नई दिल्ली: देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. हर घर तिरंगा अभियान चल रहा है. ऐसे में आने वाले साल के लिए गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं. असम के कैदियों ने 5000 से ज्यादा तिरंगे बनाने का लक्ष्य रखा है. असम की जेल महानिरीक्षक बरनाली शर्मा (Barnali Sharma) ने इसका खुलासा करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि असम में पहली बार कैदी जेल के अंदर राष्ट्रीय तिरंगा बना रहे हैं.
बरनाली शर्मा ने कहा कि 'हर घर तिरंगा कार्यक्रम' के एलान के बाद से जेल में राष्ट्रीय ध्वज सिलने की गतिविधियां शुरू की गई हैं. हमारे जेल के कैदी जेल परिसर में तिरंगा फहराने के लिए तैयारी कर रहे हैं. साथ ही असम की कुछ जेलों के कैदियों ने राष्ट्रीय तिरंगा तैयार करने का फैसला किया है ताकि 26 जनवरी को आने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इसे फहराया जा सके. उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने एक केंद्रीय आउटलेट स्थापित किया है जहां से लोगों के लिए ये तिरंगे बेचे जाएंगे. शर्मा ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के मद्देनजर असम सरकार ने राज्य की विभिन्न जेलों से 18 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है.
चार कैदियों को केंद्रीय जेल गुवाहाटी से, चार-चार कैदी केंद्रीय जेल-जोरहाट और डिब्रूगढ़ से, दो कैदियों को केंद्रीय जेल नौगांव से, एक को जिला जेल अभयपुरी से और तीन कैदियों को विशेष जेल-नौगांव से रिहा किया जाएगा. शर्मा ने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन के बाद, हम पूरे असम की विभिन्न जेलों से कम से कम 18 कैदियों को रिहा करेंगे.'
जून में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कुछ श्रेणियों के कैदियों को उन्हें तीन चरणों में रिहा करने के लिए कहा था. ये तीन चरण 15 अगस्त, 2022 (भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष), 26 जनवरी 2023 (गणतंत्र दिवस) और 15 अगस्त (2023) हैं. इस विशेष छूट पहल के तहत 50 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला कैदी, जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है उन्हें छोड़ा जाएगा. इसके साथ ही 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के ट्रांसजेंडर दोषी जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है उन्हें भी रिहा किया जाएगा.
पुरुष कैदियों की बात करें तो 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के कैदी जिन्होंने अपनी कुल सजा अवधि का 50 प्रतिशत पूरा कर लिया है, 70 प्रतिशत दिव्यांग लोग और 18-21 वर्ष के बीच की कम उम्र में अपराध करने वाले जिनकी किसी अन्य अपराध में संलिप्तता नहीं, उन्हें विशेष छूट मिलेगी.
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