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स्वास्थ्य सूचकांक में बिहार, हिमाचल व उत्तराखंड पिछड़े, नहीं मिलेगा अतिरिक्त फंड - नेशनल हेल्थ मिशन

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत करने के विभिन्न मानदंडों पर कुछ राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया. जिन राज्यों का प्रदर्शन खराब रहा उनमें बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मिजोरम सहित 14 राज्य शामिल हैं. इन राज्यों को एनएचएम से वह निधि नहीं मिलेगी जो केंद्र अच्छा प्रदर्शन करने पर देता है.

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Published : Oct 10, 2019, 7:38 AM IST

Updated : Oct 10, 2019, 7:36 PM IST

नई दिल्ली : राज्यों की 'स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण शर्तता' 2018-19 की रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट में कुछ राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. जिन राज्यों का खराब प्रदर्शन रहा है, उनमें बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम समेत 14 राज्य शामिल हैं. खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों पर दंड लगाया गया है.

अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले राज्यों को एनएचएम से वह निधि नहीं मिलेगी, जो केंद्र अच्छा प्रदर्शन करने पर देता है.

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के निदेशक और अतिरिक्त सचिव मनोज झिलानी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि राज्यों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने के लिए फैसले लेने जरूरी थे.

NHM निदेशक मनोज झिलानी से बातचीत

उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार एनएचएम के फंड में से 20 प्रतिशत की कटौती करेगी तो राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर करने के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों का प्रदर्शन बेहतर होगा उन्हें भी मान्यता दी जाएगी.

इन राज्यों का प्रदर्शन अच्छा रहा
दादरा एवं नगर हवेली, हरियाणा, असम, केरल और पंजाब ने उन शीर्ष पांच राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी जगह बनाई है, जिन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत करने के विभिन्न मानदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया.

इन राज्यों का प्रदर्शन खराब रहा
राज्यों की ‘स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण शर्तता रिपोर्ट’ 2018-19 के अनुसार बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम समेत 14 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रदर्शन सूचकांक में खराब प्रदर्शन किया तथा इसके लिए उन पर दंड लगाया गया है. इसका अर्थ यह हुआ कि उन्हें एनएचएम से वह निधि नहीं मिलेगी, जो केंद्र अच्छा प्रदर्शन करने पर देता है.

राज्यों का जिन मानदंडों के आधार आकलन किया गया, उनमें स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का परिचालन, एनएचएम कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की ग्रेडिंग आदि शामिल है.

इन राज्यों पर लगाया गया जुर्माना
पर्वतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर शर्त पूरा नहीं करने को लेकर दंड लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि आठ पूर्वोत्तर राज्यों में से चार राज्य शर्त पूरी नहीं कर पाये. असम, त्रिपुरा और मणिपुर को प्रोत्साहन राशि के लिए चुना गया है. अन्य 11 राज्यों में से नौ को प्रोत्साहित किया गया और दो पर दंड लगाया गया.

पढ़ें- WHO के साथ मिलकर देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत बनाएगा भारत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन राशि देना उत्पादकता, दक्षता बढ़ाने और विकास तेज करने का सिद्ध तरीका है. भारत में एनएचएम के तहत यह प्रणाली इसी सोच के आधार पर शुरू की गई.

रिपोर्ट के अनुसार 20 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहन राशि के लिए चुना गया, दो राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को न तो प्रोत्साहन राशि मिली और न ही उन पर दंड लगाया गया जबकि शेष राज्यों को दंडित किया गया है.

नई दिल्ली : राज्यों की 'स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण शर्तता' 2018-19 की रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट में कुछ राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. जिन राज्यों का खराब प्रदर्शन रहा है, उनमें बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम समेत 14 राज्य शामिल हैं. खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों पर दंड लगाया गया है.

अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले राज्यों को एनएचएम से वह निधि नहीं मिलेगी, जो केंद्र अच्छा प्रदर्शन करने पर देता है.

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के निदेशक और अतिरिक्त सचिव मनोज झिलानी ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि राज्यों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करने के लिए फैसले लेने जरूरी थे.

NHM निदेशक मनोज झिलानी से बातचीत

उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार एनएचएम के फंड में से 20 प्रतिशत की कटौती करेगी तो राज्य स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर करने के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों का प्रदर्शन बेहतर होगा उन्हें भी मान्यता दी जाएगी.

इन राज्यों का प्रदर्शन अच्छा रहा
दादरा एवं नगर हवेली, हरियाणा, असम, केरल और पंजाब ने उन शीर्ष पांच राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी जगह बनाई है, जिन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत करने के विभिन्न मानदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया.

इन राज्यों का प्रदर्शन खराब रहा
राज्यों की ‘स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण शर्तता रिपोर्ट’ 2018-19 के अनुसार बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम समेत 14 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रदर्शन सूचकांक में खराब प्रदर्शन किया तथा इसके लिए उन पर दंड लगाया गया है. इसका अर्थ यह हुआ कि उन्हें एनएचएम से वह निधि नहीं मिलेगी, जो केंद्र अच्छा प्रदर्शन करने पर देता है.

राज्यों का जिन मानदंडों के आधार आकलन किया गया, उनमें स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का परिचालन, एनएचएम कार्यक्रम के तहत आने वाले जिलों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की ग्रेडिंग आदि शामिल है.

इन राज्यों पर लगाया गया जुर्माना
पर्वतीय राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर शर्त पूरा नहीं करने को लेकर दंड लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि आठ पूर्वोत्तर राज्यों में से चार राज्य शर्त पूरी नहीं कर पाये. असम, त्रिपुरा और मणिपुर को प्रोत्साहन राशि के लिए चुना गया है. अन्य 11 राज्यों में से नौ को प्रोत्साहित किया गया और दो पर दंड लगाया गया.

पढ़ें- WHO के साथ मिलकर देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत बनाएगा भारत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन राशि देना उत्पादकता, दक्षता बढ़ाने और विकास तेज करने का सिद्ध तरीका है. भारत में एनएचएम के तहत यह प्रणाली इसी सोच के आधार पर शुरू की गई.

रिपोर्ट के अनुसार 20 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहन राशि के लिए चुना गया, दो राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को न तो प्रोत्साहन राशि मिली और न ही उन पर दंड लगाया गया जबकि शेष राज्यों को दंडित किया गया है.

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Last Updated : Oct 10, 2019, 7:36 PM IST
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