बिंदु हैं और सामाजिक परिणाम तथा उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक मामले की महत्ता को देखते हुए जमानत याचिका का गंभीरता से विरोध किया है.'
CBI के वकील ने कहा कि शहर के पुलिस आयुक्त रह चुके कुमार कानून तोड़ रहे हैं क्योंकि उच्च न्यायालय द्वारा पिछले हफ्ते गिरफ्तारी से राहत खत्म किए जाने के बाद से वह इस जांच एजेंसी के समन से बचते फिर रहे हैं.
कुमार के वकील गोपाल हलदर ने दलील दी कि एसआईटी ने सारदा घोटाले में कई प्रभावशाली व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था जिन्हें बाद में अदालत ने दोषी भी करार दिया.
उन्होंने कहा कि कुमार ने एसआईटी की अगुवाई नहीं की थी बल्कि वह 13 सदस्यीय टीम के महज एक सदस्य थे.
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जब 2014 में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जांच अपने हाथ में ली थी तब एसआईटी ने उन व्यक्तियों के नामों की सूची उसे सौंपी जिन पर सारदा घोटाले से जुड़ा होने का आरोप था.
हलदर ने कहा कि एसआईटी ने जो सूची सौंपी थी, उसमें तब (जब सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली थी) से कोई नया नाम नहीं जोड़ा गया। यहां तक सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्रों में से किसी में भी अब तक कुमार का नाम नहीं है.
इससे पहले कुमार इस मामले में अपनी अग्रिम जमानत अर्जी पर बारासात की जिला एवं सत्र अदालत से राहत पाने में विफल रहे थे.
सीबीआई ने बृहस्पतिवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग करते हुए अलीपुर अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का दरवाजा खटखटाया था.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए सीबीआई के आवेदन का निस्तारण कर दिया था कि उसे गिरफ्तारी वारंट की जरूरत नहीं है क्योंकि उच्चतम न्यायालय और कोलकाता उच्च न्यायालय ने सारदा चिटफंड मामले मामले में उनकी (कुमार की) गिरफ्तारी पर से रोक पहले ही हटा दी थी.
सीबीआई अधिकारियों का एक दल कुमार का पता लगाने के लिए शुक्रवार को पार्क स्ट्रीट में उनके सरकारी निवास पर पहुंचा था. एक अन्य दल दक्षिण 24 परगना में एक रिसोर्ट पर गया था.
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पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक ने सीबीआई से कहा था कि कुमार नौ सितंबर से 25 सितंबर तक छुट्टी पर हैं.
सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने ऊंचे रिटर्न का वादा कर लाखों लोगों को 2500 करोड़ रूपये का कथित रूप से चूना लगाया था.कुमार पर इस मामले में अहम सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है.