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कश्मीर के हालात से चिंतित हैं व्यापारी, कहीं फीकी न पड़ जाए सेब की मिठास

कश्मीर की पहचान, वहां की सेब मंडिया भी है, जिनकी मांग देश से लेकर विदेशों तक है. लेकिन हालिया घटनाओं के कारण कश्मीर में संचार के साधन अवरुद्ध है. इस वजह से स्थानीय सेब उत्पादक और विक्रेता बंपर मांग वाले सीजन में भी व्यवस्था के कारण मजबूर है. पढ़ें क्या है कारण...

संचार सेवा पर प्रतिबंध से सेब मार्केट का भी हाल-बेहाल
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Published : Aug 31, 2019, 8:46 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 12:18 AM IST

अनंतनाग: जम्मू कश्मीर में संचार सेवा और आवागमन पर प्रतिबंध से जहां आम कश्मीरी हलकान है, वहीं फल व्यापारियों का भी हाल-बेहाल है. दरअसल कश्मीर की पहचान, वहां की वादियां, फल-फूलों और से है. खासकर कश्मीरी सेब पूरे विश्व में अपनी मिठास के लिए जाना जाता है. कश्मीर से सेब का व्यापार होता है और यही सेब का देश विदेश में व्यापार होता है. लेकिन हालिया घटनाओं के कारण कश्मीर में संचार के साधन अवरुद्ध है. इस वजह से स्थानीय सेब उत्पादक और विक्रेता इस बंपर मांग वाले सीजन में भी व्यवस्था का दंश झेल रहे है.

संचार सेवा पर प्रतिबंध से कश्मीर का सेब बाजार का हाल-बेहाल

पढ़ें- अनंतनाग की सड़कों पर लोगों से मिलते नजर आए NSA डोभाल, वीडियो आया सामने

एक स्थानीय सेब की खेती करने वाले किसान ने बताया, 'हड़ताल की वजह से यहां का किसान काफी मुश्किल हालात में है. फोन बंद है यहां से हमने गाड़ी भेजी है, लेकिन हमें पता नहीं गाड़ी कहां है. किस भाव पर माल बेचा भी है या नहीं. हम सरकार से अनुरोध करते है कि संचार व्यवस्था और यातायात के साधन फटाफट शुरू करें.'

वहीं एक सेब बागान के मालिक ने कहा, 'अगर सरकार ने तुरंत संचार का सुविधा चालू नही किया तो सेब का व्यापार बुरी तरह बर्बाद हो जाएगा. सभी सीजन का सेब का खराब हो जाएगा. हमारी हुकुमत से दरख्वास्त है संचार सेवा जल्द से जल्द आरंभ करें.'

इस पूरे मसले पर कश्मीर मार्केटिंग और प्लानिंग के अध्यक्ष सैय्यद शहनवाज ने बताया कि सेब जो तैयार थे उन्हें पहले ही भेज दिया गया है. अभी तक 1,20,000 मीट्रिक टन सेब बाहर गया है, जबकि 15 अगस्त से हमारा पीक सीजन चालू हो जाता है. हम ट्रासपोर्ट का इंतजाम करा रहे है. पूरी कोशिश है एफसीआई के गाड़ियों के मदद से बाहर भेजा जाए. अगर माल बाहर नहीं जा पाता है उसे रखने का उचित बंदोबस्त करेंगे. मार्केट में कहां-क्या रेट इस हिसाब से आजतक बेचते आएं है और आगे भी ऐसे ही बेचेगें.

बता दें 5 अगस्त को केन्द्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार को निरस्त कर दिया था. इसके बाद पुर्ण या आंशिक तौर पर कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में संचार के साधन पर निषेध लगा हुआ है.

अनंतनाग: जम्मू कश्मीर में संचार सेवा और आवागमन पर प्रतिबंध से जहां आम कश्मीरी हलकान है, वहीं फल व्यापारियों का भी हाल-बेहाल है. दरअसल कश्मीर की पहचान, वहां की वादियां, फल-फूलों और से है. खासकर कश्मीरी सेब पूरे विश्व में अपनी मिठास के लिए जाना जाता है. कश्मीर से सेब का व्यापार होता है और यही सेब का देश विदेश में व्यापार होता है. लेकिन हालिया घटनाओं के कारण कश्मीर में संचार के साधन अवरुद्ध है. इस वजह से स्थानीय सेब उत्पादक और विक्रेता इस बंपर मांग वाले सीजन में भी व्यवस्था का दंश झेल रहे है.

संचार सेवा पर प्रतिबंध से कश्मीर का सेब बाजार का हाल-बेहाल

पढ़ें- अनंतनाग की सड़कों पर लोगों से मिलते नजर आए NSA डोभाल, वीडियो आया सामने

एक स्थानीय सेब की खेती करने वाले किसान ने बताया, 'हड़ताल की वजह से यहां का किसान काफी मुश्किल हालात में है. फोन बंद है यहां से हमने गाड़ी भेजी है, लेकिन हमें पता नहीं गाड़ी कहां है. किस भाव पर माल बेचा भी है या नहीं. हम सरकार से अनुरोध करते है कि संचार व्यवस्था और यातायात के साधन फटाफट शुरू करें.'

वहीं एक सेब बागान के मालिक ने कहा, 'अगर सरकार ने तुरंत संचार का सुविधा चालू नही किया तो सेब का व्यापार बुरी तरह बर्बाद हो जाएगा. सभी सीजन का सेब का खराब हो जाएगा. हमारी हुकुमत से दरख्वास्त है संचार सेवा जल्द से जल्द आरंभ करें.'

इस पूरे मसले पर कश्मीर मार्केटिंग और प्लानिंग के अध्यक्ष सैय्यद शहनवाज ने बताया कि सेब जो तैयार थे उन्हें पहले ही भेज दिया गया है. अभी तक 1,20,000 मीट्रिक टन सेब बाहर गया है, जबकि 15 अगस्त से हमारा पीक सीजन चालू हो जाता है. हम ट्रासपोर्ट का इंतजाम करा रहे है. पूरी कोशिश है एफसीआई के गाड़ियों के मदद से बाहर भेजा जाए. अगर माल बाहर नहीं जा पाता है उसे रखने का उचित बंदोबस्त करेंगे. मार्केट में कहां-क्या रेट इस हिसाब से आजतक बेचते आएं है और आगे भी ऐसे ही बेचेगें.

बता दें 5 अगस्त को केन्द्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार को निरस्त कर दिया था. इसके बाद पुर्ण या आंशिक तौर पर कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में संचार के साधन पर निषेध लगा हुआ है.

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JK Stories Dated 31.08.2019

Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 12:18 AM IST
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