नई दिल्ली: बाल विवाह मुक्त भारत अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत का भविष्य है. बुधवार को देश भर में जगह-जगह लोगों को बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ दिलाई गई. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. यहां पर रेलवे अधिकारियों, पुलिसकर्मियों व चाइल्ड लाइन के अधीन काम करने वाली प्रयास संस्था के पदाधिकारियों ने यात्रियों को बाल विवाह के नुकसान को बताकर उन्हें जागरूक किया. रेलवे स्टेशन पर लोगों को शपथ भी दिलाई गईं.
बाल विवाह मुक्त भारत निर्माण की शपथ
खबर के मुतबक रेलवे स्टेशन पर कई लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ हर संभव प्रयास करने, परिवार, पड़ौस और समुदाय में किसी बालिका का बाल विवाह नहीं होने, बाल विवाह के किसी भी प्रयास की सूचना सरकार को देने एवं सभी बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा के लिए भी अपनी आवाज बुलंद करने, बाल विवाह मुक्त भारत का निर्माण करने की शपथ ली.
इसके साथ ही रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर यात्रियों को बाल विवाह के प्रति जागरूक किया गया. बाल विवाह करने से लड़कियों के साथ क्या शारीरिक समस्याएं आ सकती हैं इस पर भी जानकारी दी गई. लोगों से अपील की गई थी, और कहा गया कि यदि आसपास कहीं पर भी बाल विवाह हो रहा है तो उसे रोकने के लिए पुलिस को सूचना दें.
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बाल विवाह की सूचना प्रशासन को दें
प्रयास संस्था से जुड़े राजवीर चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को हम आगे बढ़ाते हुए लोगों से अपील कर रहे हैं कि पूरे देश में बाल विवाह नहीं होना चाहिए. इसके लिए हमने शपथ ली है. यदि कहीं बाल विवाह हो रहा है तो उसकी सूचना पुलिस व प्रशासन को देंगे. राजवीर ने कहा कि मेरा खुद का बाल विवाह हुआ था. इससे जीवन में बहुत सी परेशानी आई. मैं पढ़ना चाहता था लेकिन शादी के बाद जिम्मेदारियां बढ़ गईं.
अनीता अरोड़ा ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. इसके साथ ही यात्रियों को बताया गया कि छोटी उम्र में विवाह करने से क्या क्या नुकसानात हैं. बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर असर पड़ता है. बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए सभी को आगे आना होगा. पुलिस को या 1098 नंबर पर काल करके भी सूचना दे सकते हैं.
सबसे अधिक बाल विवाह बिहार में
पूनम चौहान ने कहा कि सबसे अधिक बाल विवाह बिहार में हो रहा है. दिल्ली एनसीआर में लोगों को हम लोग जागरूक कर रहे हैं, जिससे यहां बाल विवाह के मामले कम आ रहे हैं. चरणजीत ने कहा कि बाल विवाह करने से लड़कियों की मानसिक और शारीरिक ग्रोथ रुक जाती है. इससे लड़कियां अपने पैर पर नहीं खड़ी हो पाती हैं. ऐसे में बाल विवाह रुकना चाहिए. इसी के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
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