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भारत बायोटेक ने 'कोवैक्सीन' के आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मांगी

भारत बायोटेक ने अपने कोविड 19 वैक्सीन के आपातकालीन प्राधिकार के लिए सोमवार को DCGI में आवेदन किया है. इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने अपनी कोविड 19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमति मांगी थी.

भारत बायोटेक
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Published : Dec 7, 2020, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : भारत बायोटेक ने अपने कोविड 19 वैक्सीन के आपातकालीन प्राधिकार के लिए आज DCGI में आवेदन किया है. सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में CDSO बुधवार को भारत बायोटेक, फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा दिए गए आवेदन का मूल्यांकन करेगा.

इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने रविवार को अपनी कोविड 19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमति मांगी है. वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा की प्रमुख प्रोफेसर डॉ सुनीता गर्ग ने ईटीवी भारत को एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि डीसीजीआई (DCGI) ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के निर्माण और बिक्री को स्वीकृति दे सकता है.

डॉ गर्ग ने कहा कि SII के साथ एक सकारात्मक बात है कि यह घरेलू कंपनी है और वैक्सीन बनाने वाली सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है. SII ने पहले ही 40 मिलियन खुराक का निर्माण कर लिया है. इसके अलावा सीरम की वैक्सीन अपने तीसरे चरण में और अबतक कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है.

उन्होंने कहा कि पहले सीरम की वैक्सीन के साइड इफेक्ट का दावा किया गया था लेकिन यह दावे गलत निकले. चूंकि कंपनी शुरुआत में परीक्षण कर रही थी इसलिए इस तरह के दावे किए गए.

ईटीवी भारत से बात करती डॉ सुनीता गर्ग

DCGI ने कोविड 19 की वैक्सीन की खुराक लेने वाले स्वयंसेवक और उसकी बिगड़ती स्वास्थ्य हालत के बीच कोई संबंध नहीं पाया है.

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन अलग-अलग स्थानों में कोविड 19 वैक्सीन निर्माण कंपनियों का दौरा किया था. बाद में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक में पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि अगले कुछ सप्ताह में देश में सस्ती और सुरक्षित वैक्सीन तैयार होगी.

वहीं, फाइजर ने भी भारत में प्रत्यक्ष विनिर्माण और बिक्री के लिए अनुमति मांगी है. फाइजर से संबंधित एक और बात यह है कि इस टीके को माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड में स्टोर करने की जरूरत होती है.

इस पर डॉ गर्ग ने कहा कि फाइजर ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगी है तो देखना होगा कि क्या सरकार 70 डिग्री सेंटीग्रेड के तहत जनता को वैक्सीन की आपूर्ति कर पाती है या नहीं. हालांकि सभी के लिए इसकी पूर्ति करना संभव नहीं है लेकिन आपात स्थिति में यह जरूर संभव है. उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों जैसे एम्स, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज आदि में 70 डिग्री सेंटीग्रेड सुविधा केंद्र मौजूद हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीसीजीआई आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर और सीरम की वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी दिखा रही है.

पढ़ें - 'कोरोना वैक्सीन की 1.6 अरब खुराक के साथ सबसे बड़ा खरीदार होगा भारत'

डॉ गर्ग ने कहा कि देश में कोरोना के मामलों की संख्या एक करोड़ की तरफ बढ़ रही है. हालांकि इनमें कमी भी आ रही है लेकिन हम यकीन से नहीं कह सकते कि देश पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो जाएगा. इसलिए ऐसे माहौल में महत्वपूर्ण है कि हम अपनी आबादी को कम करने के बारे में सोचें.

डॉ गर्ग ने कहा कि भारत के पास कोविड 19 की वैक्सीन के लिए कई वैक्सीन विकल्प हैं. उन्होंने कहा कि देश को ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो लगभग दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेड के साथ रखी जा सके.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ का मानना ​​है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला भी जल्द से जल्द कोविड 19 वैक्सीन दे सकते हैं.

