नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव ने कोविड-19 के उपचार में एलोपैथी की प्रभावकारिता पर उनकी कथित टिप्पणी को लेकर विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. वहीं आईएमए द्वारा दर्ज प्राथमिकी में दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की भी मांग की है.
आईएमए की पटना और रायपुर इकाई ने योग गुरु रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि कोविड-19 नियंत्रण प्रक्रिया में उनकी टिप्पणियों से पूर्वाग्रह की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और यह लोगों को महामारी के खिलाफ उचित इलाज के प्रति हतोत्साहित कर सकती है.
बाबा रामदेव ने अपनी याचिका में पटना और रायपुर में दर्ज प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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बाबा रामदेव ने मामले में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ मिलाकर दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने न्यायालय से अंतरिम राहत के तौर पर आपराधिक शिकायतों की जांच पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है.
गौरतलब है कि बाबा रामदेव के कथित बयान से देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की बहस शुरू हो गई थी. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा टिप्पणी को अनुचित करार दिए जाने और पत्र लिखने के बाद बाबा रामदेव ने 23 मई को अपना बयान वापस ले लिया था।(पीटीआई-भाषा)