गुवाहाटी : ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) और असम जातीयवादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने अगले साल की शुरुआत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में प्रवेश की संभावनाओं को देखते हुए एक समिति का गठन किया. दोनों संगठनों के भविष्य के मुद्दे पर यह निर्णय लिया गया है.
शुक्रवार को गुवाहाटी में एक संयुक्त प्रेस वार्ता में आसू और एजेवाईसीपी ने बताया कि राज्य के मूलनिवासियों के भविष्य की रक्षा करने के लिए 18 सदस्यीय समिति अकादमिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक दिशा तय करेगी.
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आसू अध्यक्ष दीपांकर कुमार नाथ ने कहा कि आजादी के बाद से असम में कई दलों की सरकारें बनीं, लेकिन किसी भी सरकार ने राज्य के लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कदम नहीं उठाए.
आपको बता दें कि यह दोनों संगठन नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ थे. दोनों संगठनों ने सीएए को जमकर विरोध किया था.
यह पूछे जाने पर कि क्या छात्र संगठन राजनीति में भाग लेगा, आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने कहा कि आसू और एजेवाईसीपी की गैर राजनीतिक पहचान बरकरार रहेगी. हम आसू में रहकर क्या कर सकते हैं, इसका सुझाव समिति देगी.