ETV Bharat / bharat

हैदराबाद निगम चुनाव में चर्चा का केंद्र बिंदु बना भाग्यलक्ष्मी मंदिर, जानें क्यों? - जीएचएमसी

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव प्रचार के दौरान भाग्यलक्ष्मी मंदिर चर्चा में है. टीआरएस का आरोप है कि भाजपा नेता जानबूझकर इस मंदिर की बात कर रहे हैं. एआईएमआईएम का कहना है कि भाजपा वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए मंदिर की बात कर रही है. वहीं, भाजपा का कहना है कि मंदिरों में जाने के लिए क्या इजाजत लेनी होगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूजा-अर्चना की.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूजा-अर्चना की.
author img

By

Published : Nov 29, 2020, 6:07 PM IST

हैदराबाद : शहर में ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर एक दिसंबर को होने वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा का केंद्र बिंदु बन गया है, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के लिए यहां पहुंचने के बाद पूजा-अर्चना की.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूजा अर्चना की.

यह मंदिर पुराने शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है. इस इलाके को एक समुदाय विशेष की अधिक आबादी के कारण एक समय सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील समझा जाता था. शहर के इस हिस्से में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का प्रभाव है.

भाजपा ने मुख्यमंत्री को दी थी चुनौती

चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को वर्षा प्रभावित लोगों से 10,000 रुपये की राहत राशि के लिए आवेदन लेना बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न पोस्ट में दावा किया गया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी संजय कुमार के पत्र के बाद आयोग ने सहायता रोकने का आदेश दिया.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री
भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री

बाद में कुमार ने चुनौती दी थी कि मुख्यमंत्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर आएं. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री की मौजूदगी में देवी के नाम पर शपथ लेने को तैयार हैं. इसके बाद भाजपा नेता मंदिर भी गए.

पढ़ें- इस बार हैदराबाद में भाजपा का मेयर होगा : अमित शाह

जानबूझकर भाग्यलक्ष्मी मंदिर का जिक्र : टीआरएस
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं का आरोप है कि भाजपा नेता जानबूझकर भाग्यलक्ष्मी मंदिर की बात कर रहे हैं, क्योंकि यह सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाके में पड़ता है.

राजनीतिक विश्लेषक और पूर्व विधान परिषद सदस्य प्रोफेसर नागेश्वर के अनुसार भाजपा नेता बार-बार मंदिर जाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं और दुर्भाग्य की बात है कि एआईएमआईएम भी यही चाहती है.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूजा अर्चना की.
भाग्यलक्ष्मी मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूजा अर्चना की.

उन्होंने कहा कि भाग्यलक्ष्मी मंदिर विवादित है. एआईएमआईएम भी इसका विरोध कर रही है और यह पुराने शहर में पड़ता है. भाजपा भाग्यनगर (हिंदुओं के लिए) बनाम हैदराबाद (मुस्लिमों के लिए) की बहस को जन्म देना चाहती है. भाजपा का शासन का कोई एजेंडा नहीं है, वे केवल वोटों का ध्रुवीकरण चाहते हैं. एमआईएम के पास भी शासन का कोई वैकल्पिक एजेंडा नहीं है, वे भी वोटों का ध्रुवीकरण चाहते हैं.

पढ़ें-ओवैसी के गढ़ में शाह बोले- एक बार लिखकर दें, मैं रोहिंग्या को निकालता हूं

मंदिरों में जाने के लिए क्या अनुमति लेनी होगी : भाजपा
तेलंगाना भाजपा के मुख्य प्रवक्ता कृष्ण सागर राव ने कहा कि पुराने शहर में स्थित मंदिर के संजय कुमार के दौरे का मुद्दा टीआरएस ने बनाया है. उन्होंने कहा कि टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव द्वारा मंदिर जाने का बार-बार मजाक बनाए जाने से हैदराबाद के नागरिकों के मन में सवाल पैदा हुए हैं.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री
भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री

कृष्ण सागर राव ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि क्या हिंदुओं को पुराने शहर में मंदिरों में जाने के लिए एमआईएम की अनुमति लेनी होगी? क्या केटीआर और उनके पिता के चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री) फैसला करेंगे कि हमारे पार्टी अध्यक्ष को किस मंदिर में जाना चाहिए? टीआरएस के मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण भाग्यनगर का मंदिर इस प्रचार अभियान में चर्चा का केंद्रबिंदु बन गया है.

वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही भाजपा : एआईएमआईएम

मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि ऐसा यह संदेश देने के लिए है कि टीआरएस जैसी पार्टियों द्वारा मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए हिंदुओं को दबाया नहीं जा सकता या अपमानित नहीं किया जा सकता.

