नई दिल्ली: कोरोना काल में विधान सभा चुनाव 2022 होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने हालात को देखते हुए प्रचार पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया है. आयोग ने साफ कर दिया है कि कोई भी पार्टी आदेश का उल्लंघन नहीं करेगी. हालांकि 31 जनवरी तक चुनाव प्रचार पर रोक है उसके बाद अर्थात 1 फरवरी को इलेक्शन कमीशन कोरोना के हालात का जायजा लेने के बाद अपना फैसला लेगा. वहीं, कोरोना से जुड़ी पाबंदियों के साथ खुली जगहों पर वीडियो वैन लगाकर भी प्रचार किया जा सकेगा. इस दौरान सभी राजनीतिक दलों को कोरोना प्रोटोकॉल के पालन करने और कराने की हिदायतें भी दी है.
आयोग ने कहा है कि कोई भी वीडियो प्रचार गाड़ी एक जगह पर 30 मिनट से ज्यादा देर तक नहीं रुकेगी. बता दें, कोविड 19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए आयोग ने सख्त रुख अपनाया है. जानकारी के मुताबिक, पहले चरण के लिए प्रत्याशियों की आखिरी सूची 27 जनवरी तक तय होने के कारण इस चरण की सीटों पर पार्टियों और उम्मीदवारों को पहले से निर्धारित खुले स्थानों पर अधिकतम 500 लोगों, मैदान की क्षमता के 50 प्रतिशत या संबंधित क्षेत्र में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा स्वीकृत क्षमता (इनमें से जो सबसे कम होगा) के साथ 28 जनवरी से 8 फरवरी तक चुनावी सभा करने की अनुमति दे दी गई है. इन्हीं शर्तों के साथ दूसरे चरण के लिए एक फरवरी से 12 फरवरी तक प्रचार की अनुमति दी गई है.
जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनावी सभाओं के लिए खुले स्थानों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा अन्य सभी प्रतिबंध पहले की तरह लागू होंगे और प्रचार के दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों एवं चुनाव आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य होगा. खुले स्थान पर स्वीकृत क्षमता की शर्तों के साथ आयोग ने चुनाव प्रचार में वीडियो वैन के इस्तेमाल की अनुमति दी है. वीडियो वैन का इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान रखना होगा कि जनता को असुविधा और यातायात प्रभावित न हो.
आयोग की तरफ से जो निर्देश दिए गए हैं उसके मुताबिक वैन का संचालन केवल सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच किया जा सकता है और इन वाहनों का उपयोग रैलियों और रोड शो के लिए नहीं किया जा सकता है. पार्टियों को इन वाहनों के माध्यम से बाजार क्षेत्रों या भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर अपनी प्रचार सामग्री प्रदर्शित करने पर रोक है. यह राजनीतिक दल की जिम्मेदारी होगी कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसी भी स्थान पर वाहन को देखने के लिए अधिकतम ठहराव 30 मिनट से अधिक न हो. पंजाब, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं.
पीटीआई