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भारत में सितम्बर 2018 से अगस्त 2019 तक 292 पुलिसकर्मी शहीद : रिपोर्ट - 292 पुलिसकर्मी शहीद

एक आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार स्वतंत्रता से लेकर इस साल अगस्त तक 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया है.

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Published : Oct 20, 2019, 4:07 PM IST

मुंबई : देश में पिछले वर्ष सितम्बर से लेकर इस साल अगस्त महीने तक आतंकवाद रोधी और अन्य अभियानों में सीआरपीएफ तथा बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों के कर्मियों सहित कुल 292 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है.

आंकड़ों में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्वतंत्रता से लेकर इस साल अगस्त तक 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया है.

सितम्बर 2018 से इस साल अगस्त तक शहीद होने वाले राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों की संख्या सबसे अधिक 67 है. इनमें सीआरपीएफ के वे 40 जवान भी शामिल हैं, जो इस साल 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गये थे.

विभिन्न पुलिस बलों और संगठनों से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए एक बयान में कहा गया कि एक साल की अवधि में शहीद होने वालों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 41, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 23 और जम्मू कश्मीर पुलिस के 24 कर्मी शामिल हैं.

सूची में महाराष्ट्र पुलिस के 20 कर्मियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें से 15 इस साल मई में गढ़चिरौली में माओवादियों द्वारा किये गये बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गये थे.

इस एक साल की अवधि में शहीद होने वालों में छत्तीसगढ़ पुलिस के 14, कर्नाटक पुलिस के 12, रेलवे रक्षा बल (आरपीएफ) के 11, दिल्ली पुलिस के 10, राजस्थान पुलिस के 10, बिहार पुलिस के सात और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) के छह कर्मी शामिल हैं.

इनके अलावा झारखंड, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा के पुलिस बलों तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय अपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा असम राइफल्स के कर्मियों का नाम भी शहीद होने वालों की सूची में हैं.

आंकड़ों के अनुसार अर्धसैनिक बलों के शहीद होने वाले जवानों में ज्यादातर की जानें नक्सलवाद और सीमा पार से चलाए जा रहे आतंकवाद के चलते गईं.

राज्य पुलिस बलों के कर्मियों की जान नक्सलियों, आतंकवादियों, शराब और बालू माफिया से निबटने तथा कानून व्यवस्था से जुड़े अन्य दायित्वों को निभाते समय गई.

स्वतंत्रता से लेकर अगस्त 2019 तक कुल 35,136 पुलिसकर्मियों ने राष्ट्र की रक्षा और लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराते समय अपना बलिदान दिया.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : पाक की फायरिंग में दो जवान शहीद, एक नागरिक की भी मौत

शहीद पुलिसकर्मियों के नाम सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस के दौरान पढ़े जाएंगे.

पुलिस स्मृति दिवस 1959 में चीनी सैनिकों की गोलीबारी में शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है.

मुंबई : देश में पिछले वर्ष सितम्बर से लेकर इस साल अगस्त महीने तक आतंकवाद रोधी और अन्य अभियानों में सीआरपीएफ तथा बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों के कर्मियों सहित कुल 292 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. यह जानकारी आधिकारिक आंकड़ों में दी गई है.

आंकड़ों में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्वतंत्रता से लेकर इस साल अगस्त तक 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने अपना बलिदान दिया है.

सितम्बर 2018 से इस साल अगस्त तक शहीद होने वाले राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों की संख्या सबसे अधिक 67 है. इनमें सीआरपीएफ के वे 40 जवान भी शामिल हैं, जो इस साल 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गये थे.

विभिन्न पुलिस बलों और संगठनों से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए एक बयान में कहा गया कि एक साल की अवधि में शहीद होने वालों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 41, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 23 और जम्मू कश्मीर पुलिस के 24 कर्मी शामिल हैं.

सूची में महाराष्ट्र पुलिस के 20 कर्मियों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें से 15 इस साल मई में गढ़चिरौली में माओवादियों द्वारा किये गये बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गये थे.

