नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारत के रक्षा निर्यात में सात सौ फीसदी वृद्धि देखी गई है. रावत ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हथियार बनाने वाली कंपनियों को आयात बंद कर देना चाहिए. कंपनियों को खुद से हथियार बनाना चाहिए, जिससे भारत रक्षा उपकरणों का अगला निर्यातक बन सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सैन्य जरूरतों पर किसी अन्य देश पर निर्भर रहना पड़ता है. देश को इससे निकलना चाहिए और खुद से सैन्य हथियारों का निर्माण करना चाहिए.
जनरल ने कहा कि इस साल लखनऊ में डिफेंस एक्सपो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच वर्षों में पांच बिलियन अमरीकी डालर के रक्षा निर्यात करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
जनरल रावत ने बताया कि साल 2016-17 में भारत का रक्षा निर्यात 1521 करोड़ रुपये था, जो साल 2018-19 में 10,750 करोड़ रुपये पर तक पहुंच गया.
जनरल ने आगे कहा कि साल 2019 में रक्षा निर्यातकों की सूची में भारत का 19वां स्थान रहा, जो अब तक सबसे ज्यादा है.
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जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अब वक्त आ गए है कि हथियार बनाने वाली कंपनियों को आयत बंद कर देना चाहिए. कंपनियों को खुद से हथियार बनाना चाहिए, जिससे भारत रक्षा उपकरणों का अगला निर्यातक बन सकता है.
आपकों बता दें कि जनरल बिपिन रावत कैटालाइजिंग डिफेंस एक्सपोर्ट विषय पर आयोजित एक ई-सिम्पोजियम को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित कर रहे थे.
जनरल रावत ने कहा कि कोरोना ने एक बार फिर नागरिक और रक्षा दोनों क्षेत्रों पर आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के गंभीर प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया है.