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असम व मिजोरम की सरकारें विवादित सीमा पर तटस्थ बलों को तैनात पर सहमत हुई: केंद्रीय गृह मंत्रालय

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Published : Jul 28, 2021, 9:14 PM IST

असम-मिजोरम की अंशात सीमा पर तटस्थ केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा. यहां संघर्ष में पांच पुलिस कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी. यह निर्णय केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया. बैठक में असम व मिजोरम के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक ने भाग लिया.

केंद्रीय गृह मंत्रालय
केंद्रीय गृह मंत्रालय

नई दिल्ली : असम-मिजोरम की अंशात सीमा पर तटस्थ केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा. यहां संघर्ष में पांच पुलिस कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में दो घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया है जिसमें असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत तथा मिजोरम के उनके संबंधित समकक्षों लालनुनमाविया चुआंगो और एसबीके सिंह ने हिस्सा लिया.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर अशांत अंतरराज्यीय सीमा पर तटस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती के लिए सहमति व्यक्त की है.तटस्थ बल की कमान सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के हाथ में होगी. इसके अलावा, बल के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए, दोनों राज्य सरकारें उचित समय सीमा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन्वय से व्यवस्था करेंगी.

अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने असम और मिजोरम के प्रतिनिधिमंडलों को यह भी बताया कि दोनों सरकारों को सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के लिए पारस्परिक रूप से चर्चा जारी रखनी चाहिए. असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को बुलाया था.

ये भी पढ़ें - Assam Mizoram dispute: असम-मिजोरम सीमा पर फायरिंग, 6 जवानों की मौत, 80 लोग जख्मी

बाद में, मिजोरम के मुख्य सचिव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है और बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि हर कोई शांति बनाए रखने की कोशिश करेगा और हिंसा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि विवादित क्षेत्र से राज्य बलों को हटाया जा रहा है.

असम के मुख्य सचिव ने कहा कि सीएपीएफ अंतरराज्यीय सीमा की जिम्मेदारी संभालेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस बलों की वापसी की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है. इससे पहले मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'केंद्र सरकार असम-मिजोरम सीमा विवाद से चिंतित है जिसके कारण हिंसा हुई और छह लोगों की मौत हो गई. बैठक का उद्देश्य तनाव कम करना, शांति स्थापित करना और संभावित समाधान खोजना है.'

अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक भी बैठक में शामिल हुए क्योंकि अर्धसैनिक बल के जवानों को असम-मिजोरम के तनावग्रस्त सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है. मिजोरम पुलिस ने असम के अधिकारियों की एक टीम पर सोमवार को गोलीबारी कर दी, जिसमें में असम पुलिस के पांच कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक सहित 50 से अधिक अन्य लोग जख्मी हो गए.

असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी की मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी और सीमा विवादों को सुलझाने की जरूरत को रेखांकित किया था, जिसके दो दिन बाद यह घटना हुई थी.

नई दिल्ली : असम-मिजोरम की अंशात सीमा पर तटस्थ केंद्रीय बलों को तैनात किया जाएगा. यहां संघर्ष में पांच पुलिस कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में दो घंटे तक चली बैठक में यह निर्णय लिया गया है जिसमें असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत तथा मिजोरम के उनके संबंधित समकक्षों लालनुनमाविया चुआंगो और एसबीके सिंह ने हिस्सा लिया.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 306 पर अशांत अंतरराज्यीय सीमा पर तटस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती के लिए सहमति व्यक्त की है.तटस्थ बल की कमान सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के हाथ में होगी. इसके अलावा, बल के कामकाज को सुविधाजनक बनाने के लिए, दोनों राज्य सरकारें उचित समय सीमा में केंद्रीय गृह मंत्रालय के समन्वय से व्यवस्था करेंगी.

अधिकारियों ने बताया कि गृह सचिव ने असम और मिजोरम के प्रतिनिधिमंडलों को यह भी बताया कि दोनों सरकारों को सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के लिए पारस्परिक रूप से चर्चा जारी रखनी चाहिए. असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा संघर्ष को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों को बुलाया था.

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बाद में, मिजोरम के मुख्य सचिव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है और बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि हर कोई शांति बनाए रखने की कोशिश करेगा और हिंसा में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि विवादित क्षेत्र से राज्य बलों को हटाया जा रहा है.

असम के मुख्य सचिव ने कहा कि सीएपीएफ अंतरराज्यीय सीमा की जिम्मेदारी संभालेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस बलों की वापसी की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है. इससे पहले मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'केंद्र सरकार असम-मिजोरम सीमा विवाद से चिंतित है जिसके कारण हिंसा हुई और छह लोगों की मौत हो गई. बैठक का उद्देश्य तनाव कम करना, शांति स्थापित करना और संभावित समाधान खोजना है.'

अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ के महानिदेशक भी बैठक में शामिल हुए क्योंकि अर्धसैनिक बल के जवानों को असम-मिजोरम के तनावग्रस्त सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है. मिजोरम पुलिस ने असम के अधिकारियों की एक टीम पर सोमवार को गोलीबारी कर दी, जिसमें में असम पुलिस के पांच कर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक सहित 50 से अधिक अन्य लोग जख्मी हो गए.

असम के बराक घाटी के जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी की मिजोरम के तीन जिलों आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आठ पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी और सीमा विवादों को सुलझाने की जरूरत को रेखांकित किया था, जिसके दो दिन बाद यह घटना हुई थी.

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