इस एक साल की अवधि में शहीद होने वालों में छत्तीसगढ़ पुलिस के 14, कर्नाटक पुलिस के 12, रेलवे रक्षा बल (आरपीएफ) के 11, दिल्ली पुलिस के 10, राजस्थान पुलिस के 10, बिहार पुलिस के सात और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) के छह कर्मी शामिल हैं.

इनके अलावा झारखंड, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा के पुलिस बलों तथा सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय अपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) तथा असम राइफल्स के कर्मियों का नाम भी शहीद होने वालों की सूची में हैं.

आंकड़ों के अनुसार अर्धसैनिक बलों के शहीद होने वाले जवानों में ज्यादातर की जानें नक्सलवाद और सीमा पार से चलाए जा रहे आतंकवाद के चलते गईं.

राज्य पुलिस बलों के कर्मियों की जान नक्सलियों, आतंकवादियों, शराब और बालू माफिया से निबटने तथा कानून व्यवस्था से जुड़े अन्य दायित्वों को निभाते समय गई.

स्वतंत्रता से लेकर अगस्त 2019 तक कुल 35,136 पुलिसकर्मियों ने राष्ट्र की रक्षा और लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराते समय अपना बलिदान दिया.

पढ़ें- जम्मू-कश्मीर : पाक की फायरिंग में दो जवान शहीद, एक नागरिक की भी मौत

शहीद पुलिसकर्मियों के नाम सोमवार को पुलिस स्मृति दिवस के दौरान पढ़े जाएंगे.

पुलिस स्मृति दिवस 1959 में चीनी सैनिकों की गोलीबारी में शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है.

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PRI GEN NAT
.NAGPUR BOM2
MH-POLICE-MARTYRS
292 cops martyred in India from Sep 2018 to Aug 2019: Police
         Nagpur, Oct 20(PTI) As many as 292 police personnel,
including from paramilitary forces like the CRPF and BSF, have
lost their lives in the line of duty across the country
between September 2018 and August this year during anti-terror
and other operations, according to official data.
         It also mentioned that over 35,000 police personnel
have sacrificed their lives for the country from Independence
till August this year.
         Of the 292 state and paramilitary personnel killed
between September 2018 and August this year, the Central
Reserved Police Force (CRPF), which is at the forefront of
fight against terrorists and insurgents, topped the list with
67 casualties.
         These included 40 CRPF personnel killed in a terror
attack at Pulwama in Kashmir in February this year, said the
official statement quoting figures received from various
police forces and organisations.
         Besides,41 personnel of the Border Security Force
(BSF), 23 of the Indo-Tibetan Border Police (ITBP) and 24 of
Jammu and Kashmir Police were killed during the one-year
period.
         The list also includes 20 Maharashtra Police
personnel, including 15 killed in a landmine blast triggered
by Maoists in Gadchiroli district in May this year.
         Apart from these, 14 personnel of Chhhattisgarh
Police, 12 of Karnataka Police, 11 of the Railway Protection
Force (RPF), 10 each of Delhi Police and Rajasthan Police,
seven of Bihar Police and six of the Central Industrial
Security Force (CISF) were also killed during the period.
         The list also included those killed from police forces
of Jharkhand, Uttarakhand, Arunachal Pradesh, Haryana,
Manipur, Andhra Pradesh, Madhya Pradesh, Sikkim, Himachal
Pradesh and Tripura, and the Sashastra Seema Bal (SSB),
National Disaster Response Force (NDRF) and Assam Rifles.
         As per the data, maximum number of paramilitary jawans
died while dealing with cross-border terrorism and Naxalism
within the country.
         The state police personnel were martyred while dealing
with Naxals, terrorists, liquor and sand mafias and on other
law and order duties, it said.
         From Independence to August 2019, total 35,136 police
personnel sacrificed their lives for safeguarding the nation
and providing security to people, it added.
         The names of 292 martyrs would be read out during the
Police Commemoration Day functions on Monday.
         The day is observed to pay homage to 10 policemen
killed in firing by Chinese troops in 1959. PTI COR
GK
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