नई दिल्ली : भारत बायोटेक ने अपने कोविड 19 वैक्सीन के आपातकालीन प्राधिकार के लिए आज DCGI में आवेदन किया है. सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में CDSO बुधवार को भारत बायोटेक, फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा दिए गए आवेदन का मूल्यांकन करेगा.

इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने रविवार को अपनी कोविड 19 वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमति मांगी है. वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में सामुदायिक चिकित्सा की प्रमुख प्रोफेसर डॉ सुनीता गर्ग ने ईटीवी भारत को एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि डीसीजीआई (DCGI) ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के निर्माण और बिक्री को स्वीकृति दे सकता है.

डॉ गर्ग ने कहा कि SII के साथ एक सकारात्मक बात है कि यह घरेलू कंपनी है और वैक्सीन बनाने वाली सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है. SII ने पहले ही 40 मिलियन खुराक का निर्माण कर लिया है. इसके अलावा सीरम की वैक्सीन अपने तीसरे चरण में और अबतक कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है.

उन्होंने कहा कि पहले सीरम की वैक्सीन के साइड इफेक्ट का दावा किया गया था लेकिन यह दावे गलत निकले. चूंकि कंपनी शुरुआत में परीक्षण कर रही थी इसलिए इस तरह के दावे किए गए.

ईटीवी भारत से बात करती डॉ सुनीता गर्ग

DCGI ने कोविड 19 की वैक्सीन की खुराक लेने वाले स्वयंसेवक और उसकी बिगड़ती स्वास्थ्य हालत के बीच कोई संबंध नहीं पाया है.

बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीन अलग-अलग स्थानों में कोविड 19 वैक्सीन निर्माण कंपनियों का दौरा किया था. बाद में सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक में पीएम मोदी ने घोषणा की थी कि अगले कुछ सप्ताह में देश में सस्ती और सुरक्षित वैक्सीन तैयार होगी.

वहीं, फाइजर ने भी भारत में प्रत्यक्ष विनिर्माण और बिक्री के लिए अनुमति मांगी है. फाइजर से संबंधित एक और बात यह है कि इस टीके को माइनस 70 डिग्री सेंटीग्रेड में स्टोर करने की जरूरत होती है.

इस पर डॉ गर्ग ने कहा कि फाइजर ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए अनुमति मांगी है तो देखना होगा कि क्या सरकार 70 डिग्री सेंटीग्रेड के तहत जनता को वैक्सीन की आपूर्ति कर पाती है या नहीं. हालांकि सभी के लिए इसकी पूर्ति करना संभव नहीं है लेकिन आपात स्थिति में यह जरूर संभव है. उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों जैसे एम्स, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज आदि में 70 डिग्री सेंटीग्रेड सुविधा केंद्र मौजूद हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डीसीजीआई आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर और सीरम की वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी दिखा रही है.

पढ़ें - 'कोरोना वैक्सीन की 1.6 अरब खुराक के साथ सबसे बड़ा खरीदार होगा भारत'

डॉ गर्ग ने कहा कि देश में कोरोना के मामलों की संख्या एक करोड़ की तरफ बढ़ रही है. हालांकि इनमें कमी भी आ रही है लेकिन हम यकीन से नहीं कह सकते कि देश पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो जाएगा. इसलिए ऐसे माहौल में महत्वपूर्ण है कि हम अपनी आबादी को कम करने के बारे में सोचें.

डॉ गर्ग ने कहा कि भारत के पास कोविड 19 की वैक्सीन के लिए कई वैक्सीन विकल्प हैं. उन्होंने कहा कि देश को ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो लगभग दो से आठ डिग्री सेंटीग्रेड के साथ रखी जा सके.

स्वास्थ्य विशेषज्ञ का मानना ​​है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला भी जल्द से जल्द कोविड 19 वैक्सीन दे सकते हैं.

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