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लॉकडाउन से नहीं होगी किसानों को परेशानी, कृषि मंत्रालय ने खोजे यह उपाय

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Published : Apr 7, 2020, 11:28 PM IST

भारत में कोरोना के फैलते संक्रामण को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई, जिसकी अवधी आगे भी बढ़ाई जाने की संभावना है. ऐसे में देश के कृषि क्षेत्र पर भारी संकट के बादल दिख रहे हैं और किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Agri Ministry relief for Farmers
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली : भारत में कोरोना के फैलते संक्रामण को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई, जिसकी अवधी आगे भी बढ़ाई जाने की संभावना है. ऐसे में देश के कृषि क्षेत्र पर भारी संकट के बादल दिख रहे हैं और किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

रबी की फसल की कटाई से लेकर उसके आवाजाही, भंडारण और समय से बिक्री को लेकर देशभर के किसान चिंतित थे, लेकिन अब सरकार ने कुछ उपाय किए हैं, जिनसे किसानों की समस्याओं का हल हुआ है. इस संबंध में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी साझा की.

किसानों को फसल की कटाई में कोई दिक्कत न हो और किस तरह खेत से ही सीधे उनकी उपज की खरीद हो सके, इसके लिए भी कुछ निर्णय सरकार द्वारा लिए गए हैं.

उपज की बिक्री समय से हो सके और इसकी आवाजाही में समस्या न हो इसके लिये ट्रकों की आवाजाही को लॉकडाउन से छूट दी गई है. रबी की फसल कटने के बाद किसान फसल की बुवाई भी करेंगे, जिसे लेकर उनके सामने खाद और बीज की समस्या सामने आएगी. इस समस्या के समाधान के लिए खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है.

साथ ही कृषि मंत्री ने यह भी कहा है कि जिन वस्तुओं का निर्यात किया जाना है उसे प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्यों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानें, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों और उर्वरक कीटनाशक बीजों के निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई बुवाई से संबंधित कृषि व बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतर राज्य आवाजाही को छूट दे दी गई है.

इतना ही नहीं कृषि मशीनरी व कल पुर्जों की दुकानों को लॉकडाउन में खोला जा सकेगा. छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओं को भी शामिल किया गया है. हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज व पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे, ताकि कृषि उपज का परिवहन सुगमता से हो सके.

इसी तरह चाय बागानों पर अधिकतम 50% कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा. राष्ट्रीय कृषि बाजार 'इ-नाम' प्लेटफार्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिसका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है.

केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण (जो एक मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देने थे) के लिए भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ा दी है. किसान 31 मई 2020 तक अपनी फसल को बिना किसी ब्याज के केवल चार प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं.

यह सभी निर्णय आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में लिए हैं. साथ ही कृषि मंत्री ने किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल करने की भी बात कही है.

नई दिल्ली : भारत में कोरोना के फैलते संक्रामण को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई, जिसकी अवधी आगे भी बढ़ाई जाने की संभावना है. ऐसे में देश के कृषि क्षेत्र पर भारी संकट के बादल दिख रहे हैं और किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

रबी की फसल की कटाई से लेकर उसके आवाजाही, भंडारण और समय से बिक्री को लेकर देशभर के किसान चिंतित थे, लेकिन अब सरकार ने कुछ उपाय किए हैं, जिनसे किसानों की समस्याओं का हल हुआ है. इस संबंध में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जानकारी साझा की.

किसानों को फसल की कटाई में कोई दिक्कत न हो और किस तरह खेत से ही सीधे उनकी उपज की खरीद हो सके, इसके लिए भी कुछ निर्णय सरकार द्वारा लिए गए हैं.

उपज की बिक्री समय से हो सके और इसकी आवाजाही में समस्या न हो इसके लिये ट्रकों की आवाजाही को लॉकडाउन से छूट दी गई है. रबी की फसल कटने के बाद किसान फसल की बुवाई भी करेंगे, जिसे लेकर उनके सामने खाद और बीज की समस्या सामने आएगी. इस समस्या के समाधान के लिए खाद-बीज के परिवहन के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है.

साथ ही कृषि मंत्री ने यह भी कहा है कि जिन वस्तुओं का निर्यात किया जाना है उसे प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. कृषि उत्पादों की खरीद से संबंधित संस्थाओं और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी से संबंधित कार्यों, कृषि उत्पाद बाजार कमेटी व राज्यों द्वारा संचालित मंडियों, उर्वरकों की दुकानें, किसानों व श्रमिकों द्वारा खेत में किए जाने वाले कार्यों, कृषि उपकरणों की उपलब्धता के लिए कस्टम हायरिंग केंद्रों और उर्वरक कीटनाशक बीजों के निर्माण व पैकेजिंग इकाइयों, फसल कटाई बुवाई से संबंधित कृषि व बागवानी में काम आने वाले यंत्रों की अंतर राज्य आवाजाही को छूट दे दी गई है.

इतना ही नहीं कृषि मशीनरी व कल पुर्जों की दुकानों को लॉकडाउन में खोला जा सकेगा. छूट में संबंधित आपूर्तिकर्ताओं को भी शामिल किया गया है. हाईवे पर ट्रकों की मरम्मत करने वाले गैरेज व पेट्रोल पंप भी चालू रहेंगे, ताकि कृषि उपज का परिवहन सुगमता से हो सके.

इसी तरह चाय बागानों पर अधिकतम 50% कर्मचारी रखते हुए काम किया जा सकेगा. राष्ट्रीय कृषि बाजार 'इ-नाम' प्लेटफार्म की नई सुविधाएं भी लांच की गई है, जिसका इस दौरान लाभ उठाया जा सकता है.

केंद्र ने किसानों के अल्पकालिक फसली ऋण (जो एक मार्च 2020 और 31 मई 2020 के बीच देने थे) के लिए भुगतान की अवधि 31 मई 2020 तक बढ़ा दी है. किसान 31 मई 2020 तक अपनी फसल को बिना किसी ब्याज के केवल चार प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज दर पर भुगतान कर सकते हैं.

यह सभी निर्णय आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक में लिए हैं. साथ ही कृषि मंत्री ने किसानों को राहत पहुंचाने के उपायों पर सख्ती से अमल करने की भी बात कही है.

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