इस बारे में जब एआईएमआईएम के एक वरिष्ठ नेता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि चारमीनार के पास 1969 से पहले कोई मंदिर नहीं था. उन्होंने कहा कि भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाकर भाजपा नेता वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं.

हैदराबाद : शहर में ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर एक दिसंबर को होने वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनाव प्रचार के दौरान चर्चा का केंद्र बिंदु बन गया है, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के लिए यहां पहुंचने के बाद पूजा-अर्चना की.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूजा अर्चना की.

यह मंदिर पुराने शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है. इस इलाके को एक समुदाय विशेष की अधिक आबादी के कारण एक समय सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील समझा जाता था. शहर के इस हिस्से में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का प्रभाव है.

भाजपा ने मुख्यमंत्री को दी थी चुनौती

चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को वर्षा प्रभावित लोगों से 10,000 रुपये की राहत राशि के लिए आवेदन लेना बंद करने का आदेश दिया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न पोस्ट में दावा किया गया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी संजय कुमार के पत्र के बाद आयोग ने सहायता रोकने का आदेश दिया.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री
भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री

बाद में कुमार ने चुनौती दी थी कि मुख्यमंत्री भाग्यलक्ष्मी मंदिर आएं. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री की मौजूदगी में देवी के नाम पर शपथ लेने को तैयार हैं. इसके बाद भाजपा नेता मंदिर भी गए.

पढ़ें- इस बार हैदराबाद में भाजपा का मेयर होगा : अमित शाह

जानबूझकर भाग्यलक्ष्मी मंदिर का जिक्र : टीआरएस
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नेताओं का आरोप है कि भाजपा नेता जानबूझकर भाग्यलक्ष्मी मंदिर की बात कर रहे हैं, क्योंकि यह सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाके में पड़ता है.

राजनीतिक विश्लेषक और पूर्व विधान परिषद सदस्य प्रोफेसर नागेश्वर के अनुसार भाजपा नेता बार-बार मंदिर जाकर वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं और दुर्भाग्य की बात है कि एआईएमआईएम भी यही चाहती है.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूजा अर्चना की.
भाग्यलक्ष्मी मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पूजा अर्चना की.

उन्होंने कहा कि भाग्यलक्ष्मी मंदिर विवादित है. एआईएमआईएम भी इसका विरोध कर रही है और यह पुराने शहर में पड़ता है. भाजपा भाग्यनगर (हिंदुओं के लिए) बनाम हैदराबाद (मुस्लिमों के लिए) की बहस को जन्म देना चाहती है. भाजपा का शासन का कोई एजेंडा नहीं है, वे केवल वोटों का ध्रुवीकरण चाहते हैं. एमआईएम के पास भी शासन का कोई वैकल्पिक एजेंडा नहीं है, वे भी वोटों का ध्रुवीकरण चाहते हैं.

पढ़ें-ओवैसी के गढ़ में शाह बोले- एक बार लिखकर दें, मैं रोहिंग्या को निकालता हूं

मंदिरों में जाने के लिए क्या अनुमति लेनी होगी : भाजपा
तेलंगाना भाजपा के मुख्य प्रवक्ता कृष्ण सागर राव ने कहा कि पुराने शहर में स्थित मंदिर के संजय कुमार के दौरे का मुद्दा टीआरएस ने बनाया है. उन्होंने कहा कि टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव द्वारा मंदिर जाने का बार-बार मजाक बनाए जाने से हैदराबाद के नागरिकों के मन में सवाल पैदा हुए हैं.

भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री
भाग्यलक्ष्मी मंदिर में पूजा करते गृह मंत्री

कृष्ण सागर राव ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि क्या हिंदुओं को पुराने शहर में मंदिरों में जाने के लिए एमआईएम की अनुमति लेनी होगी? क्या केटीआर और उनके पिता के चंद्रशेखर राव (मुख्यमंत्री) फैसला करेंगे कि हमारे पार्टी अध्यक्ष को किस मंदिर में जाना चाहिए? टीआरएस के मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण भाग्यनगर का मंदिर इस प्रचार अभियान में चर्चा का केंद्रबिंदु बन गया है.

वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही भाजपा : एआईएमआईएम

मंदिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि ऐसा यह संदेश देने के लिए है कि टीआरएस जैसी पार्टियों द्वारा मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए हिंदुओं को दबाया नहीं जा सकता या अपमानित नहीं किया जा सकता.

इस बारे में जब एआईएमआईएम के एक वरिष्ठ नेता से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि चारमीनार के पास 1969 से पहले कोई मंदिर नहीं था. उन्होंने कहा कि भाग्यलक्ष्मी मंदिर जाकर भाजपा नेता वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.