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महाराष्ट्र विवाद के बीच पीएम मोदी ने NCP की कुछ यूं की तारीफ

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Published : Nov 18, 2019, 3:24 PM IST

Updated : Nov 18, 2019, 5:31 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ये सदन कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है. पढ़ें पीएम मोदी का संबोधन

राज्यसभा में पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एनसीपी और बीजू जनता दल (बीजेडी) की तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि राकांपा और बीजद से हमें सीख लेना चाहिए क्योंकि उनके सदस्य कभी आसन के समक्ष (वेल) नहीं आते. उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों से सत्ता पक्ष सहित सभी दलों को सीख लेनी चाहिए कि हम आसन के समक्ष आये बिना भी अपना राजनीतिक विकास कर सकते हैं.

पीएम मोदी ने एनसीपी की तारीफ ऐसे समय की है जब महाराष्ट्र में एनसीपी और बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिवसेना के बीच सरकार बनाने की कोशिशें चल रही हैं.

राज्यसभा में पीएम मोदी का संबोधन

अपने संबोधन में उन्होंने आग कहा कि ये सदन कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा में कई इतिहास बने हैं, और कई बार इतिहास को मोड़ने का भी काम किया है. उन्होंने राज्यसभा को दूरदर्शी सदन करार दिया.

राज्यसभा में मिलने वाले मौकों पर पीएम मोदी ने कहा कि ये राजनीति से दूर रहने वाले लोगों को देश के विकास में योगदान करने का एक मौका देता है.

पीएम मोदी ने कहा कि जब भी देश के कल्याण की बात सामने आती है, राज्यसभा ने आगे बढ़कर काम किया है. उन्होंने कहा कि ये माना जाता था कि तीन तलाक के खिलाफ लाया गया बिल इस सदन से पास नहीं होगा, जीएसटी के बारे में भी ऐसा ही सोचा गया था, लेकिन दोनों मामलों में इस सदन से बिल पास हुआ.

उन्होंने 'स्थायित्व एवं विविधता' को राज्यसभा की दो विशेषता बताया. उन्होंने कहा कि भारत की एकता की जो ताकत है वह सबसे अधिक इसी सदन में प्रतिबिंबित होती है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के लिए चुनावी अखाड़ा' पार करना संभव नहीं होता है. किंतु इस व्यवस्था के कारण हमें ऐसे महानुभावों के अनुभवों का लाभ मिलता है.

मोदी ने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं बाबा साहेब अंबेडकर हैं. उन्हें किन्हीं कारणवश लोकसभा में जाने का अवसर नहीं मिल सका और उन्होंने राज्यसभा में आकर अपना मूल्यवान योगदान दिया.

उन्होंने कहा कि यह सदन 'चेक एंड बैलेंस (नियंत्रण एवं संतुलन)' का काम करता है. किंतु 'बैलेंस और ब्लॉक (रुकावट)' में अंतर रखा जाना चाहिए.

उन्होंने राज्यसभा सदस्यों को सुझाव दिया कि हमें 'रुकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए.'

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एनसीपी और बीजू जनता दल (बीजेडी) की तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि राकांपा और बीजद से हमें सीख लेना चाहिए क्योंकि उनके सदस्य कभी आसन के समक्ष (वेल) नहीं आते. उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों से सत्ता पक्ष सहित सभी दलों को सीख लेनी चाहिए कि हम आसन के समक्ष आये बिना भी अपना राजनीतिक विकास कर सकते हैं.

पीएम मोदी ने एनसीपी की तारीफ ऐसे समय की है जब महाराष्ट्र में एनसीपी और बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिवसेना के बीच सरकार बनाने की कोशिशें चल रही हैं.

राज्यसभा में पीएम मोदी का संबोधन

अपने संबोधन में उन्होंने आग कहा कि ये सदन कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा में कई इतिहास बने हैं, और कई बार इतिहास को मोड़ने का भी काम किया है. उन्होंने राज्यसभा को दूरदर्शी सदन करार दिया.

राज्यसभा में मिलने वाले मौकों पर पीएम मोदी ने कहा कि ये राजनीति से दूर रहने वाले लोगों को देश के विकास में योगदान करने का एक मौका देता है.

पीएम मोदी ने कहा कि जब भी देश के कल्याण की बात सामने आती है, राज्यसभा ने आगे बढ़कर काम किया है. उन्होंने कहा कि ये माना जाता था कि तीन तलाक के खिलाफ लाया गया बिल इस सदन से पास नहीं होगा, जीएसटी के बारे में भी ऐसा ही सोचा गया था, लेकिन दोनों मामलों में इस सदन से बिल पास हुआ.

उन्होंने 'स्थायित्व एवं विविधता' को राज्यसभा की दो विशेषता बताया. उन्होंने कहा कि भारत की एकता की जो ताकत है वह सबसे अधिक इसी सदन में प्रतिबिंबित होती है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के लिए चुनावी अखाड़ा' पार करना संभव नहीं होता है. किंतु इस व्यवस्था के कारण हमें ऐसे महानुभावों के अनुभवों का लाभ मिलता है.

मोदी ने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं बाबा साहेब अंबेडकर हैं. उन्हें किन्हीं कारणवश लोकसभा में जाने का अवसर नहीं मिल सका और उन्होंने राज्यसभा में आकर अपना मूल्यवान योगदान दिया.

उन्होंने कहा कि यह सदन 'चेक एंड बैलेंस (नियंत्रण एवं संतुलन)' का काम करता है. किंतु 'बैलेंस और ब्लॉक (रुकावट)' में अंतर रखा जाना चाहिए.

उन्होंने राज्यसभा सदस्यों को सुझाव दिया कि हमें 'रुकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए.'

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रूकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए : मोदी ने राज्यसभा सदस्यों से कहा



नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा के 250वें सत्र को संबोधित किया. उन्होंने  भारत के संसदीय इतिहास में राज्यसभा द्वारा दिए गए योगदान की सराहना करते हुए सभी दलों के सदस्यों को 'रूकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनने' की नसीहत दी.



प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च सदन के 250 वें सत्र के अवसर पर 'भारतीय राजनीति में राज्यसभा की भूमिका, आगे का मार्ग' विषय पर हुई विशेष चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस सदन ने कई ऐतिहासिक पल देखे हैं और कई बार इतिहास को मोड़ने का भी काम किया है.



उन्होंने 'स्थायित्व एवं विविधता' को राज्यसभा की दो विशेषता बताया. उन्होंने कहा कि भारत की एकता की जो ताकत है वह सबसे अधिक इसी सदन में प्रतिबिंबित होती है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति के लिए चुनावी अखाड़ा' पार करना संभव नहीं होता है. किंतु इस व्यवस्था के कारण हमें ऐसे महानुभावों के अनुभवों का लाभ मिलता है.



मोदी ने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण स्वयं बाबा साहेब अंबेडकर हैं. उन्हें किन्हीं कारणवश लोकसभा में जाने का अवसर नहीं मिल सका और उन्होंने राज्यसभा में आकर अपना मूल्यवान योगदान दिया.



उन्होंने कहा कि यह सदन 'चैक एंड बैलेंस (नियंत्रण एवं संतुलन)' का काम करता है. किंतु 'बैलेंस और ब्लॉक (रुकावट)' में अंतर रखा जाना चाहिए.



उन्होंने राज्यसभा सदस्यों को सुझाव दिया कि हमें 'रूकावट के बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए.'


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Last Updated : Nov 18, 2019, 5:31 PM IST
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